CG Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2.2 जनतंत्र का जन्म

 

Class 10 Hindi  

Chapter 2.2

 जनतंत्र का जन्म


पाठ से –

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प्रश्न 1. ‘अभिषेक आज राजा का नहीं प्रजा का हैं’ यह किस अवसर के लिए कहा गया है?

उत्तर- भारत के विराट जनतंत्र का आह्रान करते हुए कवि कहते हैं कि भारत में अब गणतंत्र की स्थापना की भावना विकसित हो चुकी है और समस्त भारत वासी गणतंत्र की माद में लिप्त है अर्थात् अब जनता अपना शासक स्वयं चुनने वाली है। अत: भारत में गणतंत्र की स्थापना हो इसीलिए प्रजा का अभिषेक करने की बात कवि कह रहा है।

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प्रश्न  2. जब जनता की भौहें क्रोध में तन जाती है तो क्या – क्या होता है?

उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि अब जनता के धैर्य का बांध टूटता जा रहा है। उससे होने वाले परिवर्तन की व्याख्या करते हुए कवि कहता है कि जनता जनार्दन का सब्र अब टूटता जा रहा है। वह क्रोध की ज्वालग्नि में जल-भुन रहा है और जब जनता क्रोध की ज्वाला में जलती है तो समस्त भूमण्डल कंपन करने लगता है। वह जब क्रोध के कारण अपने भौहे तानती है तो परिवर्तन की आँधी- चलने लगती है। कवि समस्त शासकों को सम्बोधित करते हुए कहता है कि अब हें शासको सिहासन खाली करो क्योकि जनतंत्र की अब स्थापना होने वाली है।

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प्रश्न  3. बदली हुई परिस्थितियों में अब राजदण्ड किसे बनाया जाएगा और क्यों ? 

उत्तर- मजदूरों के श्रम का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि अब वह समय आ गया है कि सोने की चमक अर्थात् शासकों की चमक अब फिकी पड़ने वाली है क्योंकि राष्ट्र का श्रृंगार अब समदुरों के परिश्रम से होगा। फावड़े और हल को राजदण्ड बनाने की बात कही जा रही है कवि कहता है कि अब समय परिवर्तित हो चुका है उसकी पुकार सुनो और रास्ता साफ कर दो क्योंकि सिंहासन पर अब जनतंत्र का अधिपत्य हो चुका है।

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प्रश्न  4. जनता की सहनशीलता के कवि ने क्या -क्या उदाहरण दिए हैं? 

उत्तर- जनता की सहनशीलता के उदाहरण देते हुए कवि कहता है कि अबोध मिट्टी की तरह यह जनता है जिसने ब्रिटिश राजतंत्र के अनेक अत्याचार सहे हैं, किन्तु उन्होंने मुंह न खोला। ब्रिटिश शासक उन्हें जहरीले सांप के समान डस रहे हैं परन्तु हमारी जनता उस पीड़ा को भी हँस कर सह गयी लेकिन अब वह मुंह खोलकर जनतन्त्र की मांग कर हैं I

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प्रश्न  5. कवि ने गिटटी तोडनेवालो और खेतो में काम करने वालो को देवता क्यों कहा हैं? 

उत्तर- कवि ने जनता को ईश्वर का प्रतिनिधि माना है। कवि कहता है कि तुम जिसे थाल सजाकर मंदिर, महलों और तहखानों में ढूंढ रहे हो वह तो हमोर मजदूर भाई ही हैं जो सड़को पर बैठे कही गिटटी – पत्थर को तोड़ रहे हैं तथा खेत -ख लिहानों में श्रमदान कर रहे हैं I मजदूर ही अपने श्रम- स्वेद से इस धरा को सिंचित कर रहें हैं Iवास्तव में वहीं हमारे भाग्य विधाता और ईश्वर है। अर्थात् वह हमारे लिए पूज्यनीय है।

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प्रश्न  6. कवि ने जनता के लिए सिंहासन खाली कर देने के लिए क्यों कहा हैं?

उत्तर- मजदुरों के श्रम का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि राज्य का श्रृंगार अब मजदूरों के परिश्रम से ही होगा अर्थात राजतन्त्र का अंत और गणतन्त्र की स्थापना होने वाली हैं अतः हे शासको अब सिंहासन खाली कर दो क्योंकि अब जनता अपना शासक स्वयं चुनेगी।

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प्रश्न  7. जगत का सबसे विराट जनतंत्र किसे कहा गया हैं? 

उत्तर – भारत के विराट जनतंत्र का आह्रान करते हुए कवि कहता है कि भारत में गणतंत्र की स्थापना हो चुकी है अर्थात् तैतीस करोड़ जनता अपना सपना पूर्ण करने वाली है | कवि कहता है कि भारत का जनतत्र ही जग का सबसे विराट जनतन्त्र है और विभिन्न धर्म सम्प्रदाय को मानने वाली हैं I अतः जगत में भारत का जनतंत्र सबसे विराट हैं I 

पाठ से आगे – 

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प्रश्न  1. ‘ अंग – अंग में लगे साँप हो चूस रहे’ पंक्ति में जनता के किस प्रकार के शोषण की ओर संकेत किया गया हैं ? आपके मत में यह शोषण किन – किन के द्वारा होता रहा होगा ?

उत्तर- इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने जनता के शारीरिक और आर्थिक शोषण का वर्णन किया है। जनता ने पीड़ा को इतना झेला है, लेकिन अब वह मुँह खोल कर जनतन्त्र की मांग कर रही है। कवि कहता है कि ब्रिटिश राज्य उन्हें साँप के समान चूस रहा था परन्तु जन-जन की ललकार ने ब्रिटिश राज्य के पैर अब उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है। प्रस्तुत पंक्तियों में सामंतो तथा पूंजीपतियों पर भी कटाक्ष किया गया है ।

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प्रश्न  2. (क) किसी भी लोकतान्त्रिक देश में नागरिको का जागरूक होना क्यों आवश्यक हैं? अपने विचार लिखिए I

उत्तर– संगठित जनता का महत्व बताते हुए कवि कहते हैं कि जब जनता संगठित होती हैं तो समय की धारा भी परिवर्तित हो जाती हैं कवि का मानना है कि जनतंत्र तभी सफल होगा जब जनता शिक्षित व जागरूक होगी I जनता की जागरूकता से ही शासकों पर नियंत्रण संभव हैं I अतः जनता को अपने अनुरूप सत्ता परिवर्तन कर देना चाहिए I

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(ख) आपके गाँव / मोहल्ले में किस -किस तरह की चेतना जगाने की जरुरत हैं? उदाहरण सहित लिखिए I

उत्तर- जनता ही जनतंत्र की अमूल शक्ति है अतः उसे जागरूक करने के लिए निम्नलिखित कार्य योजनाओं को आयोजित किया जाना चाहिए – 

 (1) सभी को समान शिक्षा का अधिकार मिले I

 (2) न्याय की प्रक्रिया सबके लिए एक समान हो I 

 (3) जनता को उनके अधिकार व कर्तव्यो की उचित जानकारी प्रदान करानी चाहिए I आदि I 

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(ग) इसे जागरूक करने के लिए क्या – क्या प्रयास करने होंगे?

उत्तर – जनता ही जनतंत्र की मूल कड़ी है अतः इस कड़ी को मजबूती प्रदान करने के लिए निम्न प्रयास करने होंगे- 

(1) न्याय और अन्याय के बीच का फर्क उन्हें बताना I 

(2) उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना | 

(3) घुसखोरी, लालच, भ्रष्टाचार आदि प्रलोभनों से दूर रखना I 

(4) शिक्षा की समानता का समुचित अधिकार प्राप्त कराना I 

(5) कानून के पालन हेतु कड़े कदम उठाना |

(6) लोकतंत्र में शांति कायम रखना आदि कई ऐसे प्रयास किये जा सकते हैं।

भाषा के बारे में-

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(1) निम्नांकित शब्दों के क्या अर्थ है? इन्हें ध्यान से पढ़कर उनके अर्थ लिखिए I आप इसमें शब्दकोश की भी मदद ले सकते हैं ?

उत्तर- नाद – आवाज़

 गूढ़ – गुप्त

भृकुटी – भौह 

 बवंडर – तूफान 

 अब्द – वर्ष

 गवाक्ष – झरोखा , खिड़की 

 तिमिर – अंधकार 

 अम्बर – गगन 

 प्रासाद – महल 

 धूसरता – धुल से युक्त 

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प्रश्न  2. निचे दिए गए मुहावरों के अर्थ लिखिए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए –

उत्तर – (क) ठंडी – बुझी राख का सुगबुगाना – आँख खुलना I 

वाक्य प्रयोग – वर्षो की ठोकरे खाने के बाद जनता में ठंडी – बुझी राख की सुगबुगाहट होने लगी हैं I

(ख) भृकुटी चढ़ाना – गुस्सा होना I 

वाक्य प्रयोग – परीक्षा का परिणाम आते ही माताजी की भृकुटी चढ़ने लगी I

(ग) हवा में ताज उड़ना- राजतंत्र और सत्ता की समाप्ति I 

 वाक्य प्रयोग – गणतन्त्र की घोषणा मात्र से ही हवा में ताज उड़ने लगे।

(घ) सिर पर मुकुट धरना- सत्ता सौंपना I   

वाक्य प्रयोग – श्री राम ने विभीषण के सिर पर मुकुट धरा था।

(ड.) आरती लिए ढूंढना- खोजना

वाक्य प्रयोग – मजदूरों को छोड़ अन्य को आरती लिये ढूंढना व्यर्थ है।

(च) सिंहासन खाली करना – सत्ता समाप्त होना। 

वाक्य प्रयोग – जनतन्त्र के लिये ब्रिटिश राज्य का सिंहासन खाली करना आवश्यक है।

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प्रश्न  3. निम्न शब्दों के विलोम शब्द लिखिए I

 (क) वेदना (ख) सीमित (ग) तिमिर (घ) प्रासाद

 उत्तर – (क) आनंद (ख) असीमित (ग) उजाला (घ) पर्णकुटी

योग्यता विस्तार –

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प्रश्न  3. इन कवियों के बारे में बताइए कि ये मुख्यतः किस रस की कविता के लिए जाने जाते हैं I इस हेतु पुस्तकालय एवं अपने शिक्षक की सहायता लिजिए I 

(क) सूरदास (ख) कबीरदास (ग) विद्यापति (घ) काका हाथरसी (ङ) भूषण 

उत्तर- सूरदास- वात्सल्य रस 

कबीरदास – भक्ति रस और शांत रस 

विद्यापति – श्रृंगार और भक्ति रस 

काका हाथरसी – हास्य और व्यंग्य रस 

भूषण – वीर रस 

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