Class 10 SST
Chapter 16
लोकतंत्र एवं सामाजिक आंदोलन
Democracy and Social Movements
Page no. 225
प्रश्न 01 : सामाजिक आंदोलन लोकतंत्र में जनसहभागिता को कैसे प्रभावित करते है?
उत्तर : लोकतंत्र में भागीदारी वयस्क मतदान सहित दबाव समूह और मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण होती है | आमतौर पर एक लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था में शासन द्वारा ही मतदान अपनी बात बोलने की स्वतंत्रता , समूह बनाने की स्वतंत्रता का अधिकार व्यक्तियों को दिए जाते है,लेकिन एक लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की मजबूती इसी में है कि उस में लगातार ऐसे और साधन प्रयोग किए जाते हैं जो शासन में नागरिकों की भागीदारी को बढ़ाते हैं या शासन के विभिन्न सामाजिक तबकों के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं| सामाजिक आंदोलन किसी देश या समाज में किसी समूह द्वारा अपनी मांगों के लिए मिलकर किया गया प्रयास होता है | सामाजिक आंदोलनों के माध्यम से ही लोग अपनी मांगे सरकार के समक्ष रखते है | और सरकार पर दबाव डालते है कि सरकार उनकी इन मांगों को मान ले | इन आंदोलनों के माध्यम से सरकार भी गलत नीतियों के विरुद्ध लोग लाभ बंद होते है तथा संगठित प्रयासों एवं दबावों के आगे सरकार को झुकना ही पड़ता है | इस प्रकार के सामाजिक आंदोलनों के माध्यम से आम लोग अपनी सहभागिता सुनश्चित करते है|
Page no. 225
प्रश्न 02 : लोकतंत्र में समाज के अलग – अलग समूह राजनीतिक व्यवस्था और कानून निर्माण प्रक्रिया को कैसे प्रभावित करते है |
उत्तर : लोकतंत्र में समाज के अलग – अलग समूह विभिन्न तरीकों से सरकार पर दबाव डालकर राजनैतिक व्यवस्था और कानून निर्माण प्रकिया को प्रभावित करते है | जैसे सरकार ने संविधान में अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के हितों के लिए कई प्रावधान रखे, लेकिन इन वर्ग के लोगों ने संघर्ष करने के बाद कई कानून 1980 के बाद सरकार पर दबाव डालकर बनवाने में सफलता प्राप्त की | इसी प्रकार घरेलू एवं महिलाओं की सुरक्षा हेतु कई महिला संगठनों एवं समूहों ने सरकार पर दबाव डाला , तब घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिनियम बना | इसी प्रकार आर. टी. आई (सूचना का अधिकार) कानून भी 2005 में सरकार ने सामूहिक दबाव के कारण ही बनायाथा|
Page no. 227
प्रश्न 03 : नियमगिरि लोगों के हितों की रक्षा करने में कानून जन आंदोलन और न्यायालय की क्या भूमिका रही ?
उत्तर : छत्तीसगढ़ के पूर्व में उड़ीसा राज्य है यहां नियमगिरि नाम की एक पहाड़ी है जिसमें बॉक्साइट (एल्यूमीनियम अयस्क) का भंडार है | राज्य सरकार ने इसके खनन के लिए एक कंपनी
से 2004 में करार किया था | यह एक वन्य क्षेत्र था इसलिए यहां खनन के लिए वन विभाग की अनुमति जरूरी थी | कंपनी ने सभी आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली | 27 जनवरी 2009 का दिन था कंपनी की मशीनें खनन प्रारंभ करने के लिए पहुंच चुकी थी| लेकिन उसी दिन सुबह से ही इस क्षेत्र में रहने वाले लोग नियमगिरि पहाड़ी के चारों ओर जुटने लगे थे देखते ही देखते हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हो गए | एक आंकड़े के अनुसार लगभग 10000 महिलाएं – पुरुष एकत्रित हो चुके थे | ये लोग नहीं चाहते थे कि नियमगिरि पहाड़ी में खनन कार्य किया जाए | इन लोगों ने बुलडोजरों से नियमगिरि को बचाने के लिए एक दूसरे का हाथ पकड़ लिया | इस प्रकार 17 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर पूरे नियमगिरी पहाड़ी को घेर लिया | प्रदर्शनकारियों के पास जो तख्ती थी उन पर लिखा था वेदांत वापस जाओ, नियमगिरि में खनन बंद करो”| सरकार द्वारा आदिवासियों की मांग पर परियोजना की जांच के लिए कई समितियां गठित की गई | इन समितियां ने यह पाया कि कंपनी को गलत तरीके से खनन कामापीसा का एम्स का उल्लंघन था | नियमगिरि के आदिवासी लगातार जुलूस प्रदर्शन और वेदांत कंपनी के प्रवेश का विरोध करते रहे उनकी ओर से सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई | 2013 में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आया जिसके अनुसार पीसा एक्ट के तहत आदिवासी क्षेत्र के 12 ग्राम सभाओं को किस बात के लिए मतदान करना था कि नियमगिरि में खनन होगा या नहीं | अंततः सभी ग्राम वासियों में एक मत होकर खनन के विरोध में मतदान किया इस प्रकार आदिवासी लोगों ने जन संघर्ष कर कानून और न्यायालय के माध्यम से लड़ाई जीती |
Page no. 227
प्रश्न 04 :क्या आपके क्षेत्र में ऐसी समस्याएँ है ? चर्चा कीजिये |
उत्तर : हां हमारे क्षेत्र (छ.ग) में भी ऐसी समस्याएं हैं यहां मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित की गई है फिर भी मजदूर यदि पुरुष है तो उसे अधिक मजदूरी और महिला को कम मजदूरी दी जाती है | कई बार अस्थाई कर्मचारियों को इतना कम मासिक वेतन दिया जाता है जो कि न्यूनतम मजदूरी से भी कम होता है |
Page no. 227
प्रश्न 05 : मजदूरों ने पूरी मजदूरी के लिए जो प्रयास किए क्या आप इससे सहमत है? हाँ तो क्यों ? क्या आपने किसी घेरने या भूख हड़ताल के बारे में ? चर्चा कीजिये |
उत्तर : जी हां, मैं मजदूरों के द्वारा किए गए प्रयासों से पूरी तरह सहमत हूं क्योंकि इन्होंने अपनी मांगों के लिए संवैधानिक तरीकों से लंबी लड़ाई लड़ी और अंततः सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा और मजदूरों की विजय हुई |
Page no. 230
प्रश्न 06 :शांति आंदोलन का क्या आशय है ? उदाहरण देकर समझाइये |
उत्तर : शांति आंदोलन – सामाजिक आंदोलन की तरह ही पूरी दुनिया में शांति के लिए महत्वपूर्ण आंदोलन किए गए हैं | इन आंदोलनों ने युद्ध को रुकवाने में और अंतरराष्ट्रीय शांति की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है | शांति आंदोलन का व्यापक लक्ष्य परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध
लगाना है | उदाहरण के लिए 1954 में जापान के लोगों ने परमाणु और हाइड्रोजन बम का विरोध करने के लिए एकीकृत परिषद का गठन किया | जापान के लोगों में प्रशांत क्षेत्र में परमाणु हथियारों के परीक्षण का विरोध किया | उन्होंने परमाणु हथियारों के परीक्षण के खिलाफ 35 हजार लोगों के हस्ताक्षर करवाए | परमाणु हथियारों के खिलाफ यह पहला बड़ा प्रयास था |
Page no. 230
प्रश्न 07 : शांति आंदोलन में शामिल लोग अशांति को रोकने के लिए क्या कदम उठा सकते है ? आपके विचार में देशों के बीच शांति होना क्यों जरूरी है ?
उत्तर : आंदोलन अभियानों और संगठित प्रयासों को कहते हैं | जिनके द्वारा किसी युद्ध को खत्म कराने, युद्ध के दौरान हो रही हिंसा को रोकने तथा हथियारों की होड़ को रोकने की कोशिश की जाती है | शांति आंदोलन का व्यापक लक्ष्य दुनिया में परमाणु हथियारों जैसे खतरनाक हथियारों पर प्रतिबंध लगाना तथा पूरी दुनिया में युद्ध का रुक जाना है | शांति आंदोलनों के तहत लोग तरह-तरह के संगठन बनाकर शांति की वकालत करते हैं | शांति शिविर लगवाना चुनाव में युद्ध का विरोध करने वाले उम्मीदवारों का समर्थन करना तथा विभिन्न सरकारों की सुरक्षा एवं निशस्त्रीकरण की नीतियों का आलोचनात्मक अध्ययन करना शांति आंदोलन के मुख्य कार्य है | देशों के बीच शांति होना इसलिए भी आवश्यक है कि शांति से ही प्रगति एवं विकास की यात्रा संभव है और विश्व के सामान्य जनमानस की सेवा और सुरक्षा निश्चित की जा सकती है| क्योंकि यह सामूहिक विनाश के हथियार देश, धर्म, जाति की सीमाओं में बंधकर विनाश नहीं करता| इसका सजीव उदाहरण जापान का नागासाकी और हिरोशिमा परमाणु विस्फोट है |
Page no. 231
प्रश्न 08 : इंग्लैंड की संसद परमाणु हथियारों को रोकने के पक्ष में प्रयास क्यों नहीं कर सकी होगी ?
उत्तर : जापान में हुए नरसंहार को देखकर संपूर्ण विश्व में परमाणु हथियारों के निजीकरण के क्षेत्र में आंदोलन हुए उन्हीं में इंग्लैंड में सातवें दशक में आंदोलन शुरू हुआ जिसमें ब्रिटेन के प्रसिद्ध दार्शनिक बर्टेंड रसेल ने कमेटी ऑफ 100 का गठन किया | इस समूह वहां के सभी परमाणु संस्थानों के सामने प्रदर्शन और आंदोलन ना किए लगातार प्रदर्शन और विद्रोह उग्र होने लगे जिसके कारण पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर अंकुश लगाया और बाद में प्रदर्शनकारियों की संख्या काफी कम हो गई | रसेल को 89 वर्ष की आयु में गिरफ्तार कर लिया गया | यह आंदोलन व्यापक तो हुआ लेकिन कमेटी ऑफ 100 की नीतियों के बारे में काफी भ्रम पैदा होने लगे और यह आंदोलन अपने मूल उद्देश्य से भटक गया जिसके कारण निशस्त्रीकरण के क्षेत्र में सरकार पर कोई दबाव नहीं बन सका ना ही कोई प्रस्ताव पारित हो सका |
Page no. 231
प्रश्न 09 : “कमेटी ऑफ 100 “ द्वारा किया गया धरना , प्रदर्शन और अभियान किस हद तक सफल आपस में चर्चा करें |
उत्तर : कमेटी ऑफ 100 की पहल पर इंग्लैंड मैं परमाणु हथियारों के निशस्त्रीकरण के क्षेत्र में आम जनमानस का ध्यान आकृष्ट किया लोगों को लगा कि इस तरह के सामूहिक विनाश के हथियार से किसी देश धर्म या सभ्यता का भला नहीं हो सकता है | प्रसिद्ध दार्शनिक रसेल ने कमेटी ऑफ 100 का गठन किया जिसमें लोगों का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ और इन सामूहिक विनाश के हथियारों के विरोध में कमेटी ऑफ 100 को व्यापक जनसमर्थन मिला इस तरह से हम यह कह सकते हैं इस आंदोलन के कारण इंग्लैंड में एक सामाजिक जागरूकता पैदा हुई जो इस तरह के हथियारों के विरोध में थी |
अभ्यास:-
Page no. 233
प्रश्न 01 : “कमेटी ऑफ 100” बिरतें में शांति आंदोलन सफलतापूर्वक क्यों नहीं कर पाए? कारण लिखिए |
उत्तर : प्रसिद्ध दार्शनिक बर्टेंड रसेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कमेटी ऑफ 100 का गठन किया | इस आंदोलन में भारी संख्या में लोग शामिल नहीं हुए | पुलिस ने आंदोलनकारियों का कठोरता पूर्वक दमन किया तथा लोगों को गिरफ्तार किया जिससे आंदोलन कमजोर पड़ गया| इसके मुख्य नेता रसेल को गिरफ्तार कर लिया गया जिससे यह आंदोलन और कमजोर हो गया | इस संगठन का कोई पदानुक्रम नहीं था तथा औपचारिक सदस्यता ना होने के कारण बहुत से स्थानीय समूहों ने अपने आप को इस समिति का सदस्य कहना शुरू कर दिया इससे यह आंदोलन असफल हो गया |रसेल को 89 वर्ष की उम्र में गिरफ्तार कर लिया गया जिसके चलते या आंदोलन ठंडा पड़ गया यह आंदोलन व्यापक तो हुआ लेकिन कमेटी ऑफ 100 की नीतियों के बारे में काफी भ्रम पैदा होने लगा | धीरे-धीरे कमेटी के लोग परमाणु, हथियारों व युद्ध के अलावा अन्य मुद्दों से जुड़ने लगे |
Page no. 233
प्रश्न 02 : जापान में शांति के लिए निः शस्त्रीकरण आंदोलन क्यों प्रारंभ हुआ?
उत्तर : जापान ने 1995 में अमेरिका द्वारा गिराए गए दो परमाणु बम से हुए भयानक नुकसान को झेला था | इसलिए जापान में परमाणु हथियार विरोधी आंदोलन काफी सक्रियता से फैला 1954 में जापान के लोगों ने परमाणु और हाइड्रोजन बम का विरोध करने के लिए एकीकृत परिषद का गठन किया | जापान के लोगों ने प्रशांत क्षेत्र में परमाणु हथियारों के परीक्षण का विरोध किया | उन्होंने परमाणु हथियारों के परीक्षण के खिलाफ 35 हजार लोगों के हस्ताक्षर करवाए | परमाणु हथियारों के खिलाफ यह पहला बड़ा प्रयास था |
Page no. 233
प्रश्न 03 : शान्ति आंदोलन के उद्देश्य लिखिए |
उत्तर : शान्ति आंदोलन के निम्न उद्देश्य है –
- युद्धों को ख़त्म करवाना |
- युद्धों के दौरान हो रही हिंसा को रुकवाना |
- हथियारों की होड़ को रोकने की कोशिश करना |
- इस आंदोलन का व्यापक उद्देश्य दुनिया में परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगवाना तथा पूरी दुनिया में युद्धों को रुकवाना है |
Page no. 233
प्रश्न 04 : सूचना का अधिकार का सर्वाधिक लाभ लिखिए |
उत्तर :- सूचना के अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों के समक्ष अपने कार्य को और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है | लोकतंत्र में देश की जनता अपने चुने हुए व्याम्विको को शासन करने का अवसर प्रदान करती है और यह अपेक्षा करती है कि सरकार पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पालन करेगी |सूचना का अधिकार अधिनियम हर नागरिक को अधिकार देता है कि वह सरकार से कोई भी सवाल पूछ सके या कोई भी सूचना ले सके | किसी भी सरकारी दस्तावेज की प्रमाणित प्रति ले सके | किसी भी सरकारी दस्तावेज की जांच कर सके किसी भी सरकारी काम की जांच कर सके | सूचना के अधिकार से व्यक्ति को सरकारी कार्यों की सही और सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है |
Page no. 233
प्रश्न 05 : जब सुनवाई से जनता को हुए अनुभव को लिखिए |
उत्तर : – पहली सुनवाई 2 दिसंबर 1994 को आयोजित हुई | इसका विषय था 1993- 94 में पाली जिले की रायपुर पंचायत समिति की कोर्ट, किराना और बगडी कल्याण ग्राम पंचायतों में किए गए विकास कार्य इस जनसुनवाई में कई गांव के लोगों ने भाग लिया और राजस्थान के प्रसिद्ध बुद्धिजीवी और समाजसेवी भी सुनवाई में उपस्थित रहे लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी में इस सुनवाई में भाड़ा नहीं लिया इस जनसुनवाई में सैकड़ों लोगों के सामने उन 100 लोगों के नाम पढ़े गए जिन्होंने सरकारी रिकॉर्ड में विभिन्न विकास योजनाओं में कार्य किया था और जिनको काम के बदले भुगतान किया गया था लेकिन अनेक लोगों ने इस बात को वहां आकर प्रमाणित किया किया तो कभी उन्होंने इन योजनाओं में कार्य किया और ना ही उनको कभी मजदूरी का भुगतान किया गया मस्टररोल में ऐसे लोगों ने लोगों के नाम भी जुड़े हुए थे जो कई साल पहले परलोक सिधार गए यहां यह भी दिखाया गया कि बिजली फिटिंग के जिलों का भुगतान सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज था वह भवन बना ही नहीं था ऐसी अनेक अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की गई परंतु इस पहली जनसंघ इस पहली जनसुनवाई में खुली इसके बाद कई जनसुनवाई और हुई इनमें भी इसी प्रकार के भ्रष्टाचार उजागर हुए |
Page no. 233
प्रश्न 06 : नियमगिरि सत्याग्रह की जीत किनके निर्णय से हुई?
उत्तर : नियमगिरि सत्याग्रह की जीत 2013 में सर्वोच्च न्यायालय के एक महत्वपूर्ण निर्णय से हुई , जिसके अनुसार – पीसा एक्ट के तहत आदिवासी क्षेत्र भी 12 ग्राम सभाओं को, इस बात के लिए
मतदान करना था की नियमगिरि में खनन होगा या नहीं | अंततः सभी ग्राम वासियों ने खनन के विरोध में मतदान किया |
Page no. 233
प्रश्न 07 : नियमगिरि पहाड़ी क्षेत्रों में किन जनजातियो का निवास था?
उत्तर : नियमगिरि के पहाड़ी क्षेत्रों में डोंगरिया कोड , डोंगरिया कृत ओर अन्य जनजातियो का निवास करती थी |
Page no. 233
प्रश्न 08 : नियमगिरि पर सर्वोच्च न्यायालय ने 2013 में क्या निर्णय दिया ?
उत्तर : नियमगिरि पर सर्वोच्च न्यायालय ने 2013 में निर्णय दिया कि पीसा एक्ट के तहत आदिवासी क्षेत्र की 12 ग्राम सभाओं को इस बात के लिए मतदान करना था की नियमगिरि में खनन होगा या नहीं |
Page no. 233
प्रश्न 09 : सूखे की स्थिति में कृषक व मजदूर जीवन – यापन के लिए किन पर निर्भर होते है?
उत्तर : सूखे की स्थिति में कृषक और मजदूर जीवन यापन के लिए सरकार की योजनाओं, अकाल, राहत कार्य और अन्य सरकारी योजनाओं पर निर्भर रहते है |
Page no. 234
प्रश्न 10 : मस्टर रोल किसे कहते है ? समझाइए |
उत्तर : मस्टर रोल एक विशेष कार्यस्थल के बारे में एक रोजगार उपस्थिति रजिस्टर है| मस्टर रोल एक इन्वेंटरी रजिस्टर है | यह सैन्य इकाई अथवा जहाज की कंपनी में अधिकारियों व पुरुषों का एक रजिस्टर है | मस्टर रोल के तहत एक निश्चित अवधि के लिए निश्चित रोजगार पर बाहरी मजदूरों को काम पर रखा जाता है अर्थात सरकार द्वारा मजदूरों के काम और मजदूरों को किए जाने वाले भुगतान का रिकॉर्ड जिस रजिस्टर में रखा जाता है उसे ही मस्टर रोल कहते हैं |
Page no. 234
प्रश्न 11 : सूचना का अधिकार का उपयोग कर जनता पंचायत से क्या सुविधा प्राप्त कर सकती है?
उत्तर : सूचना के अधिकार का उपयोग कर जनता पंचायत से बिल , वाड चर्स , मस्टर रोल और अन्य विकास कार्य संबंधी दस्तावेजों को देखने और उनकी फोटो कॉपी मांगने की सुविधा प्राप्त कर सकती है |
Page no. 234
प्रश्न 12 : परमाणु विरोधी अभियान के अध्यक्ष बर्टन रसेल ने त्यागपत्र क्यों दिया ?
उत्तर : परमाणु विरोधी अभियान के अध्यक्ष व बर्टेंड रसेल ने मांग उठाई कि इंग्लैंड को परमाणु हथियारों के उत्पादन से लेकर किसी भी तरह के प्रयोग से पूरी तरह से दूर रहना चाहिए | अभियान में यह मांग भी की इंग्लैंड को हर तरह के परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए | अतः इंग्लैंड के लोग भी परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने हेतु अभियान चला रहे थे | उनकी मांग थी कि इंग्लैंड को हर तरह से परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाना ही चाहिए | इसी उद्देश्य प्रसिद्ध दार्शनिक बर्टेंड रसेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कमेटी ऑफ 100 का गठन किया | इस समूह ने इंग्लैंड के परमाणु प्रतिष्ठानों के सामने लगातार धरने देने का काम शुरू किया|
Page no. 234
प्रश्न 13 : राजस्थान के किन्हीं 4 जिलों के नाम लिखिए |
उत्तर : राजस्थान के किन्हीं चार जिलों के नाम इस प्रकार है –
- बीकानेर
- बाड़ मेर
- गंगानगर
- जैसलमेर
- उदयपुर आदि |
Page no. 234
प्रश्न 14 : परमाणु बम से होने वाले भयानक नुकसान के बारे में लिखिए |
उत्तर : सन 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर किए गए परमाणु हमले को देख दुनिया दहल उठी थी | क्षण भर में दोनों शहर शमशान में तब्दील हो गए थे| इमारतें बुरी तरह से तबाह हो गई थी और लाखों की संख्या में लोगों की मौत हो गई थी | खतरनाक रेडिएशन के प्रभाव से 1945 के अंत तक लोगों की जान जाती रही | इतने वर्षों बाद आज भी हिरोशिमा में हजारों की संख्या में लोग रेडिएशन से पीड़ित हैं | इस घटना के बाद परमाणु बम को दुनिया का सबसे विनाशकारी हथियार समझा जाने लगा |परमाणु बम सामूहिक विनाश के लिए बनाया गया एक हथियार है | जो परमाणु नाभिक के विभाजन से उत्पन्न हुई एनर्जी का उपयोग करता है | इस प्रक्रिया को परमाणु विखंडन कहा जाता है जो परमाणु बम को जन्म देती है |
Page no. 234
प्रश्न 15 : निः शस्त्रीकरण को समझाइए |
उत्तर : निः शस्त्रीकरण का शाब्दिक अर्थ है शारीरिक हिंसा के प्रयोग के समस्त भौतिक तथा मानवीय साधनों का उन्मूलन | यह एक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य हथियारों के अस्तित्व और उनकी प्रकृति से उत्पन्न कुछ विशिष्ट खतरों को कम करना है | अर्थात निः शस्त्रीकरण का आशय है कि हथियारों के निर्माण को निम्नतम बिंदु तक सीमित रखना जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है और जिससे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा ना हो| निः शस्त्रीकरण आज दुनिया के समक्ष एक चुनौती के रूप में है | क्योंकि विभिन्न देशों ने इतने शस्त्र बना लिए हैं जिनसे सारी दुनिया को खतरा
पैदा हो गया है | अतः अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा हेतु दुनिया के देशों को इस दिशा में प्रयास करना ही चाहिए |
अभ्यास :-
Page no. 232
प्रश्न 1: बहुविकल्पीय में से सही विकल्प का चयन कर लिखिए –
प्रश्न 1: नियमगिरि है
- एक आंदोलन |
- एक पहाड़ी |
- बॉक्साइट भण्डार |
- एक राजा |
उत्तर : 2) एक पहाड़ी
प्रश्न 2: नियमगिरि के लिए आंदोलन किससे संबंधित नहीं था ?
- पर्यावरणीय आंदोलन |
- सामाजिक – आर्थिक आंदोलन |
- राजनैतिक आंदोलन |
- न्याय के लिए आंदोलन |
उत्तर : 3) राजनैतिक आंदोलन |
प्रश्न 3: सूचना का अधिकार आंदोलन प्रारंभ हुआ
- न्यूनतम मजदूरी की मांग के लिए
- भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए
- मस्टर रोल की जानकारी के लिए
- उपयुक्त सभी के लिए
उत्तर: 4) उपयुक्त सभी के लिए
प्रश्न 4: शांति के लिये आंदोलन का मुख्य उद्देश्य है
1) युद्ध को रोकना
2) निः शस्त्रीकरण
3) परमाणु अस्त्र – शस्त्रों पर प्रतिबंध
4) उपयुक्त सभी
उत्तर : 4) उपयुक्त सभी
प्रश्न 5: नियमगिरि पहाड़ी को बचने के लिय किया गया
- मानव श्रृंखला से 17 किमी तक पर्वत को घेर लिया गया |
- ग्राम सभाओं में पर्वत में खनन को अवैध घोषित किया गया |
- मतदान से जनमत संगढ़ किया गया |
- पीसा एक्ट से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर किया गया
उत्तर : 3) मतदान से जनमत संग्रह किया गया |
प्रश्न 6: राजस्थान में किस प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं हो रहा था
- मजदूरी कम , भुगतान अधिक
- कागजो पर भवन बना
- अज्ञात लोगों का परिश्मिक भुगतान
- सूचना का अधिकार का उल्लंघन
उत्तर :1) मजदूरी कम , भुगतान अधिक
प्रश्न 7: नियमगिरि परियोजना में क्या व्यवस्था नहीं थी
- एल्यूमिना रिफाइनरी
- बॉक्साइट उत्पादन प्रतिवर्ष 3 मिलियन टन
- 75 मेगावाट विधुत उत्पादन
- पर्यावरण पर आधारित जनजीवन का संरक्षण
उत्तर : 4) पर्यावरण पर आधारित का संरक्षण
प्रश्न 8: ‘मजदूर किसान शक्ति संगठन किस सत्याग्रह से सफल हुए
- अनशन
- धरना
- सविनय अवज्ञा आंदोलन
- ग्राम सभाओं में जनता न्यायालय में जन सुनवाई व भ्रष्टाचार को उजागर कर
उत्तर : 4) ग्राम सभाओं में जनता न्यायालय में जन सुनवाई व भ्रष्टाचार को उजागर कर
Page no. 233
प्रश्न 9: निः शस्त्रीकरण के लिए शांति का आंदोलन प्रारंभ हुआ |
- मध्य पूर्व के देशों के गृह युद्ध से |
- सांप्रदायिक आतंक से |
- नागासाकी – हिरोशिमा में परमाणु बम के विनाश से |
- प्रथम विश्व युद्ध से |
उत्तर : 3) नागासाकी – हिरोशिमा में परमाणु बम के विनाश से |
Page no. 233
प्रश्न 10: शांति के लिए निः शस्त्रीकरण का मुख्य लक्षण है
- शीत युद्ध का अंत करना |
- हथियारों का उत्पादन बंद करना |
- रासायनिक , जैविक व परमाणु शस्त्रों का अंत |
- शांति व विकास कायम करना |
उत्तर : 4) शांति व विकास कायम करना |
Page no. 233
प्रश्न 2: खाली स्थान की पूर्ति कीजिये –
- अमेरिका ———– ने शांती के लिय 60 अमेरिका नगरो में हड़ताल , यात्रा प्रदर्शन किया |
- अमेरिका ने 20 जून 1983 को दिवस ———– दिवस मनाया |
- ब्रिटिश परमाणु प्रतिष्ठान बर्कशायर ————- में स्थित है |
- नियमगिरि में ————–अयस्क का भंडार है |
- अमेरिका का परमाणु परीक्षण स्थल ———– है |
- जनजाति क्षेत्रों में खनन ———- एक्ट का उल्लंघन था |
- देश में सन ———- से सूचना का अधिकार अधिनियम लागू हुआ |
- लेबर पार्टी ———– देश से संबंधित है |
- ————– में 1945 में अमेरिका ने परमाणु बम गिराए थे |
उत्तर : 1) महिलाओ , 2) परमाणु निः शस्त्रीकरण , 3) एल्डर मास्टर , 4) बॉक्साइट , 5) नवाडा , 6) पीसा , 7) 2005 , 8) इंग्लैण्ड , 9) जापान |