CG Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4.2 गृह प्रवेश

 

 Class 10 Hindi 

 Chapter 4.2

 गृह प्रवेश 


पाठ से –

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प्रश्न 1. कवि चिड़ियों को बुलाने के लिए क्या-क्या करता है?

उत्तर – प्रस्तुत कविता में कवि ने जीवन के एकाकी और सूनेपन का बड़ा ही सजीव चित्रण किया है। कवि चिड़ियों के गृह-प्रवेश के लिए अपने दरवाजे की चौखट पर धान की बालियों की झालर को लटकाता है। और जब चिड़ियाँ बाहर से ही लौट जाने लगी तो उसने अपने घर की दीवार पर आईना लटका दिया जिससे उन चिडियों को लगे की कुछ चिड़िया अंदर भी हैं जिससे की वे भी प्रवेश कर सके I

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प्रश्न 2. चिड़ियों के दाना चुगकर लौट जाने पर कवि कैसा महसूस करता है?

उत्तर – कवि चिड़ियों के दाना चुग कर लौट जाने से बड़ा ही व्यथित हो जाता है। वह अपने एकाकी जीवन की पीड़ा का वर्णन करते हुए कहते है कि उन चिडियों का आना भी मात्र वही औपचारिकता थी जैसे किसी समारोह के आयोजन पर आमंत्रित मेहमान आते है और समारोह का आनंद उठाकर बाहर से ही लौट जाते है। अर्थात् उन चिडियों का व्यवहार वैसा ही लगता है कि जैसे कोई अतिथि औपचारिकता निभाने के लिए ही किसी समारोह में उपस्थित हुआ है ।

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प्रश्न 3. सूनापन दूर करने के लिए कवि कौन-कौन से उपाय करता है?

उत्तर- घर की निरवता हटाने के लिये कवि ने निम्न उपाय किये जिससे घर का वातावरण कौतुहल पूर्ण हो सके I सबसे पहले उसने चिड़ियों के लिए घर की चौखट पर धान की बालियाँ लटकायी, फिर उसने घर के अंदर की दीवार पर एक आईना भी लटका दिया। जिससे चिड़िया अपना प्रतिबिंब देखकर घर के अंदर प्रवेश करें और उनकी चहचहाहट से घर का सन्नाटा दूर हो सके।

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प्रश्न 4. कवि द्वारा घर के आंतरिक भाग अथवा अंतःपुर में आईना लटकाने का आशय क्या है?

उत्तर- कवि द्वारा घर के अंदर आईना लटकाने से चिड़िया अन्दर आकर आईने पर अपने प्रतिबिम्ब को चोंच मारती है इस खटखट की आवाज़ से ऐसा लगता है कि कोई उसे जगाने आया है। बार बार चिड़िया के घर में आने से ऐसा प्रतीत होता है कि मानो वो आईना देखकर श्रृंगार कर रही हो I

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प्रश्न 5. ‘घर धीरे-धीरे घर बन रहा था, यह पंक्ति घर में किन बदलावों और उम्मीदों की ओर संकेत करती है?

उत्तर – इस पंक्ति के माध्यम से कवि घर का सूनापन दूर होने की बात कह रहा है। कवि ने सोचा कि धीरे-धीरे से परिवर्तन नियमित हो जायेगा। नींद में भी मुझे चिड़िया की चहचाहट से आनंद आयेगा और मेरा घर, घर की तरह लगने लगेगा। अर्थात् चिड़ियों के चहल-पहल बढ़ने से घर में घर के और सदस्यों की आहट मालूम होती रहेगी, जिससे घर का सूनापन दूर हो जायेगा। 

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प्रश्न 6. कविता में अतिथियों और चिड़ियों में क्या समानताएँ बताई गई हैं?

उत्तर- कवि चिड़ियों की तुलना किसी समारोह मे आये उन अतिथियों से करता है। जो समारोह का आनंद उठाने के उपरान्त बाहर से ही सबसे मिलकर वापस अपने गन्तव्य की ओर लौट जाते हैं। अर्थात् चिड़िया और अतिथि दोनों ही समारोह के बाद खाना खा कर अपने घर लौट जाते है I और कवि के घर का सूनापन फिर से वैसा ही हो जाता है।

पाठ से आगे-

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प्रश्न 1.आप पक्षियों को अपने घर आमंत्रित करने के लिए किस प्रकार का उपाय करना चाहेंगे? लिखिए।

उत्तर- पक्षियों को आकर्षित हरियाली या पेड़ पौधे ही ज्यादातर करते है। हम घर में पक्षियों को आमंत्रित करने के लिए छायादार पेड़ लगायेंगे और कोशिश करेंगे कि उन्हें श्वच्छंद बाला और प्राकृतिक वातावरण प्रदान कर सकें। पक्षियों के लिए दाना और पानी का भी उचित प्रबंध करेंगे। उन्हें सम्मान आदि करने के लिए भी बड़े और चौड़े मिट्टी के पात्र में पानी की उचित व्यवस्था करेंगे जिससे वो आकर्षित होकर अपने घर आंगन में अपना घोसला बनायें।

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प्रश्न 2. आईने में अपना बिंब देखने के बाद आपके मन में किस-किस तरह के विचार आते हैं? उन विचारों को लिखिए।

उत्तर- आईने में अपना प्रतिबिम्ब देखकर मन में अनेक विचार आते हैं जिनमें से कुछ विचारों को तो शब्द भी देना मुश्किल हो जाता है। प्रतिबिम्ब देखते समय सबसे पहले हम अपने चेहरे को आड़ा-तिरछा कर के देखने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचते है कि लगता है जैसे अब उम्र हो रही है। अर्थात् अपनी वास्तविक उम्र का एहसास होने लगता है। क्योकि उम्र के साथ चेहरा बदलने लगता है। अपने हाव – भाव की प्रस्तुति कैसे वें यह भी एहसास होता है। परन्तु हर व्यक्ति अपने ही आपको सबसे अधिक पसंद करता है अत: वह स्वयं को खूबसूरत ही समझता है। कपड़ों की बनावट- सिलाई ये सब देख कर खुद का आंकलन हम करने लगते है। अर्थात् अपने आप की कमजोरी, खुबियाँ दोनों को ही समझने का अवसर प्रदान होता है।जिसे हम स्विकार कर हम स्वयं परिमार्जित कर सकते है।

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प्रश्न 3.एक एकाकी व्यक्ति के घर और एक परिवार वाले घर में आप किस प्रकार का फर्क देखते हैं? अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर- एकाकी जीवन नर्क के समान होता है I हर व्यक्ति अपने भाव विचार किसी न किसी से व्यक्त करना चाहता है I घर में अकेले रहने के कारण व्यक्ति गहरे अवसाद में डूब जाता है। वह अपने आप से ही बातें करने लगता है और अन्त में उसके अकेलेपन से उसका अवसाद उसके अंत का कारण बन जाता है। जबकि परिवार वाले घर में हमेशा चहल-पहल, संबंधों की आत्मीयता आनंद, कोलाहल व उसका संघर्ष दिखाई देता है I एकाकी व्यक्ति के जीवन में सहयोग का हमेशा अभाव बना रहता है जबकि परिवार वाले घर में घर के सदस्य का आपस में सहयोग बना रहता है I

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प्रश्न 4. किसी विवाह या उत्सव के आयोजन के बाद जो दृश्य आप देखते हैं और आपके मन में जो भाव उभरते हैं उनका वर्णन कीजिए।

उत्तर – विवाह या उत्सव के बाद वहाँ के वातावरण में नीखरता छा जाती है। चहल-पहल समाप्त होने के बाद लगता है कि मानो जीवन ठहर सा गया है। अर्थात् चारों तरफ का वातावरण आलस्य पूर्ण दिखाई देने लगता है। मन में एक अजीब सी रिक्तता और उदासी का भाव उत्पन्न होने लगता है I ऐसा लगता है कि मानों सभी का शरीर अब शिथिल पड़ गया है। बिखरे हुए सामान और घर को समेटने की ताकत भी नहीं रहती है। यह सब उदासीनता के कारण होता है। जीवन में आनंद और उल्लास हमें कुछ करने की प्रेरणा देते है I जबकि उदासीनता हमें पीड़ा पहुंचाती है और क्रियाशीलता को शिथिल कर देती है I

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प्रश्न 5. गृह प्रवेश के बारे में आप क्या जानते हैं? कविता में वर्णित गृह प्रवेश का दृश्य, परंपरागत रूप से समाज में होने वाले गृह प्रवेश से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर- अपने या किराए किसी भी घर में जब आप पहली बार प्रवेश करते हैं तो कुछ नियम और पूजा – विधि का पालन जरूरी होता है I किसी भी घर में आपका पहला प्रवेश, गृह-प्रवेश कहलाता है। नया घर मंगलमयी, प्रगतिकारक, यश सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाता है। जबकि कविता में वर्णित ‘गृह-प्रवेश’ का दृश्य हमें कहीं गहरे तक मर्महित करता है क्योंकि व्यक्ति जब अपने अकेलेपन से घिरा होता है, तो उदासीनता व अवसाद का शिकार होता है। जीवन के प्रति निराशा उसे और अधिक उदासीन बना देती है। इसलिए वह चौखट पर धान की बालियों की झालर लगाकर तथा दीवार पर आईना लटकाकर अपने अकेलेपन से उत्पन्न अवसादो से मुक्ति का मार्ग ढूँढ़ता है। उसका हर संघर्ष उसके अकेलेपन की व्यथा को व्यक्त करता है।

भाषा के बारे में-

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प्रश्न 1. ‘बालियाँ’ शब्द से दो वाक्य इस प्रकार बनाइए कि इस शब्द के अलग-अलग अर्थ प्रकट हों।

उत्तर- ‘ बालियाँ ‘ शब्द अनेकार्थी है- (1) बालियाँ – धान व गेहूं की फसल                                                                         (2) बालियाँ – कान में पहनने का आभूषण | 

वाक्य प्रयोग – (1)किसान के खेतों में गेहूं की बालियाँ लहलहा रही है।                                           (2) रीता ने अपनी बालियाँ सबको दिखाई। 

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प्रश्न 2. गृह प्रवेश, न्योता, झालर, उमंग, मेला, उत्सव, वीराना, रंग-बिरंगे, शृंगार, चौखट, अतिथि, सपना और संतोष इन 12 शब्दों का प्रयोग करते हुए एक प्रसंग-वर्णन या लघु कहानी लिखिए।

उत्तर- नया घर हमारे लिए मंगलमयी हो, प्रगतिकारक की यश, सुख, समृद्धि और सौभाग्य की सौगात दे यही कामना होती है। ऐसी ही एक प्रसंग मुझे याद आता है। मेरे घर में एक अम्मा काम करती थी । उसने बड़ी ही मेहनत करके अपने बच्चों को पढ़ाया और सिलाई का भी काम करके थोड़ा थोड़ा पैसा इकठ्ठा कर लिया था। हमारे गाँव में सभी अम्मा को जानते थे। गाँव के मुखिया हरिहर काका के घर भी अम्मा सिलाई का काम करती थीं। परन्तु अम्मा का ना ही कोई घर था ना ही कोई ज़मीन! सभी गाँव वालों की सहमति से मुखिया जी ने अपनी जमीन में से एक छोटा सा टुकड़ा अम्मा को सम्मान स्वरूप दे दिया जिससे उनका घर बन जाये। अम्मा जमीन पाकर फूले नहीं समा रहीं थी I मुखिया जी ने उन्हें बैंक से बड़े ही कम ब्याज दर पर कर्ज दिला दिया । अब अम्मा बड़ी खुशी-खुशी अपने घर को बनवाने लगी। अम्मा और उनके दोनों बच्चे अपने घर में मजदूर का काम करके घर को मिस्त्री के साथ मिलकर पूरा बना दिया I पूरे गाँव ने उनकी किसी न किसी तरह से मदद की । अब गृह-प्रवेश की पूजा का समय आ गया, तब सभी लोगों को न्योता देकर अम्मा बहुत खुश थी I परन्तु यह काम उसके अकेले के वश का नहीं था। अम्मा के विराने घर में किसी ने फर्निचर तो किसी ने रंग-बिरंगे पत्थर लगवाये । किसी ने चौखट को सजाया तो कोई हर जगह झालर टांग रहा था I पूरे गांव में उत्सव सा माहौल था। अम्मा ने अपने घर का नाम “सहयोग” रखा I उनका कहना था कि सबके सहयोग के कारण ही आज उनके पास भी घर है I उनका सपना पूरा हो गया था I उनके मन में अपार संतोष था। यह प्रसंग मेरे जीवन का एक यादगार प्रसंग है।

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प्रश्न 3. कविता से 10 विशेषण शब्दों की पहचान कर उन्हें अलग कर लिखिए। आप उन विशेषण शब्दों के लिए कौन से विशेष्य शब्द लिखना चाहेंगे, आपके द्वारा कल्पित विशेष्य शब्दों से उन विशेषणों को मिलाकर लिखिए।

उत्तर- झालर, चौखट, आमंत्रित, अकेला अन्त:पुर, काँच, छाया, आईना, श्रृंगार, सजाती I

योग्यता विस्तार –

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प्रश्न 1. आप अपने आस-पास अकेले रह रहे किसी बुजुर्ग महिला या पुरुष को देखकर लिखिए कि उन्हें किस तरह की मुश्किलों का सामना अपने दैनिक जीवन में करना पड़ता है? सामाजिक रूप से एक संवेदनशील व्यक्ति के रूप में हमारी क्या भूमिका हो सकती है? 

उत्तर- आज की आधुनिक और भागदौड़ की जिंदगी में समाज में सब कुछ उपलब्ध रहते हुए समय किसी के पास नहीं है। इन परिस्थितियों का सबसे बुरा असर हमारे बुजुर्गों पर हो रहा है। क्योंकि किसी के पास उनकी देखरेख, या उनके साथ समय व्यतीत करने में कोई रुचि नहीं है। ऐसे ही एक बुजुर्ग दम्पति हमारे घर के बगल में भी रहते है I जिनके बेटा-बहु विदेश में रहते हैं। उन बुजुर्गों को आज अपने दैनिक जीवन में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जैसे- उन्हें दबा मंगाना हो, कहीं आना जाना हो या अचानक उनकी तबियत खराब हो जाय I तो उन्हें सहायता के लिए पडोसीयों पर निर्भर रहना पड़ता है। बुर्जुग होने के कारण वे अपना ठीक तरह से देखभाल नहीं कर पाते है। दैनिक जीवन की सभी आवश्यकताओं को पूर्ती वह स्वयं से नहीं कर पाते है I 

सामाजिक रूप से संवेदनशील व्यक्तियों को ऐसे बुजुर्गों की सतत देखभाल करनी चाहिए क्योंकि उन्हें कब किस चीज की आवश्यकता पड़ जाय इसका अनुमान नही लगाया जा सकता। हो सकता है कि वे संकोच के भाव से अपनी आवश्यकताएँ आप से न कहें किन्तु हमें संवेदनशील दृष्टिकोण को अपनाते हुए उनकी जरूरतों को समझना चाहिए और उनकी मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

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प्रश्न 2. हर सुबह और शाम चिड़ियों की चहचहाहट से वातावरण में एक तरह का संगीत छिड़ जाता है। इसी तरह की और भी घटनाएं प्रकृति में होती होंगी। उन घटनाओं को अपने शब्दों में लिखिए। 

उत्तर – प्रकृति का हर दृश्य ही बड़ा मनोहारी होता है। जिसमें से सुबह या प्रात: काल का समय ही अनूठा है। प्रातः काल प्रकृति अपने सौन्दर्य की चरम पर होती है। भोर में पक्षियों का चहचहाना, कोयल की मधुर आवाज मन को मोह लेती है। मन्द- मन्द पवन का बहना अत्यंत मनोहारी लगता है। प्रात: काल का वातावरण ऊर्जा से भरपूर होता है। इस समय खेतों में फसलों पर पड़ी ओस की बूंदों पर जब सूर्य की किरण पड़ती हैं तो वह सुनहरी रंग की छटा बिखेरती हैं जो कि बहुत ही सुन्दर दृश्य प्रस्तुत करते हैं।

यदि किसी पर्वतीय क्षेत्र में प्रातः काल के समय को देखे तो वहाँ का दृश्य और भी मनोरम तथा लुभावना होता है I वहाँ पहाड़ों पर जमी बर्फ और उससे निकलने वाले झरने की कलकल की आवाज व्यक्ति का मन मोह लेती है। सुबह की ओस और वातावरण में व्याप्त धुन्ध एक अलग हीं दृश्य प्रस्तुत करते है I जंगलों में सुबह सुबह पंछियों की तरह-तरह की आवाजें हृदय को मोह लेती है। हम से यह कह सकते है कि प्रात: काल का समय प्राकृतिक सुन्दरता का सर्वश्रेष्ठ समय होता है।

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प्रश्न 3. एक एकाकी व्यक्ति के घर और एक परिवार वाले घर में आप किस प्रकार का फर्क देखते हैं? अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।  उत्तर- एक एकाकी व्यक्ति का जीवन बहुत ही नीरस होता है। क्योंकि उसे एकांत का सन्नाटा उसे अन्दर ही अन्दर खायें जाता है। उसके जीवन में कोई नयापन नहीं होता है। उसकी दिनचर्या एकदम निरस और ठहराव वाली होती है I उसका प्रत्येक दिन एक समान ही होता है। अगर व्यक्ति लम्बे समय तक एकाकी जीवन यापन करता है। तो वह अवसाद से घिर जाता है। और उसका मन – मष्तिक जड़ हो जाता है I

वहीं दूसरी तरफ जो व्यक्ति पारिवारिक और सामाजिक जीवन जीता की है। उसकी दिनचर्या बहुत ही व्यस्त और नवीनता से परिपूर्ण होती है। व्यक्ति अपने पारिवारिक जीवन और सामाजिक जीवन में अपने तथा परिवार की जिम्मेदारियों के कारण व्यस्त और मस्त होता है I ऐसे व्यक्ति जो सामाजिक जीवन यापन करते है I उनके चारों ओर परिवार व समाज की जिम्मेदारियां होती है I जिनको वह पूर्ण करने में व्यस्त रहता है I

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