Class 10 SST
Chapter 3
कृषि Agriculture
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प्रश्न 01: आपके आस-पास फसल उत्पादन में ऋतुवार भिन्नता किस प्रकार होती है तालिका बनाकर प्रस्तुत करें ?
उत्तर:- ऋतुवार फसल तरीका :-
ग्रीष्म ऋतु | शरद ऋतु | वर्षा ऋतु |
सब्जियां तरबूज खरबूज खीराककड़ी | गेहूं ,चना, सरसों, अलसी, मसूर | धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, तुअर, मूंग, उड़द, मूंगफली |
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प्रश्न 02: आपके आस-पास कौन-कौन सी फसलें एक से अधिक मौसम में उपजाई जाती है?
उत्तर :- धान, दलहन, सब्जियां फसलें एक से अधिक मौसम में उगाई जाती है।
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प्रश्न 03: आपके आस- पास सिंचाई के क्या-क्या साधन उपलब्ध है? एक रिपोर्ट बनाइए ?
उत्तर :- हमारे आस – पास नदियाँ, तालाब, ट्यूबवेल, कुआँ, नल, नलकूप, नहरे,आदि सिंचाई के साधन उपलब्ध है |
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प्रश्न 04: किन फसलों के उत्पादन में तीन गुना से अधिक एवं किन फसल के उत्पादन में तीन गुना से कम वृद्धि हुई है? तालिका देखकर सूची बनाएँ ?
उत्तर :-तीन गुना से अधिक वाले फसल तीन गुना से कम वृद्धि वाले फसल
धान ज्वार
गेहूँ दाल
मक्का
तिलहन
बाजरा
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प्रश्न 05: उत्पादन में वृद्धि की तुलना जनसंख्या के साथ करना क्यों जरूरी है?
उत्तर:- उत्पादन में वृद्धि की तुलना जनसंख्या के साथ करना इसलिए आवश्यक है कि उपयोग की इकाई के रूप में मानवीय संसाधन, राष्ट्रीय उत्पादन के लिए मांग का निर्माण करते हैं | यदि जनसंख्या राष्ट्रीय उत्पादन की तुलना में अधिक होता है तो जनसंख्या संबंधी अनेक समस्याएं खड़ी होती है| जैसे बढ़ती जनसंख्या के कारण देश में खाद्यान्न की मांग बढ़ जाती है |
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प्रश्न 06:मोटेअनाजों के उत्पादन में कमी होनेके क्या कारण हो सकते हैं?कक्षा में चर्चा करें?
उत्तर :- देश में अनाज का कुल उत्पादन 1950-51 में 51 मिलियन टन था ,जो 2010-11 में बढ़कर 244 मिलियन टन हो गया | वही मोटे अनाजों के उत्पादन में भारी गिरावट आई है |इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं :-
i) चावल की तुलना में मक्का, बाजरा और ज्वार की फसलें जलवायु परिवर्तन के प्रति कम संवेदनशील होती हैं |
ii) देश में फसल उत्पादन आज व्यवसाय बन चुका है| इस कारण किसान उन्हीं फसलों को प्राथमिकता देता है जो अधिक लाभ दे सकें |
iii) बढ़ती संख्या की खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उन्हीं फसलों का उत्पादन किया जाता है जिससे पैदावार ज्यादा होते हैं |
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प्रश्न 07: निरा बोया हुआ क्षेत्र एक उदाहरण देकर समझाइए ?
उत्तर :- निरा बोया हुआ क्षेत्र का उदाहरण है यदि कृषि भूमि का विस्तार करना हो तो जंगलों को साफ करना होगा | 60 वर्ष के आंकड़ों में हम कृषि भूमि में विस्तार देखते हैं। कृषि भूमि में यह विस्तार 1950 के दशक में ही हुआ है। इसके बाद विगत लम्बे समय से यह स्थिर अवस्था में है। थोड़ा बहुत फर्क परती भूमि के कारण एवं कृषि भूमि के अन्य उपयोग के कारण आता है।
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प्रश्न 08: क्या भारत में कुल बोया गया क्षेत्र का विस्तार संभव है ?
उत्तर- नहीं , भारत में कुल बोया गया क्षेत्र का विस्तार संभव नहीं है |
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प्रश्न 09: क्या वन भूमि को नष्ट कर कृषि भूमि का विस्तार किया जाना सही है? शिक्षक बच्चों से चर्चा करें ?
उत्तर:- जनसंख्या दृष्टि को ध्यान में रखकर अगर सोचा जाए तो कृषि भूमि का विस्तार आवश्यक है, लेकिन पर्यावरण की दृष्टि से वनों का संरक्षण भी आवश्यक है । जनसंख्या अनाज पर निर्भर है, लेकिन वन भूमि को नष्ट न करके अन्य कोई उपाय ढूंढ खेती या कृषि कार्य किया जाना चाहिए जिससे कृषि भी पर्याप्त रूप से किया जा सके और वन भूमि भी नष्ट न हो ।
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प्रश्न 10: 1950-51 में किन साधनों की सहायता से भूमि पर सर्वाधिक सिंचाई की जाती थी?
उत्तर :- 1950-51 में नहर की सहायता से भूमि पर सर्वाधिक सिंचाई की जाती थी।
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प्रश्न 11: 2010-11 में किन साधनों की सहायता से सर्वाधिक सिंचाई की जा रही है?
उत्तर :- 2010-11 में नलकूप की सहायता से सर्वाधिक सिंचाई की जा रही है।
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प्रश्न 12: उत्पादकता में वृद्धि का उत्पादन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:- उत्पादकता में वृद्धि अतिरिक्त उत्पादन उत्पन्न करती है जिससे बिक्री मूल्य और लागत में कमी आती है| श्रमिकों के लिए मजदूरी में वृद्धि और उद्योग के लिए लाभ में वृद्धि को सक्षम बनाता है इससे अधिक मांग पैदा होती है और इसलिए अधिक रोजगार का सृजन होता है |
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प्रश्न 13:किस फसल की उत्पादकता में सर्वाधिक वृद्धि हुई और किस फसल की उत्पादकता में सबसे कम वृद्धि हुई ?
उत्तर :- गेहूं की उत्पादकता में वृद्धि हुई ,जबकि दाल की उत्पादकता में कम वृद्धि हुई ।
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प्रश्न 14: आधुनिक खेती के क्या- क्या दुष्परिणाम दिखाई दे रहें है ?
उत्तर:- आधुनिक खेती में किसान अधिक अनाज उगाने के चक्कर में अपने खेतों में अधिक से अधिक रासायनिक कीटनाशको और खादों का प्रयोग किया जिसके कारण उर्वरा शक्ति कम हुई और कैंसर रोगियों के तादाद बढ़ी | इसका प्रभाव जैव विविधता, खाद्य श्रृंखला और मानव स्वास्थ्य आदि पर पड़ता है।
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प्रश्न 15: क्या जैविक खेती के तरीकों को अपनाए जाने से आधुनिक खेती के विकल्प प्राप्त किए जा सकते है ? चर्चा करें |
उत्तर :- हाँ वर्तमान समय में जैविक खेती को अपनाकर हम आधुनिक खेती के विकल्प प्राप्त कर सकते है |
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प्रश्न 16: किसान को फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो सके इसके लिए क्या किया जाना चाहिए ? चर्चा करें |
उत्तर :- इसके लिए सरकार को उचित कदम उठाया जाना चाहिए| जैसे:- वर्तमान में प्रधानमंत्री योजना, प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान को लागू किया | इस योजना का उद्देश्य
किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य दिलाना है, जिसकी घोषणा वर्ष 2018 के केंद्रीय बजट में की गई |
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प्रश्न 17: धान का उत्पादन किन-किन प्रदेशों में प्रमुख रूप से होता है ?
उत्तर :- पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ इन प्रदेशों में प्रमुख रूप से धान का उत्पादन होता है।
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प्रश्न 18: गेहूं का उत्पादन किन-किन प्रदेशों में होता है ?
उत्तर :- गेहूं का उत्पादन उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश इन प्रदेशों में होता है।
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प्रश्न 19: राजस्थान में धान एवं तमिलनाडु में गेहूं का उत्पादन क्यों नहीं होता है? शिक्षक से चर्चा करें |
उत्तर :- राजस्थान में हवाएँ गर्म और बालू की मात्रा अधिक है, जल की कमी भी है, जबकि धान की खेती के लिए पानी अधिक लगता है। गेहूं जो है वो कम वर्षा वाले क्षेत्र में उगाए जाते हैं और तमिलनाडु में वर्षा अधिक होती है इसलिए गेहूं की फसल असंभव है।
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प्रश्न 20: क्या धान और गेहूँ उत्पादन के प्रदेशों में आपको भिन्नता दिखाई दे रही है? इसके कारणों को जानने के लिए शिक्षक से चर्चा करें |
उत्तर :- हाँ, भिन्नता दिखाई दे रही है, इसका प्रमुख कारण जलवायु और भौगोलिक वातावरण है | धान और गेहूं दोनों ही फसलों के उत्पादन के लिए अलग-अलग जलवायु का होना आवश्यक है| इसलिए जहाँ जैसी जलवायु में फसल का उत्पादन किया जा सके वहां वैसे ही फसल का उत्पादन किया जाता है।
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प्रश्न 21: सांकरा गाँव में चना ,खेसारी (लाखड़ी) गेहूं, अलसी आदि रबी फसलों के उत्पादन क्यो बन्द हो गई ?
उत्तर :- खरीफ के अलावा रबी मौसम में भी किसानों को खेतों में भरपूर पानी दिया गया । यह पानी एक साथ दिया जाता है, जिससे सभी खेतों में पानी की इतनी मात्रा हो जाती है कि वहाँ आसानी से धान की उपज हो सकती है। किन्तु कम पानी की आवश्यकता वाली फसलें जैसे चना, खेसारी (लाखड़ी), गेहूँ, अलसी आदि नहीं हो सकती है।
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प्रश्न 22: सांकरा गाँव में फसल प्रतिरूप के बदलाव से क्या प्रभाव पड़े- आय, स्वास्थ्य, रोजगार, भूमि उर्वरक क्षमता इन बातों को ध्यान में रखते हुए समझाइए ?
उत्तर :-1 . सांकरा गाँव में फसल प्रतिरूप के बदलाव से धान की उर्वरक उत्पादन बढ़ी , किसानों की आय बढ़ी |
2 . जमीन गीली होने के कारण बार – बार धान लगा रहे भूमि की उर्वरक क्षमता घट गयी |
3 . मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी दलहन फसल बंद होने के कारण हो गयी |
4 . खेतों में मछलियां कम हो गयी ,खाने वाले का स्वास्थ्य कमजोर होने लगा |
5 . उत्पादक फसल प्रतिरूप बदलने से रोजगार के अवसर घट गए |
अभ्यास :-
वैकल्पिक प्रश्:-
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प्रश्न 01: भारत में सर्वाधिक भूमि पर किस ऋतु में फसलें बोई जाती हैं ?
(क) खरीफ
(ख) रबी
(ग) जायद
(घ) सभी ऋतु में एक समान
उत्तर : क
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प्रश्न 02: खरीफ ऋतु का आगमन होता है –
(क) मानसून की वापसी के साथ
(ख) मानसून के आगमन के साथ
(ग) मकर संक्रांति के बाद
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर : ख
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प्रश्न 03: लम्बे समय से रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से भूमि की उर्वरता-
(क) बढ़ती है।
(ख) स्थिर रहती है।
(ग) कम होती है।
(घ) कभी बढ़ती है तो कभी स्थिर रहती है।
उत्तर : ग
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प्रश्न 04: विगत साठ वर्षों में किस फसल का उत्पादन सबसे अधिक बढ़ा है ?
(क) धान
(ख) ज्वार
(ग) बाजरा
(घ) गेहूँ
उत्तर : घ
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प्रश्न 05: भारत में धान की खेती की जा सकती है-
(क) केवल खरीफ में
(ख) केवल रबी में
(ग) केवल जायद में
(घ) सभी मौसम में ।
उत्तर : क
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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें –
प्रश्न 01: कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए क्या – क्या किए जा सकते हैं ?
उत्तर:- कृषि उत्पादन बढ़ाने लिए जो किया जाना चाहिए वह निम्नलिखित है :-
1.) बोए गए क्षेत्र में वृद्धि :- बोए गए क्षेत्र का आशय उस भूमि से हैं जिस पर फसल बोई जाती है | यदि बोए गए क्षेत्रफल में वृद्धि हो तो उत्पादन में भी वृद्धि हो जाती है। भारत का क्षेत्रफल निश्चित है। इस निश्चित भूमि के अलग-अलग उपयोग है। इस कारण यदि खेती की भूमि बढ़ती है तो दूसरी भूमि कम हो जाती है।
2.) सिंचित भूमि में वृद्धि :- कृषि के लिए भूमि का विस्तार नहीं कर सकते लेकिन इसके उपयोग की बारम्बारता में एक सीमा तक वृद्धि की जा सकती है।
3.) उत्पादकता में वृद्धि :- भूमि की मात्रा निश्चित है। उत्पादकता में वृद्धि के लिए कई उपाय अपनाए गए। इसमें अधिक उपज देने वाले बीजों,रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों इत्यादि का प्रयोग किया जाता है।
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प्रश्न 02: क्या औद्योगिक व्यवस्था पर किसानों की निर्भरता बढ़ती जा रही है ?
उत्तर:- हाँ, क्योंकि उन्नत बीज, रासायनिक उर्वरक तथा कीटनाशक काफी महंगे होते हैं। इन कारणों से उत्पादन लागत में वृद्धि हुई । भारत में अधिकांश सीमांत किसान है जो कि महंगी उत्पादन लागत वहन करने में अक्षम है। यदि किसान महंगी उत्पादन लागत के द्वारा भी फसल उत्पादन में निवेश करते हैं और किसी प्राकृतिक प्रकोप, कीट आदि से फसल नष्ट हो जाए तो किसान के पास कुछ नहीं बचता है। यदि फसल का उत्पादन हो भी जाए और फसल का उचित मूल्य बाजार से प्राप्त न हो तो भी किसान को नुकसान उठाना पड़ता है। औद्योगिक व्यवस्था पर किसानों की निर्भरता इसी कारण बढ़ती जा रही है।
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प्रश्न 03: विकसित देश अपने किसानों को अनुदान देते हैं इसका भारतीय कृषि पर क्या प्रभाव है ?
उत्तर :- विकसित देशों के द्वारा दिए जाने वाले इस अनुदान के कारण वहाँ के किसानों की फसल लागत कम या नहीं के बराबर हो जाती है। फसल लागत कम होने से विकसित देशों के कृषि उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में सस्ते हो जाते हैं ,इस कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी माँग अधिक होती है। विकासशील देश ये अनुदान नहीं दे पाते है |
टैक्स लगाते है, जिससे इनके कृषि उत्पाद महंगे होते हैं। अतः अंतर्राष्ट्रीय बाजार में विकासशील देशों के कृषि उत्पाद पिछड़ जाते हैं। भारत भी एक विकासशील देश है और विकासशील देश विकसित देशों के द्वारा कृषि क्षेत्र में दिए जाने वाले अनुदान का हमेशा विरोध करते रहे हैं किन्तु विकसित देशों में अनुदान देना बंद नहीं किया है।
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प्रश्न 04: नलकूप द्वारा अत्यधिक सिंचाई के क्या दुष्परिणाम हो सकते है?
उत्तर :- नलकूप द्वारा अत्यधिक सिंचाई से भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन से इसका स्तर नीचे जा रहा है। पंजाब एवं हरियाणा में भूमिगत जल स्तर 4 से 6 मीटर नीचे चला गया | इससे कई नलकूप सूख गए। इस प्रकार भूमिगत जल का अधिक दोहन किया जाए तो एक दिन ऐसा भी आएगा जब सारे नलकूप सूख जाएंगे। इसलिए यह आवश्यक है कि हम उतने ही जल का उपयोग करें जितने का रिचार्ज संभव हो सके।
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प्रश्न 5: भूमंडलीकरण का क्या अर्थ है ?
उत्तर :- भूमंडलीकरण का आशय किसी देश की अर्थव्यवस्था का विश्व की अर्थशास्त्र के साथ समन्वय है। इसका मुख्य उद्देश्य है, व्यापार अवरोधकों को कम करना जिससे वस्तुओं का विभिन्न देशों में बेरोक टोक आदान-प्रदान या व्यापार हो सके ।
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प्रश्न 06: कृषि नहीं होने पर आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? चर्चा करें।उत्तर:- कृषि न होने पर अनाज प्राप्त नहीं हो पायेगा और सभी जीव कृषि पर ही आश्रित है, क्योंकि कृषि कार्य से ही अन्न का उत्पादन होता है जो दैनिक जीवन के लिए आवश्यक है| इसके बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं है। एक प्रकार से कहा जाये तो कृषि मानव जीवन का आधार है | कृषि न होने पर कृषकों के जीवन पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा क्योंकि किसान और ग्रामीण क्षेत्र के लोग कृषि कार्य पर ही निर्भर है।और उसके द्वारा ही अपना जीवन यापन करते हैं।