CG Board Class 10 SST Solutions Chapter 18 मुद्रा एवं साख currency and credit

CG Board Class 10 SST Solutions Chapter 18 मुद्रा एवं साख currency and credit

 

Class 10 SST 

Chapter 18

 मुद्रा एवं साख

 currency and credit

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प्रश्न 1.रेजीना के पास बैंक बचत खाते में 20000 रु. हैं और स्थायी जमा (एफ.डी) में 100000 रु.। उसे खरीदी पर दुकानदार को चेक द्वारा 40000 रु. देने हैं। उसे चेक देने से पहले क्या करना होगा? चर्चा करें।

उत्तर:-   रेजीना के पास बचत खाते में ₹20000 ही है| और एफडी. में ₹100000 हैं |अतः रेजीना बचत खाते से ₹20000 का चेक ही जारी कर सकती है| ₹40000 का चेक देने से पहले उसे अपनी एफडी. समाप्त कर उसका पैसा बचत खाते में डालना होगा |उसके बाद वह दुकानदार को ₹40000 का चेक दे सकती है |

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प्रश्न 2.बचत खाता और स्थायी जमा (एफ.डी.) में क्या अन्तर है? 

उत्तर:- बचत खाता :- चालू खाते एवं  बचत खाते से हम जब चाहे पैसा निकाल सकते हैं या किसी को भुगतान करने के लिए चेक दे सकते हैं | यह हमारा पैसा है जिसे बैंक ने सुविधा  एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए रखा है | बैंक यह वचन देती है कि मांगने पर हमें यह पैसा हमेशा उपलब्ध होंगे इसलिए इन्हें माँग जमा राशि कहा जाता है|

स्थाई जमा खाता – स्थाई जमा एक निश्चित समय सीमा के लिए बैंक के पास जमा रहता है|इस समय सीमा से पहले हम यह पैसा नहीं निकाल सकते हैं | इस जमा पर बैंक अधिक ब्याज देती है | 

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प्रश्न 3.क्या धीरे-धीरे नकद का उपयोग कम होगा और बैंक खातों का उपयोग बढ़ेगा? चर्चा करें।

उत्तर:- हां धीरे-धीरे नकद  का उपयोग कम होगा और बैंक खातों का उपयोग बढ़ेगा  |क्योंकि नगद पैसा एक जगह से दूसरी जगह ले जाना उचित नहीं है | इसलिए लोग अपना पैसा बैंक में जमा रखते हैं | और जिसे भुगतान करना होता है उसे चेक, एटीएम या नेट बैंकिंग से भुगतान कर देते हैं | इस प्रकार के भुगतान से पैसा खाते में चला जाता है | 

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प्रश्न 4. बैंक जाकर पता करें:-

यदि हमें किसी के खाते में बिना चेक लिखे,इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सीधे पैसे ट्रांसफर करना है तो यह कैसे किया जाता है? (आरटीजीएस एवं निफ्ट के बारे में जानकारी प्राप्त करें) 

उत्तर:- ऐसा हम दो प्रकार से कर सकते हैं :-पहला तो हम किसी के खाते में इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से पैसा अपने खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं | इसके लिए हमें सामने वाले का खाता नंबर मालूम होना चाहिए | दूसरा हम ए.टी.एम के द्वारा भी बैंक में स्वाइप मशीन से या ए.टी.एम मशीन से भी पैसा दूसरे खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं |

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प्रश्न 5. इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से लेन-देन करना, चेक की तुलना में किन मायनों में ज़्यादा सुगम है? क्या इसके कुछ खतरे भी हैं?

उत्तर:- हाँ,इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से लेनदेन चेक की तुलना में ज्यादा सुगम है | क्योंकि इन माध्यमों से हम इंटरनेट बैंकिंग से घर बैठे लेन देन कर सकते हैं और यह तुरंत हो जाता है| जबकि चेक हम तब देते हैं जब सामने वाला व्यक्ति चेक अपने खाते में जमा करेगा| तब पैसा उसके खाते में जमा होगा| इसमें 1 या 2 दिन का समय लग सकता है | इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से लेनदेन में खतरा तभी है जब किसी को आपका यूजर आईडी और पासवर्ड मालूम हो जाए | ऐसी स्थिति में कोई भी आप के खाते का दुरुपयोग कर सकता है | अतः आवश्यक है कि समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें और इसे सुरक्षित रखें |

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प्रश्न 6.मुद्रा से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में समझाइए। 

उत्तर:- मुद्रा एक ऐसी वस्तु है जिसके माध्यम से जीवन में क्रय और विक्रय होती है| यह विनिमय का सबसे सरल माध्यम है | आमतौर से किसी देश में प्रयोग की जाने वाली मुद्रा उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है भारत में रुपया व पैसा मुद्रा है | 

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प्रश्न 7.कई बार हम देखते हैं कि दुकानदार नकद के लिए टॉफी एवं चॉकलेट का उपयोग करते हैं। ऐसा क्यों? क्या यह व्यवस्था सुगम है? चर्चा  करें | 

उत्तर:- कई बार हम देखते हैं कि दुकानदार नगद की जगह टॉफी एवं चॉकलेट देते हैं | ऐसा चिल्लर पैसा ना होने के कारण देते हैं | यदि हम दुकानदार से कोई वस्तु खरीदते हैं और उस वस्तु की कीमत ₹58 है हमने उसे ₹60 भुगतान किया हो तो वह ₹2 की टॉफी छुट्टे पैसे के बदले हमें दे देता है | यह इसलिए संभव है क्योंकि ₹1 से कम के खुले पैसे अब चलन में नहीं होने के कारण ऐसा किया जाता है |

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प्रश्न 8.अपने शब्दों में लिखिए कि मुद्रा कैसे देषदेश में मूल्यों की मापन इकाई, भावी भुगतान का आधार होते हुए विनिमय का माध्यम बनती है?

उत्तर:-  मुद्रा के विशिष्ट लक्षणों से हम पाते हैं कि यह सभी वित्तीय लेनदेन में स्वीकार होती है| अतः मुद्रा की साख इसकी सार्वभौमिक, स्वीकार्यता से होती है| यह हमारे लेनदेन को सरल बना देती है | किसी देश के अंदर वहां उपयोग होने वाले पैसों के आधार पर मूल्यों का मापन किया जाता है | किसी भी वस्तु या सेवा की कीमत पता करने के लिए मुद्रा ही अंकित करते हैं | मुद्रा का उपयोग कर कोई भी व्यक्ति तरह-तरह की वस्तुएं भिन्न-भिन्न कीमतों पर खरीद सकते हैं | अर्थात व्यक्ति अपनी सभी आवश्यकता की वस्तु जिन पर अलग-अलग कीमत अंकित हो उसकी माप रुपयों या मुद्रा में कर उनका भुगतान कर सकता है | इस प्रकार प्रत्येक मुद्रा वर्तमान और भविष्य के संभावित भुगतान का आधार होता है | जैसे हम किसी व्यक्ति से ₹10000 ,2 वर्ष बाद में लौटाने की शर्त पर उधार लेते हैं तो 2 वर्ष बाद हम मूलधन ₹10000 की राशि ब्याज सहित मुद्रा में ही अदा करेंगे | उसी प्रकार आज हमारे पास पैसे है तो इसका उपयोग हम भविष्य में आसानी से कर सकते हैं| यही सुगमता मुद्रा को स्वीकार्यता प्रदान करती है| आज वस्तुओं और सेवाओं का विनिमय वस्तुओं में ना होकर मुद्रा के माध्यम से होता है| इससे वस्तु विनिमय की कठिनाइयां भी दूर हो गई है |

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प्रश्न 9. हमारे आसपास दिखने वाले बैंक ‘‘वाणिज्यिक बैंक’’ क्यों कहलाते हैं? चर्चा करें |

उत्तर:-बैंक वह कोई भी संस्था है जो मुद्रा लेन – देन को सरल बनाती है | वाणिज्य बैंक (कमर्शियल बैंक ) इन बैंकों को कहते है | जो धन जमा करने  , व्यवसाय के लिए ऋण देने जैसी सेवाएं प्रदान करते है इन्हें वाणिज्यिक बैंक या व्यावसायिक बैंक या व्यापारिक बैंक भी कहते है अतः हमारे आस – पास दिखने वाले बैंक वाणिज्यिक बैंक कहलाते है | 

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प्रश्न 10. बैंक जाकर पता करें:- अलग-अलग खातों पर ब्याज दर के लिए उन्हें रिजर्व बैंक के  किन नियमों का पालन करना होता है। एक रिपोर्ट तैयार करें।

उत्तर:- बैंक बचत खाता, चालू खाता, स्थाई जमा खाता, सभी के लिए निर्धारित ब्याज दर रिजर्व बैंक के अनुसार निर्धारित है|  ऋण लेना और बैंक में जमा करना दोनों की ब्याज दर की  दिशा निर्देश रिजर्व बैंक जारी करती है|सभी बैंकों को रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन करना जरूरी है|

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प्रश्न 11.हमारे आसपास दिखने वाले बैंक ‘‘वाणिज्यिक बैंक’’ क्यों कहलाते हैं? चर्चा करें|

उत्तर:- बैंक में कोई भी संस्था है जो मुद्रा के लेनदेन को सरल बनाती है वाणिज्य बैंक उन बैंकों को कहते हैं जो धन जमा करने, व्यवसाय के लिए ऋण देने जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं उन्हें वाणिज्यिक बैंक या व्यवसायिक बैंक या व्यापारिक बैंक भी कहते हैं | व्यापारिक बैंक लोगों के रुपए को जमा के रूप में स्वीकार करती है| तथा जब लोगों को मुद्रा की जरूरत होती है तो उन्हें ऋण के रूप में उधार भी देती है |वर्तमान समय में व्यापारिक बैंक साख निर्माण का भी कार्य

करते हैं| संक्षेप में कहा जा सकता है कि व्यापारिक बैंक वह संस्था होती है जो लाभ कमाने के उद्देश्य से लोगों की जमा को स्वीकार करते हैं तथा लोगों को जबरन की आवश्यकता होती है तो उन्हें उधार भी देते हैं |

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प्रश्न 12. अपने आसपास के लोगों से चर्चा कर पूछें कि क्या उन्होंने कभी-कभी आवश्यकता की चीज़ों के लिए अल्पकालिक/दीर्घकालिक ऋण लिया है? यह सकारात्मक रहा या नहीं इस पर एक रिपोर्ट लिखें। 

उत्तर:- अल्पकालिक ऋण :-  एक छोटी किसान स्वप्ना अपनी 3 एकड़ जमीन पर मूंगफली उगाती है | इस उम्मीद पर की फसल तैयार होने पर कर्ज अदा कर देगी | खेती के खर्चों के लिए वे साहूकार से ऋण लेती है| लेकिन कीटों के हमले से फसल बर्बाद हो जाती है | यद्यपि स्वप्ना फसल पर महंगी कीटनाशक दवाइयां छिड़कती है उससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता| वह साहूकार को पैसा लौटाने में असफल रहती है| और साल के अंदर यह ऋण बड़ी रकम बन जाती है | अगले साल स्वप्ना खेती के लिए दोबारा उधार लेती है| इस साल फसल सामान्य रहती है लेकिन इतनी कमाई नहीं होती कि वह अपना ऋण  वापस कर सके| वह कर्ज के जाल में फंस जाती है| उसे ऋण को चुकाने के लिए अपनी जमीन का कुछ हिस्सा बेचना पड़ता है |यह ऋण सकारात्मक नहीं रहा |

दीर्घकालिक ऋण :-  सुरेश एक कामकाजी व्यक्ति है | उसे मासिक नियमित आय प्राप्त होती है| वह अपनी सीमित आय से अपने लिए एक आवास नहीं बनवा पाता है| उसे आवास ऋण से अपना मकान बनाने के लिए शर्तों पर ऋण मिल जाता है| सुरेश द्वारा  बैंक से ऋण लेकर मकान बनाने के कारण मकान से जुड़े लोगों जैसे, भवन निर्माण, सामग्री विक्रेता कारीगर सभी की वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री बढ़ती है. इससे समग्र रूप से आय स्तर में वृद्धि होती है| सुरेश का नवनिर्मित मकान बैंक के ऋण दाता के पास बंधक के रूप में रहता है | जिससे वे ऋण की राशि ब्याज सहित चुकाने पर 10 वर्ष बाद बंधक मुक्त कर पाता है | प्रायः सभी प्रकार के नगद या संपत्तियों को बंधक रखने पर ही प्राप्त हो पाती है. यहां ऋण सकारात्मक भूमिका अदा करता है| परंतु अल्पकालिक ऋण सकारात्मक भूमिका अदा नहीं करता इसे आम भाषा में कर्ज जाल कहा जाता है| इस मामले में ऋण कर्जदार को ऐसी परिस्थिति में धकेल देता है जहां से बाहर निकलना काफी कष्टदायक होता है| यह ऋण  नकारात्मक भूमिका अदा करता है|

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प्रश्न 13.भारतीय रिजर्व बैंक का जिक्र किस-किस संदर्भ में आया है? 

उत्तर:- हमने देखा कि भारतीय रिजर्व बैंक का जिक्र कई बार आया है| और इस व्यवस्था को बनाने एवं उसमें विश्वास बनाए रखने में उसकी अहम भूमिका है| भारत में मौद्रिक स्थिरता प्राप्त करने की दृष्टि से बैंक नाटो के निर्गम को भी नियमित करना तथा प्रारक्षित निधि को बनाए रखना और सामान्य रूप से देश के हित में मुद्रा और ऋण प्रणाली संचालित करना अत्यधिक जटिल अर्थव्यवस्था की चुनौती से निपटने के लिए आधुनिक मौद्रिक नीति फ्रेमवर्क रखना वृद्धि के उद्देश्य

को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना| उदाहरण के लिए बैंकों को अपने सभी डिपॉजिट का 4% भारतीय रिजर्व बैंक के पास नगद में रखना होता है| ताकि जरूरत पड़ने पर उसके पास नगद की कमी ना हो| खातेदारों को मांगने पर नगद दिया जा सके| इसके लिए वह अपने अनुभव अनुसार अलग से नगद रखते हैं| इसी प्रकार बैंकों को हर खातेदार के लिए 1 लाख का  डिपॉजिट बीमा करवाना होता है| यदि बैंक किसी परिस्थिति में नहीं कर पाए तो इस बीमा का उपयोग कर सकते हैं| कई बार बैंक के प्रति अफवाहें फैलती है कि बैंक घाटे में जा रहा है लोगों के पैसे सुरक्षित नहीं है| ऐसी स्थिति में आर.बी.आई को आगे आकर संभालना होता है| क्योंकि बैंकों की निगरानी करना उसका दायित्व है| भारतीय रिजर्व बैंक को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि बाजार में रुपए एवं पैसे की कमी ना हो| इसके लिए जरूरत के अनुसार व सरकार से नोट और सिक्के बनवाने की मांग करती है|

अभ्यास:- 

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प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए :- 

प्रश्न 1. भारत सरकार का केन्द्रीय बैंक है –

(अ) भारतीय स्टेट बैंक      (ब) भारतीय सेंट्रल बैंक

(स) राज्य सहकारी बैंक     (द) भारतीय रिजर्व बैंक

उत्तर : द 

प्रश्न 2. मुद्रा के स्वरूप हैं –

(अ) सोना-चांदी            (ब) पशु

(स) बैंक के चालू खाते   (द) मकान

उत्तर : स 

प्रश्न 3. संस्थागत साख में षामिल नहीं है –

(अं) बैंक          (ब) सहकारी समिति

(स) व्यापारी     (द) सभी

उत्तर : स 

प्रश्न 4. ब्याज की दर किस खाते में अधिक होती है 

(अं) बचत खाता          (ब) चालू खाता

(स) स्थायी जमा खाता   (द) इनमें से कोई नहीं

उत्तर : स 

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प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

(1ं) …………….हमारे लेन-देन को सुगम बनाने वाला माध्यम है।

(2) दस रुपए के पत्र मुद्रा पर ………………. के हस्ताक्षर होते हैं।

(3) मुद्रा का निर्गमन ……………………. बैंक द्वारा होता है।

(4) ऋण में ………………………………. की दर निश्चित होती है।

(5) बैंक के ………………………….. खाते में ब्याज की दर कम होती है

उत्तर : 1 . मुद्रा , 2 . भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर , 3 रिजर्व बैंक , 4 . ब्याज , 5 बचत खाता चालू खाता 

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प्रश्न 3. साख से क्या आशय है? अपने शब्दों में समझाइए?

उत्तर- साख किसी संस्था या व्यक्ति की वह स्थिति है जिसके आधार पर हम बाजार से कोई वस्तु ले सकते हैं | हमें कई बार ऋण लेने की जरूरत होती है | हम अपने परिचित स्वजन व्यापारी या फिर ऋण देने वाली संस्थाओं जैसे बैंक वित्तीय संस्थाओं से उधार प्राप्त करते हैं. बैंक व्यक्ति या फिर अन्य संस्थाएं हमारी वित्तीय क्षमता का आकलन करके ऋण प्रदान करती है | जिन्हें हम कुछ समय बाद ब्याज सहित लौटाते हैं | हमें कई बार व्यापारी पैसे चुकाने के लिए समय देते हैं या यह सामान खरीदने के लिए पहले पैसे देते हैं इन्हीं सभी ऋण या ऋण जैसी परिस्थिति को हम साख  कहते हैं |

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प्रश्न 4. मुद्रा के लिए मापन का आधार होना क्यों जरूरी है?

उत्तर- मुद्रा हमारे लेनदेन को सरल बना देती है | किसी देश के अंदर वहां उपयोग होने वाले पैसों के आधार पर मूल्यों का मापन किया जाता है | किसी भी वस्तु या सेवा की कीमत पता करने के लिए मुद्रा ही अंकित करते हैं | मुद्रा का उपयोग कर कोई भी व्यक्ति तरह-तरह की वस्तुएं भिन्न-भिन्न कीमतों पर खरीद सकते हैं | अर्थात व्यक्ति अपनी सभी आवश्यकता की वस्तुएं जिन पर अलग-अलग कीमतें अंकित हो उनकी माप रुपयों या मुद्रा में उनका भुगतान कर सकते हैं |

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प्रश्न 5. माँग जमा राशि से क्या अभिप्राय है?

उत्तर- बैंक में बहुत से खातेदार  होते हैं जो अपना पैसा बैंक में जमा रखते हैं | बैंक की यह जिम्मेदारी होती है की मांग  पर खातेदारों को नगद पैसा अदा करें  |कभी ऐसा नहीं होता कि सारे खातेदार एक ही दिन अपने सारे पैसे निकालने बैंक आ जाए | हर दिन कुछ ही लोग नगद पैसा निकालने आते हैं और कुछ लोग जमा भी करते हैं | बैंकों को अपने अनुभव से पता चलता है कि

दिन भर में लगभग कितने नगद पैसों की जरूरत होती है | इतने पैसों का प्रबंध रखती है इसी राशि को मांग जमा राशि कहते हैं | 

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प्रश्न 6. बैंकों में ग्राहकों के पैसे किन-किन खातों में जमा होते हैं?

उत्तर-  बैंकों में ग्राहकों के पैसे बचत खाता, चालू खाता, स्थायी जमा खाता, आवर्ती जमा खाता आदि में जमा होते हैं |

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प्रश्न 7. तीस वर्ष बाद मुद्रा के क्या नए स्वरूप हो सकते हैं अपने विचार लिखिए?

उत्तर-   तीस वर्ष बाद मुद्रा का रूप तो यही रहेगा लेकिन दैनिक जीवन में नगद लेनदेन शायद ही कहीं होगा | प्रत्येक आदान-प्रदान अन्य माध्यमों जैसे कार्ड से लेनदेन होगा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड का उपयोग बढ़ेगा तथा ऑनलाइन लेनदेन होगा | 

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प्रश्न 8. सभी को ऋण उपलब्ध हो सके इसके लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर– सभी को ऋण उपलब्ध हो सके इसके लिए निम्न प्रयास करना चाहिए:-

  1.   ऋण  की शर्ते मालूम होना चाहिए |
  2.  बैंक और सहकारी समितियों को अपनी गतिविधियां विशेषकर ग्रामीण इलाकों में बढ़ानी चाहिए |
  3.  ऋण के बदले गिरवी रखी जाने वाली संपत्ति का पक्का लेखा-जोखा होना चाहिए |
  4.  भारतीय रिजर्व बैंक को सभी बैंकों की निगरानी करने का अधिकार है और यह सुनिश्चित करना कि उनके बैंकों द्वारा दिए गए ऋण सुरक्षित है या नहीं |
  5.  ऋण  प्राप्ति के सार्थक वातावरण का निर्माण करना चाहिए |

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प्रश्न 9. ऋण की सुविधा एक ओर हमारी आय बढ़ाने में सहायक होती है वहीं दूसरी ओर कर्ज़ के जाल में फँसा देती है कैसे? आस-पास के उदाहरण से समझाइए।

उत्तर– ऋण अगर औपचारिक क्षेत्र से लिया गया हो तो वह हमारी आय बढ़ाने में सहायता करता है | उदाहरण के लिए हमारे पड़ोसी श्याम ने किराए की दुकान खोलने के लिए बैंक से ₹200000 लाख ऋण लिया इसके बदले में उसने अपना घर ऋण आधार के रूप में बैंक के पास बंधक बनाया |  जब श्याम की दुकान दो महीने बाद अच्छी चलने लगी तो उसने ऋण की किस्त ₹10000 प्रतिमाह देना आरंभ किया धीरे-धीरे उसकी दुकान अच्छी चलने लगी और 3 वर्ष में

श्याम ने अपना पूरा ऋण चुका दिया तथा घर भी छुड़ा लिया | इस प्रकार ऋण ने श्याम की आय बढ़ाने में सहायता की |

गांव से एक छोटा किसान के पास औपचारिक क्षेत्र से ऋण प्राप्त करने के लिए साख का अभाव था जिस कारण उन्हें गांव में ही महाजन से ऋण लेना पड़ा इसका ब्याज इतना अधिक होता है कि वह इसको चुका नहीं पाते और उन्हें दूसरा ऋण लेना पड़ता है| इस प्रकार गरीब लोग एक बार कर्ज के जाल में फंसते हैं तो उनका निकलना मुश्किल हो जाता है |

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प्रश्न 10. ऋण के लिए शर्तें जैसे ब्याज दर, समय, जमानत, गिरवी आदि की आवश्यकता क्यों होती हैं?प्रत्येक शर्तों को समझाइए।

उत्तर– ऋण के लिए विभिन्न शर्तों की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से होती है:-

ब्याज दर – जिस व्यक्ति ने ऋण लिया है वह ऋण के एवज में किसी दर से ब्याज देगा यह सुनिश्चित होता है अन्यथा ऋण देने वाले को ऋण देने के जोखिम के बदले कोई लाभ प्राप्त नहीं होता |

समय – ऋण चुकाने के लिए समय सीमा भी निश्चित रहती है | ताकि ऋण लेते समय ही यह तय हो जाए कि यह ऋण किस्तों में अदा किया जाएगा | 

जमानत – ऋण प्राप्त करता यदि ऋण  अदा नहीं करेगा तो जमानत दार से ऋण की राशि वसूल की जा सकती है ,इसलिए ऋण के लिए जमानत आवश्यक है |

गिरवी – गिरवी भी एक तरह की जमानत ही है |ऋण लेने वाला व्यक्ति जो ऋण प्राप्त करता है उसके बदले में कोई कीमती वस्तु या गहने ऋण देने वाले के पास गारंटी के रूप में  रखता है | इससे ऋण देने वाला इस बात के लिए निश्चित हो जाता है कि यदि ऋण  लेने वाला ऋण नहीं चुका पाया तो वह गिरवी रखी वस्तु से अपने पैसे की भरपाई कर सकता है| 

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प्रश्न 11. यदि भारतीय रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों पर नियंत्रण नहीं रखे तो मुद्रा एवं साख व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

उत्तर :- मुद्रा एवं साख व्यवस्था को बनाए रखने हेतु  रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों पर निगरानी रखने का काम करता है | बैंकों की व्यवस्था के कारण ही बैंक खाते मुद्रा का स्वरूप लेते हैं | यह व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक कई नियम बैंकों को लागू करवाती है | उदाहरण के लिए बैंकों को अपने सभी डिपॉजिट का 4% भारतीय रिजर्व बैंक के पास नगद में रखना होता है ताकि जरूरत पड़ने पर उसके पास नगद की कमी ना हो | कई बार बैंक के प्रति अफवाहें फैलती है कि बैंक घाटे में जा रहे हैं लोगों के पैसे सुरक्षित नहीं है | ऐसी स्थिति में आर.बी.आई को आगे आकर संभालना होता है | क्योंकि बैंकों की निगरानी करना उसका दायित्व होता है | भारतीय रिजर्व बैंक यह भी सुनिश्चित करता है कि बाजार में रुपए पैसे की कमी ना हो यदि रिजर्व बैंक, बैंकों पर इस प्रकार के नियंत्रण नहीं रखेगा तो लोगों की जमा पूंजी बैंकों में खतरे में पड़ सकती है | यदि वह बैंक पर नियंत्रण नहीं रखेगा तो बैंकों की शाखा समाप्त हो सकती है |

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प्रश्न 12. व्यक्तिगत खर्च एवं व्यापार के लिए साख की आवश्यकता पड़ती है। कोई तीन उदाहरण देकर समझाइए।

उत्तर :- व्यक्तिगत खर्च एवं व्यापार के लिए साख की आवश्यकता पड़ती है उदाहरण:- 

1) राम के शासकीय संस्थान में नियमित कर्मचारी है उन्हें ₹30000 मासिक वेतन मिलता है| वह महीने के अंतिम दिनों में दुकान का किराना पैसा चुका देंगे | किराना व्यवसायी उन्हें उधार देता है क्योंकि वह उसके नियमित ग्राहक हैं | इस प्रकार यह व्यक्तिगत खर्च के लिए रमेश की नियमित नौकरी ने साख  की भूमिका अदा की |

2) सुरेश एक कपड़ा व्यापारी है वह रेडीमेड कपड़ा बाजार में सप्लाई करता है | त्यौहार से पहले कपड़े का सप्लाई का आर्डर लेता है और आधी राशि की अग्रिम प्राप्त करता है | और वह जहां से माल उठाता है उसे आधा पैसा देकर वादा करता है कि कपड़े बेचने के बाद आधा पैसा वह त्यौहार पर दे देगा | इस प्रकार सुरेश समय पर कपड़ा सप्लाई करके बाकी पैसा प्राप्त करता है तथा जहां से माल लिया है उसका पैसा भी चुकाता  है | इस प्रकार व्यापार के लिए साख की आवश्यकता होती है |

3)  श्याम ने व्यापार के लिए बैंक से ऋण लिया | व्यापार की वस्तु की कीमत देय राशि बैंक निर्धारण करेगी बदले में जमीन, घर ,या खेत के पास गिरवी रखे जाएंगे इस प्रकार व्यापार के लिए साख की आवश्यकता होती है |

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प्रश्न 13. बैंक में जमा रुपए को मुद्रा मानने के क्या आधार हैं?

उत्तर:- वर्तमान समय में बैंक खाते में जमा रुपए, मुद्रा का बड़ा और महत्वपूर्ण स्वरूप है| वर्तमान युग में हम वित्तीय लेनदेन के लिए नगद के साथ हम नगद रहित व्यवहार भी करते हैं| कुछ वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए नगद रुपयों के अलावा हम चेक, डेबिट कार्ड, इत्यादि के द्वारा भी भुगतान करते हैं | बैंक हमारे खातों में जमा रुपयों के आधार पर हमें चेक बुक, डेबिट कार्ड देते हैं | हम किन्ही वस्तुओं या सेवाओं को खरीदने पर दुकानदार या विक्रेता को चेक देते हैं | वह दुकानदार इस चेक को अपने खाते में जमा करा देता है | बैंक चेक प्रमाणित कर खाते में से उतनी रकम दुकानदार के खाते में हस्तांतरित कर देते हैं | इस प्रकार बैंक के खाते द्वारा लेनदेन आसान और सुगम हो जाता है | इस प्रकार बैंक खाते में जमा रुपयों का ही आधार है इसके पीछे बैंक का विश्वास है |

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