Class 10 SST
Chapter 2
भूमि संसाधन
है कि सबसे बड़ा प्रभाव तो पृथ्वी के पर्यावरण पर पड़ेगा। आपके विचार में इन दोनों में अधिक सही कौन है? अपना कारण बताएं ।
उत्तर :- मेरे विचार से जूलिया का कहना ज्यादा उचित है | क्योंकि हम लकड़ी के फर्नीचर की जगह अन्य विकल्प अपना सकते हैं | परंतु सबसे बड़ा प्रभाव तो पृथ्वी के पर्यावरण पर पड़ेगा | वनों से हमें लकड़ी आदि तो मिलती है मगर इनका महत्व इनके उत्पादन से कहीं अधिक है | वनों की एक विशेषता है कि यह वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण कर ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं | इससे वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा स्थिर रहती है एवं ऑक्सीजन का नवीकरण होता है | ऑक्सीजन मानव एवं जंतुओं के श्वसन के लिए आवश्यक है | कार्बन डाइऑक्साइड की स्थिरता वायुमंडल के तापमान को स्थिर रखने में सहायक है | इस प्रकार वन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है | यही नहीं वनों के होने से हमारे जल स्रोत बने रहते हैं | वह हमारे वन्य जीवों का निवास है | और वनों के नष्ट होने पर जंगली जानवर और वनस्पति हमेशा के लिए नष्ट हो जाएंगे | अतः पर्यावरण संतुलन की दृष्टिकोण से देश में कम से कम 33% भू-भाग पर वन होना चाहिए |
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प्रश्न 02: वनावरण के संदर्भ में छत्तीसगढ़ भारत के लिए क्या महत्व रखता है?
उत्तर:- वनावरण के संदर्भ में छत्तीसगढ़ भारत के लिए अति महत्वपूर्ण है क्योंकि छत्तीसगढ़ भारत के सबसे अधिक वनाच्छादित प्रदेशों में से है, और इसकी लगभग 41.75% जमीन पर वनों का आवरण है |
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प्रश्न 03: आपने उत्तर के मैदान के बारे में पिछली कक्षा में पढ़ा था । क्या आप बता सकते हैं कि उत्तर प्रदेश में केवल 5.7 प्रतिशत वन होने के क्या कारण और परिणाम हो सकते हैं?
उत्तर :- उत्तर का विशाल मैदान विश्व की समतल तथा सबसे अधिक उपजाऊ मैदानों में गिना जाता है| क्योंकि उत्तर के मैदान हिमालय से निकलने वाली नदियों के द्वारा निर्मित मैदान है | यह मैदान जलोढ़ मृदा से बना हुआ है इस कारण इन मैदानों के अधिकांश क्षेत्र कृषि के अंतर्गत आते है | यह मैदान कृषि उत्पादन की दृष्टि से सर्वाधिक विकसित और संपन्न है | इसलिए भारत की लगभग 45% जनसंख्या निवास करती है | अतः अधिक आबादी के लिए भूमि का कृषि कार्य हेतु अधिक उपयोग हो रहा है| यहां वनावरण कम होने से कई दुष्परिणाम हो सकते हैं | जैसे गर्मी, प्रदूषण एवं वनों उत्पादों की कमी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती है |
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प्रश्न 04: परती और बंजर भूमि में क्या अन्तर है और विकास योजना बनाने में इनका क्या महत्व है?
उत्तर :- परती भूमि :-
परती भूमि उसे कहते हैं जिस पर खेती तो कर सकते हैं परंतु किसी कारणवश उस समय पर फसल ना उगाया गया हो उसे परती भूमि कहते हैं| भूमि को 1 वर्ष के लिए परती छोड़ने पर उसमें ह्यूमस की मात्रा में वृद्धि होती है| जिससे उसकी उर्वरता बढ़ जाती है| पुरानी परती भूमि जो 1 से अधिक वर्षों से परती है| इस पर कृषि का विस्तार नहीं होने पर यह बंजर में परिवर्तित हो जाएगी |
बंजर भूमि :-
जिस भूमि पर किसी भी तरह की फसल नहीं उगाया जा सके उसे बंजर भूमि कहते हैं | बंजर भूमि जिसमें दो प्रकार की भूमि सम्मिलित है :- एक जिसमें कृषि की संभावना अत्यंत कम है | जैसे बंजर, पहाड़ी भूभाग इत्यादि | दूसरी जिसमें भू संरक्षण की विधियों से इसे वानिकी एवं कृषि योग्य बनाया जा सकता है |
विकास योजना बनाने में महत्व :-
भारत में भूमि उपयोग नीति के मुख्य लक्ष्य थे | भूमि उपयोग का विस्तृत और वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराना व नीति के अनुरूप 33 प्रतिशत भूमि पर वन आवरण स्थापित करना, गैर कृषि योग्य भूमि के क्षेत्र में बढ़ोतरी को रोकना, बंजर भूमि का विकास कर इसे कृषि लायक बनाना, स्थाई चारागाह का विकास करना
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प्रश्न 05: आप के आस- पास भी क्या चराई भूमि कम हुई है? इसके कारण क्या हो सकते है? इसका प्रभाव क्या गाँव व शहर के सभी लोगों पर समान रूप से पड़ता है ?
उत्तर :- चारागाह जिस सार्वजनिक, गैर-वन भूमि से गांवों के लोगों कि ईंधन व चारे की आवश्यकता पूरी की जानी थी वह बंजर और उसर हो गई है या उस पर अनधिकृत कब्जा कर लिया गया है | जिसके फलस्वरूप देश के कुल भू-क्षेत्र के एक तिहाई हिस्से की उपजाऊ शक्ति कम हो चुकी है | भारत में 4 फीसदी चारागाह भूमि है | चराई भूमि के कम होने का प्रतिकूल असर सबसे ज्यादा गरीब परिवारों पर पड़ता है जिसके लिए पशुपालन एवं कृषि जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन है |
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प्रश्न 06: निम्नलिखित समस्या पर विचार करें ।
एक गाँव है नीमगंज जहाँ की जमीन सिंचित है और साल में वहाँ के किसान तीन फसल लेते हैं। वहाँ पर एक औद्योगिक केंद्र और उप नगर बसाने की योजना है और उस गाँव की जमीन को अधिग्रहित करने की योजना है। उस गांव में जमीन वाले किसान है और अनेक भूमिहीन मजदूर और छोटे व्यापारी भी इस परियोजना के कारण उन सबकी आजीविका खतरे में है। उनमें से कुछ इस परियोजना का विरोध करना चाहते हैं । कुछ उम्मीद कर रहे है कि नये भू अधिग्रहण कानून का वे सहारा ले सकते हैं। कानून की मुख्य बातों पर विचार करके बताओ की नीमगांव वालों को क्या करना चाहिए और उनके साथ क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए ।
उत्तर :- 1.जिनकी आजीविका खतरे में है |वे इस परियोजना का विरोध कर सकते हैं क्योंकि भूमि अधिग्रहण के मामले में 80% विस्थापित व्यक्तियों की सहमति आवश्यक है |इस भूमि अधिग्रहण कानून का सहारा लेकर अपनी असहमति दर्शाकर परियोजना के क्रियान्वयन पर रोक लगा सकते हैं |
2.गांव के सभी लोग सामूहिक रूप से एक मत हो और परियोजना का विरोध करें |
3.अगर अधिग्रहण आवश्यक है तो गांव के लोग पंच, सरपंच एवं अन्य नागरिकों को सरकार से उचित मुआवजे की मांग करनी चाहिए |
4.केवल अति विशेष परिस्थितियों में ही बहुफसली व संचित कृषि भूमि का गैर कृषि उपयोग के लिए अधिग्रहित किया जा सकता है |
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प्रश्न 07: भारत में मुख्यतः कितनी प्रकार की मृदा पाई जाती है ?
उत्तर :- भारत में मुख्यतः छः प्रकार की मृदा पाई जाती है :- वन मृदा ,जलोढ़ मृदा, लाल और पीली मृदा , काली मृदा, लैटे राईट मृदा, शुष्क मृदा |
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प्रश्न 08: भारत में वन मृदा किन-किन राज्यों में पाई जाती है ? वन मृदा वाले प्रदेशों की भौगोलिक बनावट कैसी है ?
उत्तर:- भारत में वन मृदा मुख्य रूप से पहाड़ी ढलानों में पाई जाती है और यह वुडलैंड्स और जंगलों से कार्बनिक पदार्थों के जमाव द्वारा बनती है| वन मृदा आमतौर पर शुष्क और ठंडे प्रदेश में पाई जाती है | जैसे:- जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल, सिक्किम और अरुणाचल में पाई जाती है | यह सभी हिमालय क्षेत्र में स्थित है | वन मृदा वाले प्रदेशों की भौगोलिक बनावट पर्वतीय है |
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प्रश्न 09: भारत में शुष्क मृदा कहाँ पाई जाती है? शुष्क मृदा को और किस नाम से जानते?
उत्तर :- भारत में शुष्क मृदा थार मरुस्थल में पाई जाती है। शुष्क मृदा को मरु मृदा के नाम से भी जाना जाता है।
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प्रश्न 10: छत्तीसगढ़ में अधिकांश किस प्रकार की मृदा पाई जाती है ?
उत्तर :- छत्तीसगढ़ की अधिकांश भूमि पर लाल और पीली मिट्टी पाई जाती है| इन मृदाओं का लाल रंग इनमें जल, भोजन के कारण रूपांतरित चट्टानों में लौह धातु के प्रसार के कारण होता है |
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प्रश्न 11: सबसे कम क्षेत्रफल पर कौन सी मृदा का विस्तार है?
उत्तर :- सबसे कम क्षेत्रफल पर शुष्क मृदा का विस्तार है |
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प्रश्न 12: गरीब लोग भूमि निम्नीकरण के शिकार है या वे उनके कारण है?
उत्तर :- देश के सबसे गरीब समुदाय निम्न कृषि भूमि पर आश्रित है | वह या तो गरीब पशुपालक हैं या फिर निम्न गुणवत्ता वाली भूमि पर खेती करने वाले गरीब व सीमांत किसान व आदिवासी है | अन्य किसी आजीविका के संसाधन के अभाव में वे इस निम्न भूमि का और दोहन करने पर मजबूर हो जाते हैं जिसके कारण निम्नीकरण और तेज हो जाता है | अक्सर गरीबी के कारण यह समुदाय जमीन के संवर्धन के लिए उचित उपाय भी नहीं कर पाते हैं| इस तरह गरीबी और भूमि निम्नीकरण एक दूसरे के कारण बन कर एक कुचक्र स्थापित करते हैं |
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प्रश्न 13: गरीबी दूर करने के लिए भूमि संवर्धन किस हद तक कारगर हो सकता है ?
उत्तर :- अक्सर गरीबी के कारण यह समुदाय जमीन के संवर्धन के लिए उचित उपाय भी नहीं कर पाते हैं इस तरह गरीबी और भूमि निम्नीकरण एक दूसरे के कारण बन कर एक कुचक्र स्थापित करते हैं |यह आवश्यक है कि इन प्रदेशों में भूमि संवर्धन का जिम्मा सरकार उठाएं और गरीबों की आजीविका और भूमि की गुणवत्ता की रक्षा करें |
अभ्यास :-
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निम्नलिखित प्रश्नों के चार विकल्प दिए गए हैं इनमें से सही उत्तर को चुनिए ।
प्रश्न 01: आप प्रतिदिन भोजन करते हैं। इस भोजन का अधिकांश भाग किस भूमि से प्राप्त होता है?
(क) कृषि भूमि (ख) वन भूमि (ग) बंजर भूमि (घ) परती भूमि
उत्तर : क
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प्रश्न 02: मृदा की कौन सी परत कृषि के लिए सबसे महत्वपूर्ण है?
(क) C और R (ख) C और B (ग) O और A (घ) A और B
उत्तर : ग
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प्रश्न 03: अपरदन एवं कीटनाशक के प्रयोग से सबसे पहले किस परत को नुकसान होता है?
() जैविक परत (ख) खनिज परत (ग) आधारित परत (घ) उपर्युक्त सभी परत
उत्तर : क
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प्रश्न 04: किस प्रकार की भूमि पर उद्योग लगाना ठीक है?
(क) वन भूमि (ख) कृषि भूमि (ग) उपवन भूमि (घ) बंजर भूमि
उत्तर : घ
प्रश्न 05: भूमि का प्रबंधन करना…..
(क) आवश्यक है।
(ख) आवश्यक नहीं है ।
(ग) कभी-कभी आवश्यक है।
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर : क
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :-
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प्रश्न 06: मिट्टी नहीं होने से आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर :- मिट्टी हमारे जीवन का एक बहुमूल्य प्राकृतिक संपदा है | मिट्टी समाप्त होने पर समस्त थलचर जीव (पौधे एवं जंतु) का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा | ऐसी स्थिति में खाद्यान्नों का उत्पादन नहीं हो पाएगा क्योंकि मिट्टी पर ही सारे खाद्यान्नों का उत्पादन किया जाता है| वनस्पति ,जीव जंतु सभी भूमि पर निर्भर है | भूमि के अभाव में वनस्पति समाप्त हो जाएगी और पर्यावरण संबंधी समस्या उत्पन्न हो जाएगी | अतः मिट्टी के अभाव में हमारा जीवन नष्ट हो जाएगा |
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प्रश्न 07: कृषि भूमि के कम होने से क्या होगा?
उत्तर:- कृषि भूमि अगर कम होती है तो खाद्यान्न की कमी हो जाएगी तथा कृषि उत्पादन भी कम हो जाएगा| जबकि जनसंख्या निरंतर बढ़ती जा रही है | अतः हमें जमीन का बड़ी सावधानी से प्रयोग करना होगा | कृषि भूमि का विस्तार करना होगा क्योंकि कृषि भूमि कम होने से भविष्य में खाद्यान्नों का संकट पैदा हो सकता है | और अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है |
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प्रश्न 08: वर्तमान और पुरानी परती भूमि में क्या अंतर है ?
उत्तर :- वर्तमान परती भूमि:- वर्तमान परती भूमि जो केवल 1 वर्ष के लिए परती है| भूमि को 1 वर्ष के लिए परती छोड़ने पर उसमें ह्यूमस की मात्रा में वृद्धि होती है, जिससे भूमि की उर्वरता शक्ति बढ़ जाती है |
पुरानी परती भूमि :- पुरानी परती भूमि जो 1 से अधिक वर्षों से परती है | पुरानी परती पर कृषि का विस्तार नहीं किया जा सकता है | इस कारण यह भूमि बंजर में परिवर्तित हो जाती है |
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प्रश्न 09: भूमि के निम्नीकरण के क्या मानवीय कारक है?
उत्तर :- भूमि के निम्नीकरण के मानवीय कारक निम्न है
1.अति सिंचाई :- अधिक सिंचाई भूमि के कारण भूमि दलदल बन रहा है और मिट्टी का लवणीकरण हो रहा है |
2.अति उत्खनन :- उत्खनन से भूमि की ऊपरी परत को हटाकर नीचे बड़े गड्ढे खोदकर खनिज निकाला जाता है, उसके बाद वहां की जमीन किसी उपयोग लायक नहीं रह जाती है| यह भी भूमि निम्नीकरण का कारण है |
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प्रश्न 10: निम्नलिखित तालिका में कुछ नाम दिए गए हैं I उनके द्वारा मिट्टी का उपयोग किस प्रकार किया जाता है इसे तालिका को भरें I
उत्तर :
क्र. | व्यक्ति | मिट्टी का उपयोग |
1. | कुम्हार | बर्तन बनाने में |
2. | किसान | खेती के लिए |
3. | मूर्तिकार | मूर्ति बनाने में |
4. | उद्योगपति | उद्योग लगाने के लिए |
5. | गाँव की महिला | घर को पोतने में, चूल्हा बनाने में |
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प्रश्न 11: निम्नांकित आँकड़ों का अध्ययन कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें :-
भारत में भूमि उपयोग
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प्रश्न क. किस प्रकार की भूमि का क्षेत्रफल दिए गए सभी वर्षों में कम हो रहा है?
उत्तर:- उपवन भूमि का क्षेत्रफल दिए गए सभी वर्षों में कम हो रहा है।
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प्रश्न ख: किस प्रकार की भूमि का क्षेत्रफल दिए गए सभी वर्षों में अधिक हो रहा है?
उत्तर :- कृषि भूमि का क्षेत्रफल दिए गए सभी वर्षों में अधिक हो रहा है ।
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प्रश्न ग: आकृषि भूमि का क्षेत्रफल क्यों बढ़ रहा है?
उत्तर :- आकृषि भूमि का क्षेत्रफल इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि उद्योग, यातायात, व्यापार, मानव आवास आदि का विकास आकृषि भूमि पर हो रहा है |
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प्रश्न घ: क्या भारत की कुल भूमि के आँकड़े उपलब्ध है ? इसमें 1950-51 से 2010-11 में क्या अंतर आया है?
उत्तर :- भारत में 1950-51 में 42% भाग पर कृषि थी जो आज के समय में 46% है| राष्ट्रीय भूमि उपयोग में 1950 और 2010 के बीच का अनुपात 4% से 9% है | भारत में 1950-51 से 2010-11 में निम्न अंतर है :-
i) कृषि भूमि का विस्तार हुआ है |
ii) वन भूमि का विस्तार हुआ है |
iii) आकृषि भूमि का विस्तार हुआ है |
iv) बंजर एवं परती भूमि में कमी आई है |
v) चराई भूमि भी बड़ा है |
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प्रश्न 12 : निम्नलिखित वृत्त चार्ट में भारत एवं छत्तीसगढ़ की भूमि उपयोग (2011) प्रदर्शित किया गया है। इस चार्ट का अध्ययन करें और संलग्न प्रश्नों का उत्तर दें।
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प्रश्न क : संपूर्ण भारत की तुलना में, छत्तीसगढ़ राज्य में किस भूमि का प्रतिशत अधिक है और किस का कम है ?
उत्तर :- छत्तीसगढ़ में वन भूमि का प्रतिशत अधिक है और उपवन भूमि का प्रतिशत कम है।
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प्रश्न ख : किस प्रकार की भूमि संपूर्ण भारत की तुलना में छत्तीसगढ़ में आधी है?
उत्तर :- परती भूमि और बंजर भूमि संपूर्ण भारत की तुलना में छत्तीसगढ़ में आधी है।
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प्रश्न ग : किस प्रकार की भूमि का प्रतिशत भारत की तुलना में छत्तीसगढ़ में दोगुनी है?
उत्तर:- वन भूमि का प्रतिशत भारत की तुलना में छत्तीसगढ़ में दोगुनी है।
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प्रश्न घ : छत्तीसगढ़ में किस प्रकार की भूमि का प्रतिशत सर्वाधिक है?उत्तर:- वन भूमि का प्रतिशत छत्तीसगढ़ में