Class 10 SST
Chapter 15
लोकतंत्र में जन सहभागिता
Public participation in democracy
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प्रश्न 01: 1989 में पंजीकृत मतदाताओ की संख्या अचानक क्यों बढ़ गई होगी ?
उत्तर : सन 1989 में 61 संविधान संशोधन के माध्यम से मतदान के लिय आयु सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया ताकि देश का युवा वर्ग मतदान में अपनी भागीदारी कर पाए | इसी के कारण 1889 में मतदाताओ की सख्या अचानक बढ़ गई |
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प्रश्न 02: तालिका – 1 में महिला और पुरुष मतदान के बीच तुलना करे ओर बाते की इस अंतर के क्या – क्या कारण हो सकते है ?
उत्तर : महिला का मतदान प्रतिशत पुरुषों की तुलना में सदैव ही कम रहा है | इसका प्रमुख कारण साक्षरता और जागरूकता का अभाव रहा है | दूसरा परम्परागत कारण कि महिलाएं केवल घर के कार्य में ही अपनी भूमिका का होना है | इसी के कारण पुरुष और महिलाओं के मतदान प्रतिशत में यह अंतर देखने को मिलता है |
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प्रश्न 03: मतदान प्रतिशत में उतर – चढ़ाव की स्थिति के क्या कारण हो सकते है? पिछले अध्याय के आधार पर विश्लेषण करें
उत्तर : मतदाता, मताधिकार का प्रयोग करते समय अनेक कारणों से प्रभावित होते है| मतदाताओं के सामने एक ओर देश के व्यापक हित और नीतिगत बातों पर राय आदि तत्व महत्व रखते है | लेकिन साथ -साथ अक्सर संकुचित हित जैसे जाति, धर्म, क्षेत्रीयता , भाषावाद , स्थानीय ताकतवर लोगों का प्रभाव मतदाताओं के व्यवहार को प्रभावित करता है | उदाहरण के लिए 1977 के चुनाव में जब लोकतंत्र के समक्ष आपातकाल एक खतरा बना तब भारी मतदान करते हुए मतदाताओं ने आपातकाल का विरोध किया | इसी तरह 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई और तब एक बार फिर भारी मतदान हुआ लोगो ने कांग्रेस को अभूतपूर्व बहुमत दिया | आमतौर पर देखा गया है की मतदाता वर्तमान सरकार का कामकाज , उम्मीदवारों का निजी गुण और संपर्क तथा दलों की घोषणाओं में दर्ज लोकहितकारी वायदे के प्रति संवेदनशील होते है | वर्तमान में. टी.वी.,सामाजिक मीडिया और पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से किये गये प्रचार प्रसार से भी मतदाता प्रभावित होते है और उतार चढ़ाव की स्थिति पैदा होती है |
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प्रश्न 04: ऊपर बाते गये मतदान को प्रभावित करने वाले तत्वों में से कौन – से तत्व आपके क्षेत्र में मतदान को प्रभावित करते है| शिक्षक के साथ चर्चा कीजिए |
उत्तर : क्षेत्रीय तौर पर देखा जाए तो प्रत्येक मतदान को प्रभावित करने में उस क्षेत्र के अलग – अलग कारण होते है | ऐसा नहीं है की कोई एक कारण ही सभी क्षेत्र के मतदान तथा मतदाताओं को प्रभावित करते है | क्षेत्रीय मतदान में प्राय , जाति , धर्म , प्रत्याशी का व्यक्तित्व तथा क्षेत्रीय समस्याएं या मुद्दे ही स्थानीय मतदान में अपना प्रभाव दिखाते है |
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प्रश्न 05: जातिवाद , मतदान को कैसे प्रभावित करता है ? शिक्षक की सहायता से चर्चा कीजिये | निम्नलिखित तालिका को चर्चा के बाद पूरा करें |
उत्तर : ऐसा देखा गया है कि जिस क्षेत्र में जिस किसी भी जाति या धर्म के मतदाताओं का बहुमत होता है | वहां लगभग सभी पार्टियाँ के उसी धर्म या जाति के उम्मीदवार को ही अपने पार्टी का टिकट देकर चुनाव लड़वाती है | ताकि उस उम्मीदवार को उस जाति या धर्म को मत मिले और वह विजय प्राप्त कर सके | मतदाता भी अपनी जाति या धर्म का उम्मीदवार देखकर उससे एक जुड़ाव महसूस करता है और उसे वोट देता है | परन्तु धर्म और जाति के आधार पर इस प्रकार का मतदान भारतीय संवैधानिक मूल्यों पर आघात करता है और हमारे लोकतंत्र की जड़े कमजोर होती है |
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प्रश्न 06: एक आदर्श संसद में प्रतिशत महिला सदस्य होने चाहिए ?
उत्तर : यह माना जाता है कि एक आदर्श संसद में महिलाओं की संख्या संसद की कुल सदस्यों की संख्या का एक तिहाई (1/3) होना चाहिए | इसे हम आदर्श संसद कह सकते है|
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प्रश्न 07: उस आदर्श के अनुरूप लोकसभा में कितनी महिला सदस्य होने चाहिये? उत्तर: वर्तमान समय में लोकसभा में अधिकतम सदस्यों की संख्या 552 निर्धारित की गई है| इस प्रकार हम कह सकते है कि 552 का एक तिहाई महिला सदस्य जिसकी संख्या 182 के करीब होती है | यदि संसद में 182 महिला सदस्य हो तो ऐसी संसद को आदर्श संसद कह सकते है |
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प्रश्न 08: वर्तमान में लोकसभा में कितनी महिला संसद है? उत्तर: उल्लेखनीय है कि 17वीं लोकसभा के लिए देश ने सबसे ज्यादा 78 महिला सदस्यों को चुनकर भेजा था | यदि राज्यसभा और लोकसभा दोनों की महिला सदस्यों को मिलाकर देखा जाये तो उनकी कुल संख्या 103 है |
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प्रश्न 09: 1957 से लगातार महिला सदस्यों की संख्या और उनका प्रतिशत बढ़ता जा रहा है? पता कीजिए |
उत्तर: 1957 से देश में महिला सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ रही है |इसका प्रमुख कारण देश में महिलाओं की स्थिति में सतत सुधार,महिलाओं में अपने अधिकार के प्रति जागरूकता , महिलाओं का शिक्षित होना तथा महिलाओं के प्रति समाज में आये सकारात्मक परिवर्तन को इसका श्रेय दे सकते है| इसमें महिलाओं को मिले आरक्षण की भी महत्वपूर्ण भूमिका है जो की कुछ राज्यों ने दिया है|और महिला सशक्तिकरण की भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकताहै|
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प्रश्न 10:किस चुनाव में सबसे कम प्रतिशत महिलाएं जीत पर?इसका एक कारणरहा होगा? उत्तर : सन 1977 में लोकसभा में महिलाओ ने सबसे कम विजय प्राप्त किया | कुल सदस्यों की संख्या का केवल 35 प्रतिशत ही महिलाओ को प्रतिनिधित्व प्राप्त हुआ | इसका कारण उस समय की राजनैतिक स्थितियां ही होगी | क्योंकि यह चुनाव आपातकाल के तुरंत बाद हुआ था और कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई थी जिसके कारण संभवत विपक्ष ने महिलाओ को कम सीटो पर टिकट दिया और इसी कारण महिलाओ का चुनाव में प्रतिशत कम हुआ होगा |
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प्रश्न 11: आपके विचार में विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा महिला को अधिक संख्या में खड़ा क्यों नहीं किया जाता ?
उत्तर : मेरे विचार में प्राचीन काल से ही यह परंपरा चली आ रही है कि महिलाओ के कार्य घर के अंदर तक ही सीमित है और सार्वजनिक जीवन के कार्य पुरुषों के हाथ में आ गये | अब समाज में काफी बदलाव आया है इसके बाद भी सार्वजनिक जीवन में महिलाओ की भागीदारी कम है , क्योंकि चुनाव लड़ने वाली महिलाओ को चुनाव कार्य से बहार रहना पड़ता है| सुरक्षा की समस्या एवं आज भी महिलाओ का अधिक समय तक घर से बहार रहना ठीक नहीं माना जाता | इस कारण से राजनीतिक दल भी उन्हें अधिक मात्रा में टिकट नहीं देते रहे होंगे जिससे उनकी भागीदारी कम है |
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प्रश्न 12: इन सब बातों को देखते हुए क्या आपको लगता है की लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण उचित होगा ?
उत्तर : देश , समाज , और परिवार में महिलाओं की सहभागिता और योगदान पर प्रश्न चिन्ह लगाना उचित नहीं होगा | यदि एक महिला पूरे परिवार की धुरी होती है तो वह गांव , समाज और देश का प्रतिनिधित्व भी बिना किसी भेदभाव के कर सकता है | अतः मेरा मानना है कि लोकतंत्र में यह अति आवश्यक है कि महिलाओ को लोकतान्त्रिक संस्थाओं में प्रतिनिधित्व दिया जाय | लोकतान्त्रिक संस्थाओं में उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना ही लोकतंत्र में उनकी सहभागिता बढ़ा सकता है | यह महिलाओ के विकास एवं लोकतंत्र की दृष्टि से अति आवश्यक होगा | यह कृत भी महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी का एक सूचक है |
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प्रश्न 13: यदि महिला सांसदों की संख्या 60 प्रतिशत हो जय तो समाज ओर राजनीती पर इसका क्या असर पड़ेगा ?
उत्तर : यह ठीक है की सदियों से महिलाओं को चारदीवारी तक सीमित रखा गया है लेकिन अब महिलाओं में जागरूकता आई है | इसलिए जरुरत है महिलाओं की राजनीती में भागीदारी बढ़ाने की | इसके लिए जरुरी है राजनितिक पार्टिया संसद से लेकर पंचायत स्तर तक उनकी भागीदारी बढ़ाये | उनके लिए जागरूकता सिविर लगाये जाये | सभी लोकतान्त्रिक संस्थाओ में महिलाओं के लिए सीटे आरक्षित हो , तभी महिलाएं भी स्वेच्छा से आगे आ सकेगी | वैसे तो अभी पंचायत स्तर पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है , परन्तु कामकाज उनके पति करते है | ऐसे में उनका विकास नहीं हो पाता | अब विधान मंडल और संसद मे भी उनके अविलम्ब आरक्षण देना चाहिए |
महिला सशक्तिकरण वर्तमान समय की एक महती आवश्यकता भी है | क्योंकि भारतीय राजनीति में अनुपातिक रूप से महिलाओं की सहभागिता कम है | यूँ तो 73वे तथा 74वे संविधान संसोधन के फलस्वरूप आरक्षण प्रावधानों से पंचायती राज में महिलाओं की भागीदारी बड़ी है | लेकिन इससे भी आगे प्रयासों की आवश्यकता है | हो सके तो संसद व राज्य विधान मंडलों में महिलाओं की आधी आबादी को 50% आरक्षण दिया जाए | पंचायती राज संस्थाओ निर्वाचन महिलाओं को राजनीति में आगे बढाया जाए | महिलाओं को राजनीति में सशक्त करने के लिए सबसे अहम् कदम शिक्षा में सहभागी बनाना है | इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए | इन प्रयासों का असर यह होगा कि महिलाओं अपने राजनीतिक अधिकारों के प्रति जागरूक होगी जिसके कारण वे राजनीति में हिस्सा बड़े पैमाने पर ले पायेगी |
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प्रश्न 14: साथ के दिये गे आरेख पढ़कर बताये के किस देश की संसद में सबसे अधिक ओर सबसे कम महिलाये है ?
उत्तर : भारतीय संसद में सबसे कम (10%) महिलाएं है और दक्षिण अफ्रीका के संसद में सबसे अधिक (45%) महिलाएं है |
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प्रश्न 15: दक्षिण एशिया के देशों ( भारत , बांग्लादेश , पाकिस्तान में से किस देश की संसद में सबसे अधिक महिलाओं की उपस्थित है ?
उत्तर : भारत , बांग्लादेश व पाकिस्तान में से भारत की संसद में सबसे अधिक महिलाओं की उपस्थिति है |
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प्रश्न 16: कर्नाटक के किसानों ने अपनी मांग को मनवाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाए?
उत्तर : किसानों ने अपनी मांगे मनवाने के लिए सरकार को ज्ञापन सौंपा | सरकार द्वारा कार्यवाही न करने पर सर्वोच्च न्यायलय में याचिका दापर की गयी | 1987 में कुंसुर गाँव में सत्याग्रह शुरू किया गया | इसमे उन्होंने नीलगिरी के पेड़ उखाड़कर उनकी जगह जनता के लिए फायदेमंद पौधें लगाए | किसानों ने विधायको को अपना पक्ष समझाया और विधायको के मध्यम से सरकार पर दबाव डाला | अपने हितो की प्राप्ति के लिए ये समूह ज्ञापन और न्यायलय के याचिका जैसे संवैधानिक साधनों के साथ- साथ प्रचार , हड़ताल प्रदर्शन आदि भी करते रहे |
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प्रश्न 17: आपके क्षेत्र में क्या आपने किसी दबाव समूह द्वारा सरकार कर किसी कार्य का विशेष करते हुए देखा है ? एक उदाहरण दीजिए |
उत्तर : छत्तीसगढ़ प्रदेश में दिसंबर 2012 में शिक्षाकर्मी संघ द्वारा राज्य सरकार के विरूद्ध आन्दोलन प्रारंभ किया गया | इस आन्दोलन की मांग थी शिक्षाकर्मीयो का नियमितीकरण तथा उन्हें निश्चित वेतनमान तथा वेतन वृद्धि प्रदान करना | अंततः सरकार को जिस आन्दोलन के समक्ष झुकना पड़ा तथा जिन शिक्षा कर्मियों का सेवा काल 8 वर्ष हो चुका था , उन्हें नियमित किया गया तथा उन्हें वेतन वृद्धि भी प्रदान की गई |
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प्रश्न 18: आप जिस क्षेत्र में रहते है , वहाँ के कुछ महिला दबाव समूहों के बारे में लिखिए |
उत्तर : दबाव समूह : – दबाव समूह से आशय समान हित वाले ऐसे लोगों के संघ या संगठन से है | जिनका उद्देश्य अपने संगठित प्रयासों के द्वारा अपने हितों की पूर्ति के लिए उस पर दबाव डालना है | दबाव समूह को हितैषी या हितार्थ समूह भी कहा जाता है | यह राजनीतिक दलों से भिन्न होते है | ये न तो चुनाव में भाग लेते है और न ही राजनीतिक शक्तियों को प्राप्त करने की कोशिश करते है | इस समूह का उद्देश्य सार्वजनिक हित के साथ साथ अपने सदस्यों का हित कल्याण करना होता है|
छत्तीसगढ़ अंचल में महिला दबाव समूह का शराबबंदी आन्दोलन – यह घटना रायपुर शहर से 15 किमी की दूर बसे माना कैंप नगर पंचायत की है | जहां नगर के प्रवेश मार्ग पर शराब की दुकान थी जिसे हटाने हेतु महिलाओं ने आंदोलन किया | अतः 2015 में एक महीने तक महिलाओं ने शराब की दुकान के सामने धरना दिया | इस आंदोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा और माना नगर पंचायत से शराब की दुकान हटाई गई हमारे क्षेत्र में कई महिला संगठन हैं जो महिलाओं के हितों की रक्षा हेतु कानून बनाने के लिए सरकार पर दबाव डालते हैं जैसे कामकाजी महिला संगठन महिला श्रमिक संगठन आदि |
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प्रश्न 19: लोकतंत्र में संगठन बनाने का अधिकार क्यों जरूरी है,इस पर चर्चा करें |
उत्तर : लोकतांत्रिक संविधान में नागरिकों को संगठन बनाने का अधिकार अंकित होता है| भारतीय संविधान में भी इसे मौलिक अधिकार माना गया है |नागरिक अपने विविध जरूरतों को पूरा करने और अपने सामूहिक हित के लिए तरह-तरह के संगठन बनाते हैं | इस तरह के समूह किसी देश में कितनी मात्रा में बनते हैं और कितनी स्वतंत्रता के साथ काम करते हैं यह वहां के लोकतंत्र के स्वास्थ्य का परिचायक होता है | इसके माध्यम से लोग सक्रिय होते हैं,और सामुदायिक जीवन को सुदृढ़ करते हैं | शासन की भूमिका यहां इतना ही है कि वह यह सुनिश्चित करें कि यह संगठन कानून के दायरे में काम करें और सार्वजनिक हित को हानि न पहुंचाएं इस कारण इन संगठनों के पंजीकरण का प्रावधान है लेकिन ऐसे संगठन का पंजीकरण आवश्यक नहीं है | जब तक वह इन्हें अनौपचारिक रखना चाहते हैं अतः संगठन के माध्यम से लोग अपनी सुरक्षा के साथ-साथ अपने अधिकारों को भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं | अतः लोकतंत्र में संगठन बनाने का अधिकार जरूरी है |
अभ्यास :-
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प्रश्न 01: सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार किसे कहते है ? उत्तर : 18 वर्ष के होने के बाद किसी भी वयस्क को अपनी इच्छा के अनुसार मत देने का अधिकार है | वह अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी व्यक्ति को जिता सकता है, इस अधिकार को ही व्यस्क मताधिकार कहते है | जिसमे किसी भी मनुष्य को जन्म से लेकर 18 वर्ष के पूर्ण होने के बाद चाहे वह गरीब हो या अमीर, चाहे वह किसी भी धर्म का हो अगर उस देश का निवासी है तो वह अपने नेता को चुनने का उसके पास अधिकार होता है|
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प्रश्न 02: राजनैतिक दलों का मुख्य उद्देश्य क्या है ? उत्तर : राजनैतिक दलों का मुख्य उद्देश्य जनमत को अपने पक्ष में करना तथा सरकार को अपनी निर्धारित नीतियों के अनुसार चलाने हेतु सरकार पर नियंत्रण स्थापित करना है | अर्थात राजनैतिक दलों का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में भाग लेना तथा जनता जनार्दन की सेवा करना है |
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प्रश्न 03: भारत में मतदाताओं की जनसंख्या में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है ? उत्तर : हाल ही में किए गए एक सर्वे में कहा गया है कि देश में 50% आबादी 25 साल के युवाओं की है | भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के महिला – पुरुषों को बिना किसी भेदभाव के मताधिकार दिया गया है | भारत में 18 वर्ष की आयु से अधिक के सभी महिला – पुरुषों को मताधिकार प्राप्त होने के कारण मतदाताओं की संख्या अधिक है |
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प्रश्न 04: मतदान व्यवहार का आशय समझाइए ?
उत्तर :- प्रत्येक लोकतांत्रिक और यहां तक की अलोकतांत्रिक देशों में भी नागरिकों को मतदान का अधिकार दिया गया है| इसके लिए प्रायः एक निश्चित आयु का होना जरूरी होता है | जैसे भारत में मतदान का अधिकार उस व्यक्ति को दिया जाता है जो 18 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु प्राप्त कर चुका हो | नागरिक मतदान करते समय जिन-जिन तथ्यों के वशीभूत होते हैं,अथवा प्रभावित होते हैं उसे मतदान व्यवहार कहा जाता है| मतदान व्यवहार विभिन्न राजनीतिक व्यवस्थाओं में विभिन्न प्रकार का हो सकता है | मतदान व्यवहार के अध्ययन का क्षेत्र अत्यंत व्यापक और महत्वपूर्ण है |
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प्रश्न 05: मतदान व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्व कोन – कोन से है
उत्तर : मतदान व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्व –
1)दलीय निष्ठा 2)राजनीतिक मुद्दों का चुनाव
3) मतदाताओं की आर्थिक स्थिति 4)सामाजिक स्थिति
5)धार्मिक भावनाएं 6) लिंगानुपात
7) आयु 8)शिक्षा 9) क्षेत्र
10) नेतृत्व की भूमिका 11) प्रत्याशियों के प्रति मतदाताओं का रुझान 12) भाषाई तत्व 13) युद्ध अथवा राष्ट्रीय संकट
14) राजनीतिक स्थिरता की अभिलाषा 15) राजनीतिक दलों की विचारधारा ,नीतियां ,एवं कार्यक्रम
16) चुनाव प्रचार 17) धन की भूमिका
18) तत्कालीन मामला 19) लोकवादी नारे 20) सत्तारूढ़ दल का आचरण
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प्रश्न 06: लोकतंत्र में मतदान के अतिरिक्त जन – सहभागिता के कोन -कोन से माध्यम है और क्या -क्या हो सकते है ?
उत्तर : लोकतंत्र में मतदान के अतिरिक्त जनसहभागिता बढ़ती है,यह माध्यम है- विभिन्न दबाव समूह के माध्यम से सहभागिता, आंदोलनों के माध्यम से समाचार – पत्रों, मीडिया, आवेदन पत्रों के
माध्यम से सहभागिता, विभिन्न संगठनों के माध्यम से सहभागिता, ट्रेड यूनियन व मजदूर संघ के माध्यम से सहभागिता आदि |
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प्रश्न 07: भारत में जनप्रतिनिधित्व के कोई 6 मुख्य राजनैतिक संस्थाओं के नाम लिखिए | उत्तर : भारत में जनप्रतिनिधित्व के प्रमुख राजनैतिक संगठन निम्न है –
1) भारतीय जनता पार्टी 2) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 3) समाजवादी पार्टी 4) बहुजन समाज पार्टी 5) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
6) भारतीय राष्ट्रवादी कांग्रेस
7) राष्ट्रीय जनता दल
8) तृणमूल कांग्रेस 9) शिवसेना
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प्रश्न 08: दबाव समूह एवं राजनीतिक दल में मुख्य अंतर बताइए जिससे उनकी पहचान की जा सकती है |
उत्तर : दबाव समूह और राजनीतिक दलों में निम्नलिखित अंतर है -`
1) राजनीतिक दल में अनेक नेता होते है जबकि दबाव समूहों का नेतृत्व केवल एक नेता द्वारा होता है | 2)राजनीतिक दल सत्ता में प्रत्यक्ष भूमिका निभाते है और सत्ता पर उनका नियंत्रण होता है इसके विपरीत दबाव समूहों में यह ताकत नहीं होती |
3) राजनीतिक दलों में कुछ चुने ही लोग ही होते है ,जबकि दबाव समूहों में पूरा वर्ग शामिल होताहै 4) राजनीतिक दलों में पास शक्ति होती है , इसकी जड़ें गहरी होती है जबकि दबाव समूह केवल जनता की शक्ति पर निर्भर करता है |
प्रश्न 09: संचार के माध्यम कौन – कौन से है ?
उत्तर : संचार के कई माध्यम है – रेडियो , टी.वी , सोशल मीडिया , पत्र , पत्रिकाएं , समाचार – पत्र, सिनेमा आदि |
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प्रश्न 10: राजनैतिक दल को सरकार बनाने का अधिकार किस शर्त पर प्राप्त होता है|
उत्तर: किसी भी राजनैतिक दल को आम चुनाव के बाद सरकार बनाने का अधिकार तब प्राप्त होता है | जब लोकसभा या विधानसभा में उसके प्रतिनिधि कुल संख्या के आधे से अधिक (बहुमत ) चुनकर अर्थात दो तिहाई (बहुमत) चुनकर आये है | यदि किसी राजनैतिक दल को सदन में बहुमत प्राप्त नहीं है तो ऐसी स्थिति में सबसे बड़ा राजनैतिक दल अन्य दलों के सहयोग कि बहुमत सिद्ध कर सकता है , ऐसी सरकार गठबंधन सरकार कहलाती है |
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प्रश्न 11: भारत में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण लिखिए |
उत्तर : भारत में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण जनसंख्या वृद्धि ही है | क्योंकि भारत में सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार है | अतः कुल जनसँख्या में 18 वर्ष आयु से अधिक सभी लोगों को मताधिकार प्राप्त है | 1989 में मतदाता की निम्नतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई है | इस कारण मतदाताओं की संख्या और बढ़ गई |
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प्रश्न 12: लोकतंत्र में जन सहभागिता को समझाइए | उत्तर : – लोकतंत्र में जन सहभागिता उस प्रक्रिया का नाम है जो किसी राजनीतिक प्रणाली के संचालन एवं निर्देशन में लोगों की भरपूर सहभागिता पर जोर देती है | वैसे लोकतंत्र का आधार ही लोग हैं और सभी लोकतंत्र साझेदारी पर ही आधारित है | किंतु फिर भी सहभागी लोकतंत्र सामान्य सहभागिता के बजाय कहीं अधिक सहभागिता की बात करती है | लोकतंत्र का संचालन जन सहभागिता से होता है| विभिन्न माध्यमों से लोगों को लोकतंत्र में सहभागी बनाया जाता है| उदाहरण के लिए इसमें अधिकांश पुरुष है अतः महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें आरक्षण देने की बात चल रही है | स्थानीय निकायों में उन्हें 33% आरक्षण दिया जा रहा है| इसी प्रकार अनुसूचित जातियों की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु उन्हें लोकसभा एवं विधानसभाओं में उनकी आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिया गया है | इनके अलावा जो लोग चुनाव नहीं लड़ सकते वे लोग दबाव समूहों के माध्यम से अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हैं |शेष लोग मीडिया ,समाचार पत्र व पत्रिकाओं के माध्यम से अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हैं |
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प्रश्न 13: दबाव समूह एवं राजनीतिक दल में क्या अंतर है ?
उत्तर : राजनीतिक दल और दबाव समूह में निम्न अंतर है :-
1) राजनीतिक दल औपचारिक संगठन होते है,जबकि दबाव समूह औपचारिक तथा अनौपचारिक दोनों प्रकार के संगठन हो सकते है |
2) राजनीतिक दल चुनाव के माध्यम से सत्ता प्राप्त कर अपने सिद्धांतों का क्रियान्वयन करने का प्रयास करते है जबकि दबाव समूह प्रत्यक्षत: सरकार में शामिल होने के लिए चुनाव नहीं लड़ते | 3) एक व्यक्ति एक ही राजनीतिक दल का सदस्य हो सकता है जबकि एक व्यक्ति एक समय में अनेक दबाव समूहों का सदस्य हो सकता है |
4) राजनीतिक दलों में विचारधारा का महत्व अत्यधिक होता है किसी राजनीतिक दल में शामिल होने वाले सभी व्यक्ति एक विचारधारा पर सहमत होते है जबकि दबाव समूह में विचारधारा का महत्व अपेक्षाकृत कम होता है |
5) राजनीतिक दल सामान्यतः लोकतांत्रिक देशों की विशेषता है किन्तु दबाव समूह सभी प्रकार की शासन प्रणाली में पाए जाते है|
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प्रश्न 14: भारत मर मताधिकार की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष क्यों की गई?
उत्तर : यह माना जाता है की जितने अधिक लोग किसी भी लोकतांत्रिक चुनाव में मत देंगे उस चुनाव के बाद बनने वाली सरकार उतनी ही अधिक लोकतान्त्रिक होगी | अधिक लोगो का सरकार बनने की प्रक्रिया में शामिल होना लोकतंत्र का एक मापदण्ड है | भारतीय संविधान में पहले कोई भी नागरिक जिनकी आयु 21 वर्ष या इससे ऊपर थी वह अपने क्षेत्र में होने वाले स्थानीय निकायों राज्य विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में मत दे सकता था | 1989 में 61 वे संविधान संशोधन के माध्यम से इसे कम करके 18 वर्ष कर दिया गया ताकि देश का युवा वर्ग चुनाव में भागीदारी कर पाए |
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प्रश्न15 : मतदाता किन – किन करने से मतदान करने नहीं जाते है ?
उत्तर : बहुत से मतदाता चुनाव के समय जागरूक नहीं होते और वे मतदान करने नहीं जाते कई कारणों से मतदाता, मतदान करने नहीं जाते जैसे –
1) कई मतदाता सोचते है कि मेरे एक वोट से क्या फर्क पड़ता है |
2) कुछ लोग यह सोचते है कि चुनाव में मेरा अपना कोई नजदीकी व्यक्ति तो प्रत्याशी है नहीं अतः मुझे वोट देने नहीं जाना है |
3 )कुछ लोग वोट इस कारण नहीं जाते कि कोई अच्छा प्रत्याशी चुनाव में नहीं खड़ा है |
4 )कई लोग अपने अन्य निजी कारणों से वोट डालने नहीं जाते है |
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प्रश्न 16 : दर्ज मतदाताओं की संख्या और मतदान करने वाले लोगो की संख्या में अधिक अंतर होता है |
उत्तर : 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी महिला पुरुष मतदाता के रूप में पंजीकृत होते है | जबकि मतदान के समय बहुत सारे मतदाता मत देने जाते ही नहीं है | अतः मतदान करने वालों की संख्या दर्ज मतदाताओं से काफी कम होती है |
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प्रश्न 17 : राजनैतिक दल व दबाव समूह की विशेषताएं लिखिए |
उत्तर : राजनैतिक दल की विशेषताएं –
1) राजनीतिक दल विशिष्ट सिद्धांतों के आधार पर संगठित व्यक्तियों का समूह है|
2) राजनीतिक दल बहुत सारे व्यक्तियों का स्थायी संगठन है |
3) राजनितिक दल और अपने सदस्यों के हितो को ध्यान में रखते हुए समाज के व्यापक हित को बढ़ावा देना चाहता है |
4) राजनीतिक दल के सदस्यों में सामान्य लक्ष्यों व सिद्धांतों पर आम सहमति पाई जाती है |
5) राजनीतिक दल का कार्यक्रम स्पष्ट होता है |
6) राजनीतिक दल अपने सिद्धांतों ,नीतियों व कार्यक्रम को कार्यान्वित करने के लिए राजनीतिक शक्ति प्राप्त करना चाहता है |
7) राजनीतिक दल राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने के लिए चुनाव में भाग लेता है |
8) राजनीतिक दल अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए शांतिपूर्ण तथा संविधान व् कई बार असंवैधानिक साधन भी अपनाता है |
9) राजनीतिक दल राजनीतिक सत्ता की प्राप्ति के बाद अपने सिद्धांत को व्यवहारिक रूप देना शुरू कर देता है |
दबाव समूह की विशेषताएं –
1) दबाव समूह औपचारिक रूप से संगठित व्यक्ति के समूह होते है |
2) दबाव समूह के निर्माण का आधार स्वहित होता है और इसी की प्राप्ति करना इसका ध्येय भी होता है |
3) दबाव समूह सरकार में भाग नहीं लेते लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से सरकार की नीतियों को प्रचारित करते है |
4) दबाव समूह सदस्य संख्या , उद्देश्य , चुनाव आदि की दृष्टि से राजनीतिक दलों से अलग होता है |
5) दबाव समूह सरकार पर अपना प्रभाव राजनीतिक दलों के माध्यम से ही डालते है|
6) दबाव समूहों का कार्यक्षेत्र राजनीतिक डालो की तुलना में सीमित है |
7) दबाव समूह सभी प्रकार की राजनीतिक व्यवस्थाओ में पाए जाते है | इसी कारण उनकी प्रकृति सर्वव्यापी होती है |
8) दबाव समूह की सदस्यता ऐच्छिक होती है एक व्यक्ति एक समय में एक या अनेक दबाव समूहों का सदस्य बन सकता है |
9) दबाव समूह का कार्यकाल अनिश्चित होता है |
10) दबाव समूह गैर राजनीतिक संगठन होते है |
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प्रश्न 18 : क्या कारन है की स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान प्रतिशत 100 तक भी हो जाती है जबकि विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में जन सहभागिता 50 प्रतिशत के आसपास होता है |
उत्तर : स्थानीय निकायों के चुनाव में निर्वाचवें क्षेत्र छोटे – छोटे होते है जिन्हे वार्ड भी कहते है | और चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी सीधे तोर से मतदाताओं से जुड़ा हुआ रहता है| इस कारण वार्डो के सभी मतदाता वोट डालने जाते है | इसके विपरीत विधानसभा और लोकसभा के निर्वाचन क्षेत्र अपेक्षा कृत बड़े होते है | इन क्षेत्रो के प्रत्याशी सभी मतदाताओं के सीधे सम्पर्क में नहीं रहते है इस कारण विधानसभा लोकसभा चुनाव में जनसहभागिता 50% के आसपास रहती है |
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प्रश्न 19 : सन् 1984 में कर्नाटक में घटित किटिखो हच्चिको आंदोलन ने किस प्रकार शासन को किसानों के पक्ष में निर्णय के लिए दबाव बनाया?इस घटना के प्रभाव का उल्लेख कीजिए |
उत्तर :- 1984 में कर्नाटक सरकार ने “कर्नाटक पल्पवुड लिमिटेड” नाम से एक कंपनी बनाई और उसे 30000 हेक्टेयर जमीन 40 सालों के लिए दे दी | उस जमीन का इस्तेमाल किसान अपने पशुओं के लिए चारागाह के रूप में करते आ रहे थे | कंपनी ने उस जमीन पर नीलगिरी के पेड़ लगाने शुरू किए | इन पेड़ो का इस्तेमाल कागज बनाने कि लुगदी तैयार करने के लिए किया जाना था | लेकिन पहले से 1986 से किसान और राज्य के जाने-माने लेखक और पर्यावरणविदों ने मिलकर सामुदायिक जमीन बचाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया | उन्होंने सरकार और मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया और उनके द्वारा कोई कार्यवाही ना करने पर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की | सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि पहले जैसी यथास्थिति बनी रहे लेकिन इसके बावजूद जमीन गांव वासियों को ना मिलने पर 1987 में कुन्सूर नामक गांव में सत्याग्रह शुरू किया गया जिसका नाम था किटिखो हच्चिको अर्थात उखाड़ो और रोपो | इसमें लोगों ने नीलगिरी पेड़ उखाड़ कर उनकी जगह पर ऐसे पेड़ों के पौधे लगाए जो जनता के लिए फायदेमंद थे | किसानों व बुद्धिजीवियों के आंदोलन ने एक दबाव समूह के रूप में कार्य किया| इस आंदोलन ने सरकार पर दबाव डालकर उसकी नीति को बदलने पर मजबूर कर दिया | इस प्रकार हम कह सकते हैं कि दबाव समूह विशेष समूह के हितों की रक्षा के लिए सरकार को प्रभावित करने का प्रयास करता हैं | अपने हितों की प्राप्ति के लिए यह समूह ज्ञापन और न्यायालय में याचिका जैसे संवैधानिक साधनों के साथ साथ प्रचार, हड़ताल, प्रदर्शन आज भी करते हैं |
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प्रश्न 20 : सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार न हो तब लोकतंत्र में सहभागिता किस प्रकार प्रभावित होगी ?
उत्तर : सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार न होने की स्थिति में सभी को मताधिकार प्राप्त नहीं होगा, जिसके कारण गरीब लोग मतदान से वंचित हो जाएंगे | सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त है | इसके अभाव में सभी लोग समानता और बराबरी से चुनाव में मतदान नहीं कर सकते है | अतः इसके अभाव में सहभागिता बहुत ही कम हो जाएगी |
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प्रश्न 21 : मतदान व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्व कौन -कौन से है |
उत्तर : मतदाता, मताधिकार का प्रयोग करते समय अनेक कारणों से प्रभावित होते हैं| मतदाताओं के सामने एक और देश के व्यापक हित और नीतिगत बातों पर राय आदि तत्व महत्व रखते हैं | लेकिन साथ-साथ अक्सर संकुचित हित जैसे जाति, धर्म, क्षेत्र, क्षेत्रीय भाषावाद स्थानीय ताकतवर लोगों का प्रभाव भी मतदाताओं के व्यवहार को प्रभावित करते हैं | उदाहरण के लिए 1977 के चुनाव में जब लोकतंत्र के समक्ष आपातकाल एक खतरा बन गया तब भारी मतदान करते हुए मतदाताओं ने आपातकाल का विरोध किया इसी तरह 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तब
एक बार फिर भारी मतदान हुआ और लोगों ने कांग्रेस को अभूतपूर्व बहुमत दिया | आमतौर पर यह देखा गया है कि मतदाता वर्तमान सरकार का कामकाज उम्मीदवारों का निजी गुण और संपर्क तथा दलों की घोषणाओं में दर्ज लोक हितकारी वायदे आदि के प्रति संवेदनशील होते हैं वर्तमान में टी.वी,सामाजिक मीडिया और पत्रिकाओं के माध्यम से किए गए प्रचार से भी मतदाता काफी प्रभावित होते हैं|
अभ्यास:-
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प्रश्न 1: खाली स्थानों की पूर्ति कीजिये |
1 . भारत में ——— लोकतंत्र को अपनाया गया है |
2 . भारत में वयस्क मताधिकार—–वर्ष की आयु पूर्ण होने पर प्राप्त होता है
3 . राजनैतिक दल ———औपचारिक संगठन है |
4 . चुनाव के लिए राजनैतिक दलों का पंजीकरण ————- संस्था में होता है |
5 . भारत में लोकतंत्र की स्थापना के लिए चुनाव करने का कार्य।————-करता है |
6 . राष्ट्रपति संसद में लोकसभा में ———– वर्ग के २ सदस्यों का।
7 . भारत में ———- मतदान का अधिकार है |
8 . संसद में महिला सांसदों का सर्वाधिक प्रतिशत ————देश में है |
9 . राजनैतिक दलों से घनिष्ठ सम्बन्ध वाले समूह ———— संगठन कहलाते है |
10 . हिन्दू कोड बिल पारित करने में ——— दबाव समूह की भूमिका थी |
उत्तर : 1) प्रतिनिधि , 2) 18 , 3) विचार , 4) निर्वाचन आयोग , 5) चुनाव आयोग ,
6) आंग्ल भारतीय , 7) व्यस्क , 8) दक्षिण अफ्रीका , 9) दबाव समूह , 10) महिला |
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प्रश्न 2 : बहुविकल्पों में से सही विकल्प का चयन कर लिखिए :-
प्रश्न 1 . भारत में किसी व्यक्ति का मताधिकार कब समाप्त हो सकता है ?
1 . कोई व्यक्ति 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका है |
2 . भारत का नागरिक हो |
3 . न्यायालय द्वारा अयोग्य घोषित किया गया हो |
4 . मतदाता सूची में नाम न हो |
उत्तर : मतदाता सूची में नाम न हो |
प्रश्न 2 . निर्भया कांड के परिणामस्वरूप 16 वर्ष की अवस्था के बच्चो को वयस्कों की भाटी सजा का प्रावधान दिलवाने में किसकी महती भूमिका रही है |
1 . जन आंदोलन
2. मीडिया
3 .सरकार
4 . उनके परिवार
उत्तर : जन आंदोलन
प्रश्न 3.मतदान की आयु सीमा 21वर्ष से घटाकर 18वर्ष किस संविधान संशोधन में की गई?
1 . 52 वा
2 . 61 वा
3 . 86 वा
4 . 92 वा
उत्तर : 61 वा
प्रश्न 4 . भारतीय संसद में महिला प्रतिनिधित्व सर्वाधिक रहा
1 . सन 1957 में
2 . सन 1989 में
3 . सन 1999 में
4 . सन 2013 में
उत्तर : सन 1999 में
प्रश्न 5 . लोकसभा में अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित सीट है
1 . 84
2 . 47
3 . 48
4 . 74
उत्तर : 74
प्रश्न 6 . महिलाओं को 33 से लेकर 50 प्रतिशत तक आरक्षण राजनैतिक संस्थाओं में प्राप्त हुआ है
1 . स्थानीय निकाय
2 . विधानसभा
3 . संसद
4 . ग्राम पंचायत
उत्तर : स्थानीय निकाय
प्रश्न 7 . किस प्रकरण पर महिला द्वारा सरकार से अत्यधिक चर्चा रूपी आन्दोलन से 16 आयु वर्ग के बच्चों के लिए वयस्कों की बहती दंड का कानून बनाया गया?
1 . निर्भया कांड
2 . भाषा विवाद
3 . महिला आरक्षण
4 . जन लोकपाल
उत्तर : निर्भया कांड
प्रश्न 8 . लोकतंत्र में जन सहभागिता का सर्वाधिक अनिवार्य माध्यम है
1 . मतदान
2 . आंदोलन
3 . योजनाओं के क्रियान्वयन का निरीक्षण
4 . संचार माध्यम
उत्तर : संचार माध्यम
प्रश्न 9 . लोकतंत्र में राजनैतिक दल का मुख्य कार्य है
1 . चुनाव
2 . आंदोलन
3 . सत्ता प्राप्त करना
4 . जनमत का निर्माण
उत्तर : चुनाव
प्रश्न 10 . व्यावसायिक हित समूह के अंतर्गत आते है
1 . डॉक्टर, शिक्षक , कर्मचारी , अधिकारियों के वर्ग का समूह
2 . जनजाति या जातिगत समूह / समाज
3 . सांप्रदायिक या धार्मिक समूह
4 . महिला संगठन
उत्तर : डाक्टर।, शिक्षक , कर्मचारी , अधिकारियों के वर्ग का समूह