Class 10 SST
Chapter 1
संसाधन एवं विकास
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प्रश्न 01: कृषक – कारीगर समाज में मनुष्य के लिए क्या – क्या प्राकृतिक संसाधन रहे होंगे ? एक विस्तृत सूची बनाएं ?
उत्तर:- मनुष्य प्राकृतिक दुनिया का अभिन्न अंग हैI चूंकि मनुष्य अपनी बुद्धि और विवेक का प्रयोग करता है और यही गुण उसे अन्य प्राकृतिक जीवों से भिन्न बनाते हैं I पाषाण युग से आज तक प्रकृति से जो भी वस्तुएं प्राप्त हुई है उसे मनुष्य अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तित कर अपने उपयोग में लाता है इसे ही संसाधन कहते हैं I
प्राचीन काल से आज तक कृषक तथा कारीगर समाज मिट्टी, पेड़ -पौधे, लोहा, तांबा, पीतल, पत्थर, फल-फूल, जानवरों की खाल तथा हड्डियों का उपयोग प्राकृतिक संसाधनों के रूप में करता आया है
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प्रश्न 02: पिछले 10 हज़ार वर्षों में मानव समाज का प्राकृतिक संसाधन के साथ रिश्ता कैसे – कैसे बदला है ?
उत्तर:- प्रागैतिहासिक काल में मनुष्य पत्थरों को तोड़कर एक निश्चित आकृत देता था और उन्हें औजार के रूप में उपयोग करता था। पत्थर के औजारों की मदद से वह शिकार करता, जमीन खोदकर कंदमूल इकट्ठा करता, टोकरी और खाल के कपड़े बनाता था यानी तब पत्थर ,बांस ,जानवरो के खाल आदि प्राकृतिक संसाधन बने। समय के साथ मनुष्य के उत्पाद कार्य का दायरा बढ़ता गया और एक समय जब वह खेती और पशुपालन करने लगा अर्थात् निर्जीव वस्तुओं के साथ साथ पेड़ पौधों जानवर आदि सजीवों को भी बदलने लगा ।
उसने औजारों की मदद से पेड़ों को काटकर जमीन को समतल बनाया और उनमें चयनित बीजों को बोया| बीज से पौधे बड़े हुए और उनमें फूल व फल आए जो आगे चलकर अनाज में बदले | अतः आप सोच सकते हैं कि किस तरह मनुष्य द्वारा उपयोग किए गए संसाधनों की सूची बढ़ती गई और प्रकृति को बदलने की उसकी क्षमता बढ़ती गई | यह आज से लगभग 10 हजार साल पहले शुरू हुई थी | इसके साथ ही मनुष्य नई-नई तकनीकों पर महारत हासिल किया और तरह-तरह की वस्तुओं का निर्माण बड़े पैमाने पर होने लगा | जैसे- मिट्टी को पकाकर बर्तन बनाना, रेशों से कपड़ा बनाना, तांबा, कांसा ,लोहा आदि धातुओं से तरह-तरह की वस्तुओं का निर्माण करना आदि | अतः मानव समाज का प्राकृतिक संसाधन के साथ रिश्ता समय के साथ बदलता रहता है |
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प्रश्न 03: प्राकृतिक संपदा किस प्रकार संसाधन बनती है ? उदाहरण देकर समझाइए|
उत्तर:- मनुष्य प्राकृतिक दुनिया का एक अभिन्न अंग है और अन्य जीवों की तरह प्रकृति द्वारा दी गई चीजों (जैसे हवा पानी, फल- फूल )तथा अन्य जीव आदि का उपयोग करता आया है | लेकिन मनुष्य अन्य जीवो से इस मायने में अलग है | क्योंकि वह प्रकृति को सोच समझकर अपनी जरूरत के अनुरूप बदलता भी रहा है | वह प्रकृति से प्राप्त चीजों का उपयोग करके अपने लिए औजार बनाता है और औजारों को अन्य प्राकृतिक चीजों पर प्रयोग करके अपनी पसंद की चीजों का निर्माण या उत्पादन करता है|इस उत्पादन कार्य में वह प्रकृति की जिन चीजों का उपयोग करता है उन्हें हम संसाधन कहते हैं | उदाहरण के लिए प्रागैतिहासिक काल में मनुष्य पत्थरों को तोड़कर एक निश्चित आकृति देता था और उन्हें औजार के रूप में उपयोग करता था | पत्थर के औजारों की मदद से वह शिकार करता, जमीन खोदकर कंद मूल इकट्ठा करता, टोकरी और खाल के कपड़े बनाता था | यानी तब पत्थर, बांस, जानवरों की खाल आदि प्राकृतिक संसाधन बने| अतः समय के साथ मानव अपने आवश्यकता के अनुसार प्राकृतिक संपदा का उपयोग करने लगा |
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प्रश्न 04:प्राकृतिक संपदा के बारे में कबीलाई समुदायों में क्या सोच थी और वे उनका उपयोग किस तरह करते थे ?
उत्तर:- प्राकृतिक संपदा के बारे में कबीलाई समुदायों की सोच यह थी कि संसाधनों पर अधिकार पूरे समाज के पास संयुक्त रूप से रहे और उनके उचित उपयोग के लिए सामुदायिक नियम कानून बने | जमीन, जंगल ,पानी के स्रोत पूरे समाज की साँझी संपत्ति मानी गई | अक्सर यह समाज अपनी प्राकृतिक संसाधन को केवल भोग की वस्तु ना मानकर उन्हें देवी का दर्जा दिया और मानने लगे कि जमीन, पेड़,समुद्र, जानवर, चट्टान आदि देवी देवता है| जो हमें आजीविका देते हैं | इस कारण समाज का कोई सदस्य संसाधनों का अनुचित उपयोग नहीं कर सका और सबकी उन तक पहुंच बनी रही |
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प्रश्न 05: औद्योगिक समाज का प्राकृतिक संपदा के प्रति क्या सोच है? क्या वे भी इस संपदा का उपयोग आदिवासी समाज की तरह ही करते है?
उत्तर:- उद्योगपति जंगल काटकर व्यापारिक फसल उगाना चाहते थे या जंगलों व खेतों की जगह खदान स्थापित करना चाहते थे या फिर नदियों पर बिजली बनाने के लिए बांध बनाना चाहते थे लेकिन पारंपरिक लोग अपने पुराने तरीकों से उनका उपयोग करते रहना चाहते है यह टकराव आज भी जारी है | औद्योगिक अर्थशास्त्री व वैज्ञानिक यही मानते रहे की प्राकृतिक संसाधन असीम है, उनका जितना दोहन करो उतना ही अच्छा है क्योंकि इससे समाज की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी |
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प्रश्न 06: आज हमारे सामने प्राकृतिक संपदा के उपयोग के लिए किस-किस तरह के विचार है?
उत्तर:- औद्योगीकरण के कारण प्राकृतिक संपदा का दोहन तेजी से हो रहा है | अंधाधुंध उपयोग के कारण प्राकृतिक संपदा के भंडार समाप्ति के कगार पर हैं | प्राकृतिक संपदा के उपयोग के लिए एक विशेष नीति निर्धारण की आवश्यकता है |
‘परियोजना कार्य’ :-
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प्रश्न 7: इंटरनेट पर ‘साइलेंट स्प्रिंग ‘ नामक पुस्तक का सारांश पता करें और उसकी एक संक्षेपिका कक्षा में प्रस्तुत करें |
उत्तर:- ‘साइलेंट स्प्रिंग’ नामक पुस्तक का प्रकाशन सन् 1962 में हुआ | जिसमें शोधकर्ता रेचल कार्सन द्वारा यह बताने का प्रयत्न किया गया कि मानव द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशकों का कितना बुरा प्रभाव पृथ्वी पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ रहा है| क्योंकि प्रकृति में सभी जीव जंतु एक दूसरे पर आश्रित और जुड़े हुए हैं| जैसे हम मच्छर मारने के लिए दवा का छिड़काव जल में करते हैं तो मच्छर के साथ- साथ सभी जलीय जंतुओं और वनस्पतियों पर इसका असर देखने को मिलता है और साथ ही संपूर्ण जीवन पर इसका प्रभाव पड़ता है|
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प्रश्न 8: पता करें कि अपने क्षेत्र में आज भी डी.डी.टी. कीटनाशक का उपयोग होता है या नहीं । अगर हाँ तो कहाँ और किस तरह? इसका उपयोग कौन करवाता है?
उत्तर:- हां, डी.डी.टी. कीटनाशक का उपयोग मच्छरों से बचने के लिए नगर निगम द्वारा, व कृषि उपज को बढ़ाने के लिए किसानों द्वारा उपयोग किया जाता है |
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प्रश्न 9: आप इनमें से किसे प्राकृतिक संसाधन मानेंगे- कारण सहित चर्चा करें :
नदी का पानी, बोतल में बंद मिनरल वाटर, डीजल, सिलेंडर में भरा ऑक्सीजन, खनिज तेल, संगमरमर, मुर्गा, गन्ना ………
उत्तर:- नदी का पानी – जल की उपस्थिति के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव है |जल एक अक्षय प्राकृतिक संसाधन है|
डीजल – यह एक प्राकृतिक संसाधन है क्योंकि यह भूमिगत चट्टानों में पाया जाता है |
बोतल में बंद मिनरल वाटर – बोतल में बंद मिनरल वाटर प्राकृतिक संसाधन नहीं है क्योंकि इसका निर्माण मानव द्वारा किया जाता है|
खनिज तेल – यह एक प्राकृतिक संसाधन है |
संगमरमर – यह भी प्राकृतिक संसाधन है |संगमरमर प्राकृतिक रूप से निर्मित कायांतरित चट्टानें हैं |
मुर्गा – यह भी प्राकृतिक संसाधन है क्योंकि यह जीव है |
गन्ना – गन्ना भी प्राकृतिक संसाधन है क्योंकि यह भूमि में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है |
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प्रश्न 10: अगर हम जंगलों की लकड़ियों का उपयोग करना चाहते है तो उनके नवीन चक्र से कैसे मेल बिठाएँगे?
उत्तर : हम केवल वैसी लकड़ियां ही उपयोग में लाएं जो टूट चुकी हैं| ऐसे पेड़ों की डालियां जो सूख चुकी है गिरने ही वाली है केवल उनका उपयोग करें | हम अगर कोई पेड़ काटे तो ऐसा पेड़ काटे जो बेहद पुराना और जर्जर हो चुका हो |हम अगर जंगलों से जितना पेड़ काटते हैं उससे अधिक वृक्षारोपण करें तो नवीन चक्र में आसानी से मेल बिठा सकते हैं |
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प्रश्न 11: भूजल का नवीनीकरण चक्र किस तरह काम करता है? हमें भूजल का उपयोग किस तरह करना चाहिए?
उत्तर:- जल पृथ्वी पर सतत विद्यमान हैं| सागरों से जल वाष्पीकृत होकर जल वाष्प बनता है| जो संघनित होकर वर्षा के रूप में महाद्वीपों को प्राप्त होती है| वर्षा जल का कुछ भाग भूमि में रिस कर भूजल बनता है और शेष भाग नदियों से बहकर पुनः सागर में चला जाता है यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है और जल नवीकृत होते रहता है| अतः हमें भूजल का उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए इसे व्यर्थ बर्बाद नहीं करना चाहिए | भूजल का स्तर बढ़ता रहे इसके लिए हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए |
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प्रश्न 12: तालाबों में मछलियों का नवीनीकरण किस तरह होता है? हमें उनका उपयोग किस तरह करना चाहिए?
उत्तर:- तालाबों को स्वच्छ करने और जल स्तर को बढ़ाकर एवं समय पर छोटी मछलियां डालते रहना चाहिए जिससे वे प्रजनन के बाद अंडे देती है एवं उनमें बच्चे पैदा होते हैं | इस प्रकार मछलियों का नवीनीकरण होता रहता है | हमें तालाब की मछलियों का उपयोग करते समय ध्यान रखना चाहिए कि तालाब कभी सूखने न पाए और जल प्रदूषण से बचाना चाहिए|
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प्रश्न 13 : रासायनिक खाद एवं कीटनाशक मिट्टी के प्राकृतिक नवीकरण प्रक्रिया को कैसे प्रभावित करते हैं ?
उत्तर:- अत्यधिक रासायनिक खाद एवं कीटनाशक के प्रयोग से जमीन में सूक्ष्म जीव और जीवाणुओं की भी कमी हो गई है | इस रासायनिक खादों में जमीन के नीचे केंचुए भी मार डाले हैं जिससे भूमि की उर्वरता कम हो गई है | केंचुए भूमि के अंदर ऐसी स्थिति पैदा कर देते हैं जिससे भूमि वायुमंडल में घुले पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेती है जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है परंतु रसायनों के अंधाधुंध उपयोग से जल स्रोतों और भूजल के प्रदूषण की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई | इसके अलावा मिट्टी के कटाव का खतरा भी बड़ा है| रासायनिक खाद के उपयोग से मिट्टी की अम्लीयता भी बढ़ती है | अतः रासायनिक खाद एवं कीटनाशक मिट्टी के नवीकरण को प्रभावित किया है |
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प्रश्न 14: पता करें कि देश में सौर ऊर्जा का उपयोग कहाँ – कहाँ हो रहा है?
उत्तर:- बृहद पैमाने पर क्षेत्र परीक्षणों द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि आवासीय भवनों रेस्तरां, होटलों, अस्पतालों व विभिन्न उद्योग (खाद्य परिष्करण, औषधि ,आदि) के लिए यह एक उचित प्रौद्योगिक है| भारत आज स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर सौर ऊर्जा में पांचवें और पवन ऊर्जा में चौथे स्थान पर है |
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प्रश्न 15: क्या विद्युत उत्पादन के लिए हमें कोयले पर निर्भर रहना चाहिए? इसके विकल्प क्या हो सकते हैं?
उत्तर:- हमें विद्युत उत्पादन के लिए कोयले पर निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि कोयला और अनवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन के अंतर्गत आता है जो कि प्रकृति में सीमित मात्रा में पाए जाते हैं | कोयला एक प्राकृतिक संसाधन है | प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं| इसके विकल्प के लिए जल, विद्युत, पवन ऊर्जा तथा परमाणु ऊर्जा भी अच्छे विकल्प हैं| इससे प्रदूषण भी कम होता है |
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प्रश्न 16 : धातु के अलावा और क्या चीजें है जिनका पुनर्चक्रण किया जा सकता है?
उत्तर:- धातु के अलावा कुछ पुनः नवीनीकरण संसाधन है उनका पुनर्चक्रण किया जाता है| ग्लास, पेपर, प्लास्टिक और धातु | जैसे एलमुनियम और स्टील सभी का आमतौर पर पुनः नवीनीकरण या पुनर्चक्रण किए जा सकते हैं | मृत्य पौधों, फल, पत्तों और सब्जियों को कपोस्टिंग के माध्यम से पुनः नवीनीकरण किया जा सकता है |
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प्रश्न 17 : भूजल के लिए पुनर्भरण और दोहन के बीच संतुलन बनाना क्यों जरूरी है?
उत्तर:- भूजल के लिए पुनर्भरण और दोहन के बीच संतुलन बनाना इसलिए जरूरी है क्योंकि पुनर्भरण से जितना जल वापस भूमि में जाता है उससे कहीं अधिक भूजल का उपयोग किया जा रहा है | जिसके कारण भूजल स्तर नीचे होता जा रहा है और कई जगह तो यह 4 मीटर तक कम हो गया है | अतः आवश्यक है कि हम जितना भूजल का उपयोग करते हैं उतना उसका पुनर्भरण भी हो, ताकि भूमिगत जल स्तर नीचे ना जाए | अगर इसी तरह असंतुलन बना रहा तो एक दिन हमें भूजल मिलना बंद हो जाएगा |
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प्रश्न 18: एंडोसल्फान के उपयोग को रोकने के लिए न्यायालय तक जाना क्यों आवश्यक समझा गया?
उत्तर:- 1976 में काजू की फसल को कीड़ों से बचाने के लिए सरकार ने 15,000 एकड़ भूमि पर, हैलीकॉप्टर द्वारा एंडोसल्फान कीटनाशक का छिड़काव किया। यह कार्य केरल के उत्तरी भाग के कासरगोड में किया गया। इस उपचार कार्य के 25 वर्षों तक जारी रहने के कारण वायु, जल और संपूर्ण पर्यावरण इस कीटनाशक से बुरी तरह प्रभावित हुआ ।इसके परिणाम स्वरूप 11 ग्राम पंचायतों के लोगों में मुख्य रूप से कृषि श्रमिकों में गंभीर स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न हुई | वह विभिन्न तरह की बीमारियों जैसे मानसिक व शारीरिक विकलांगता, दिल और तंत्रिका तंत्र की बीमारियों आदि से ग्रस्त हो गए | यही नहीं उस पूरे इलाके में मछलियां ,कौए व अन्य पक्षियां कीट ,पतंगे आदि में भारी कमी आई | कुछ वर्षों के न्यायालय के आदेश द्वारा इसके छिड़काव पर प्रतिबंध लगा दिया गया है |
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प्रश्न 19: पता करें कि आपके क्षेत्र में एंडोसल्फान का उपयोग होता है या नहीं |
उत्तर:- हमारे क्षेत्र में एंडोसल्फान का उपयोग नहीं किया जाता है | हमारे क्षेत्र में कीटनाशक के रूप में गोमूत्र निर्मित दवाइयां का प्रयोग किया जाता है |
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प्रश्न 20: हमारे घर में प्रतिदिन कचरा निकलता है। इसमें से कुछ दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है। उसकी सूची तैयार करें और उसके उपयोग के बारे में लिखें ।
उत्तर- हमारे घर में प्रतिदिन कचरा निकलता है जिसका दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है। वे निम्नलिखित है :-
1.कागज – कागज को रिसाइकल करके उसको दोबारा उपयोग में लाया जा सकता हैं।
2.गोबर – गोबर को खाद्य बनाने में प्रयोग किया जाता है। गोबर से बायोगैस भी तैयार की जा सकती है।
3.सब्जी का छिलका , पत्तियां, घास ,बचा हुआ खाना इत्यादि से खाद तैयार की जाती है।
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प्रश्न 21 : आपके क्षेत्र के नवीकरण संसाधनों के कुछ उदाहरणों के बारे में लिखें ।
उत्तर:- नवीकरण संसाधन – वे संसाधन एक बार उपयोग करने के बाद फिर से पुनः स्थापित किया जा सके और पुनः उपयोग में लाया जा सके इन्हे नव्य संसाधन भी कहते हैं| यह संसाधन प्राकृतिक होते हैं| नवीकरण संसाधन का उदाहरण निम्न है :-
सौर ऊर्जा :- सौर ऊर्जा वह ऊर्जा है जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है | हमारे क्षेत्र में सौर ऊर्जा सर्वाधिक सुगम नवीकरण संसाधन है | सोलर कुकर के द्वारा खाना पकाने, सौर ऊर्जा से पानी गर्म करना तथा सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पन्न करने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जाता है|
पवन ऊर्जा:- बहती वायु से उत्पन्न की गई ऊर्जा को पवन ऊर्जा कहते हैं | पवन ऊर्जा बनाने के लिए हवादार जगहों पर पवन चक्की को लगाया जाता है जिनके द्वारा वायु की गतिज ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है | इस यांत्रिक ऊर्जा को जनित्र की मदद से विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है |
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प्रश्न 22 ; क्या तीस वर्ष बाद भारत के लिए सौर ऊर्जा एक प्रमुख स्रोत बन सकता है? चर्चा करें |
उत्तर : हां भारत उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण हमारे यहां वर्ष भर सौर विकिरण प्राप्त होती है| जिसमें सूर्य प्रकाश के लगभग 3000 घंटे शामिल हैं भारतीय भूभाग पर 5000 लाख किलो वाट घंटा प्रति वर्ग मीटर के बराबर सौर ऊर्जा आती है| भारत में सौर ऊर्जा का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से किया जाता है
1. बिजली :- सौर ऊर्जा हमें रोशनी व ऊष्मा दोनों रूपों में प्राप्त होती है|जिससे ताप विद्युत निर्भरता कम कर सकते हैं |
2. सौर ऊष्मा का उपयोग अनाज को सुखाने, जल उष्मन, खाना पकाने, प्रशीतन जल परिष्करण तथा विद्युत ऊर्जा उत्पादन हेतु किया जा सकता है |
अभ्यास
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निम्नलिखित प्रश्नों में एक कथन एवं कारण से संबंधित चार विकल्प दिए गए हैं, इन विकल्पों में से सही विकल्प की पहचान करें।
1.कथन: पाषाण काल में लौह अयस्क संसाधन नहीं था ।
कारण : पाषाण काल में लौह अयस्क के उपयोग के कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं।
(क) केवल कथन सही है।
(ख) केवल कारण सही है
(ग) कथन और कारण दोनों सही है
(घ) कथन और कारण दोनों गलत है।
उत्तर : ग
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2. कथन : जल संरक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है I
कारण : वर्षा जल से भूमिगत जल स्तर का पुनर्भरण (रिचार्ज ) होता है।
(क) केवल कथन सही है ।
(ख) केवल कारण सही है
(ग) कथन और कारण दोनों सही है
(घ) कथन और कारण दोनों गलत है।
उत्तर : घ
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3. कथन: वन नवीकरणीय संसाधन है I
कारण : जितना वन काटा जाए उतना स्वतः उग जाता है।
(क) केवल कथन सही है ।
(ख) केवल कारण सही है
(ग) कथन और कारण दोनों सही है
(घ) कथन और कारण दोनों गलत है।
उत्तर : क
इन प्रश्नों के उत्तर दें :-
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प्रश्न 01: संसाधन होते नहीं, बनाए जाते हैं इस कथन को समझाइए |
उत्तर:- कोई भी प्राकृतिक संपदा तभी संसाधन बनती है जब मनुष्य उसका उपयोग अपनी आवश्यकता के लिए करता है | संसाधन प्रकृति मानव और संस्कृति की परस्पर क्रियाओं का परिणाम है | मानव ज्ञान सबसे बड़ा संसाधन है जिससे वह किसी पदार्थ के माध्यम से कार्य रूप में बदलता है | इसलिए जिम्मर मैन ने कहा है कि संसाधन होते नहीं बनाए जाते हैं|
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प्रश्न 02 : नवीकरणीय संसाधन एवं अनवीकरणीय संसाधन में क्या अंतर है ?
उत्तर- नवीन करणीय संसाधन-
1) इन्हें प्रयोग के बाद पुनः प्राप्त किया जा सकता है |
2) इन्हें नवीकरणीय द्वारा बढ़ाया जा सकता है |
3) जैसे जल, वायु ,मिट्टी आदि |
अनवीकरणीय संसाधन-
1) इनका दोहन पुनः नहीं किया जा सकता |
2) इनके भंडार नहीं बढ़ाए जा सकते हैं |
3) जैसे – कोयला, पेट्रोलियम, खनिज आदि |
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प्रश्न 03 : संसाधनों का प्रबंधन क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:- संसाधनों का संबंध मनुष्य की आर्थिक क्रियाओं से होता है | मानव की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति वायु, भूजल एवं आवासीय संसाधनों से होती है | मानव जीवन का विकास संसाधनों के उचित प्रयोग पर निर्भर है | यदि संसाधनों पर तीव्र गति से दोहन करेंगे तो कुछ समय पश्चात वह समाप्त हो जाएंगे |सभ्यता विनाश के कगार पर पहुंच जाएगी | देश एवं मानव सभ्यता को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए संसाधनों का प्रबंधन आवश्यक है |
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प्रश्न 04 : जल संसाधन पर कौन-कौन से संसाधन निर्भर है ?
उत्तर:- जल संसाधन पर निम्न संसाधन निर्भर हैं:-
i) पेयजल ii) उद्योग या औद्योगिक आवश्यकता iii) जल विद्युत निर्माण iv) सिंचाई
v) वृक्षारोपण vi) मत्स्य पालन
अतः इसका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है |
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5.स्तम्भ 1 और स्तम्भ 2 में मिलान करें और दिए गए विकल्पों में से एक विकल्प का चयन कीजिए ।
1. कोयला अ. चक्रीय अनवीकरणीय
2 लौह अयस्क ब. नवीकरणीय
3. जंतु स. सतत नवीकरणीय
4. वायु द. अनवीकरणीय
(क) 1-अ, 2 – ब, 3-स, 4- द
(ख) 1- द, 2- ब, 3- स, 4-अ
(ग) 1 – द, 2 – ब, 3- अ, 4-स
(घ) 1- द, 2- अ, 3- ब, 4-सउत्तर : ( घ ) 1-द ,2 – अ ,3- ब ,4-स