CG Board Class 10 Science Solutions Chapter 1 जीवों का विकास

 

 Class 10 Science

Chapter 1 

                           जीवों का विकास                           


अभ्यास:-

प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए-

Page No.12 

(i) पालतू कुत्तों की आधुनिकतम नस्ल किस प्रक्रिया के फलस्वरूप बनी है-  

(अ) प्राकृतिक चयन (ब) कृत्रिम चयन (स) यौवन चयन (द) कार्य चयन

Page No.12

(ii) कुत्ते व भेड़ के अग्रपाद चलने, व्हेल के अग्रपाद तैरने और चमगादड़ के अग्रपाद उड़ने

के लिये है, ये किसके उदाहरण है-

(अ) समवृत्ति अंग (ब) समजात अंग (स) अविकसित अंग (द) इनमें से सभी

Page No.12

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सी समवृत्ति संरचनाएँ हैं- 

(अ) चमगादड़ के पंख और तितली के पंख 

(ब) प्रॉन के गिल और मछली के गलफड़े 

(स) कुकुरबिटा के कांटे और लौकी के तंतु 

(द) चमगादड़ के पंख और घोड़े के पैर

Page No.12

(iv) डार्विन का सिद्धांत आधारित है –

(अ) अपनी यात्रा के दौरान दिए गए अवलोकनों से 

(ब) कोशिका सिद्धान्त से

(स) मेण्डल के वंशागति के नियम से 

(द) इनमें से कोई नहीं।

उत्तर- (i) (ब), (ii) (ब), (iii) (अ), (iv) (अ) I

Page No.12

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. जीवों का वह समूह जो आपस में लैंगिक प्रजनन कर सकें ——— कहलाता है I

2. फिंचो के चोच में अंतर, उनमें पाई जाने वाली ——– को दर्शाता है।

3. कुछ जीवाणु स्ट्रेप्टोमाइसिन (एन्टिबायोटिक) युक्त माध्यम में पनपने में समर्थ होते हैं, इसका कारण ——— है ।

उत्तर – 1. जैविक प्रजाति, 2. सजातीय लक्षण , 3. विभिन्नता या विविधता

Page No.12

प्रश्न 3.हमारे शरीर के अन्दर विशेषकर हमारी आँतों में कई जीवाणु पाये जाते हैं। यह लगभग हर 20 मिनट में प्रजनन करते हैं। प्रजनन के दौरान विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं जो पीढ़ी – दर – पीढ़ी बढ़ती है जिनसे इनकी आबादी में काफी विभिन्नताएँ पाई जाती है। इस प्रकार इनमें बहुत जल्दी विकास होता है। एन्टिबायोटिक दवाइयों से जीवाणुओं की कई प्रजातियां खत्म हो जाती है पर विभिन्नताओं के कारण कोई न कोई प्रजाति बच जाती है जिन पर एन्टिबायोटिक का कोई असर नहीं हुआ हो। इनकी आबादी बढ़ने से ये एन्टिबायोटिक प्रतिरोधक बन जाते हैं। 

इस जानकारी की मदद से निम्नलिखित सवालों का उत्तर दीजिए-

Page No.12

(क) ‘जीवाणुओं का विकास प्राकृतिक चयन द्वारा होता है।’ इस कथन की पुष्टि कीजिए।

उत्तर- प्राकृतिक चयन का अर्थ उन गुणो से है जो किसी प्रजाती को बचे रहने और प्रजनन में सहायता करते हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। तेजी से प्रजनन करने वाली प्रजाति में प्राकृतिक चयन बहुत तेजी से होती है।उदा.- एंटीबायोटिक आसानी से प्रतिरोध के बिना जीवाणुओं के विकास को रोक सकते है। लेकिन कुछ देर बाद एंटीबायोटिक का जीवाणुओं पर असर नहीं होता है। ऐसे वातावरण में केवल प्रतिरोध प्राप्त करने वाले जीवाणु ही वृद्धि कर पाते हैं। अत: जीवाणु का विकास प्राकृतिक चयन द्वारा हुआ है।

Page No.12

(ख) किस प्रक्रिया के दौरान विभिन्नताएँ उत्पन्न होती है ?

उत्तर- मुख्यतः लैगिंग प्रजनन के दौरान विभिन्नताएं उत्पन्न होती है, क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान आनुवंशिकी पदार्थों (DNA) का आदान प्रदान होता है।

Page No.12 

(ग) विकास में विभिन्नताओं की क्या भूमिका है ?

उत्तर- सभी जीवों में विभिन्नताएं एक पीढ़ी से दूसरी पिढी में पहुंचती है तो धीरे-धीरे संतान पीढ़ी, जनक पीढ़ी से भिन्न होती जाती है, और एक नई प्रजाति का स्वरूप ले लेती है। प्रजातियों का विकास पीढ़ी दर पीढ़ी पहुंचने वाली ऐसी कुछ विभिन्नताएं से होता है, और किसी परिस्थिति में ये लाभदायक होती है।और ऐसे प्रजातियों की आबादी में वृद्धि और बदलाव होती रहती है, जिससे जीवों का विकास चलता रहता है । 

Page No.13 

(घ)‘विकास की प्रक्रिया धीमी भी हो सकती है और जल्दी भी I’ इस कथन के अनुसार धीमी और तेज गति से होने वाले विकास का एक-एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर- धीमी गति से होने वाला विकास– कपि के समान पूर्वज से मानव जाति का विकास । 

तेज गति से होने वाला विकास – एंटीबायोटिक प्रतिरोध जीवों का विकास |

Page No.13

(ङ) क्या जीवाणुओं की ज्यादा अनुकूलित प्रजाति , एंटीबायोटिक प्रतिरोधक बन जाती है ? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर- बहुत से जीवाणु जीवन यापन करने के लिये वातावरण के अनुसार अपने आपको अनुकूलित कर लेते है, जिससे ऐसे जीवाणु में एंटीबायोटिक का कोई असर नहीं पड़ता है। जिससे ऐसे जीवाणु में एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोध उत्पन्न हो जाता है।

Page No.13 

प्रश्न 4. कृत्रिम और प्राकृतिक चयन में दो अंतर लिखिए।

उत्तर- कृत्रिम चयन प्राकृतिक चयन –

(1) इसकी गति तेज होती है।       (1) इसकी गति धीमी होती है।

Ex- संकर प्रजातियों का निर्माण      EX- लंबे गर्दन वाले जिराफ का विकास

(2) चावल की अनेक प्रजातियां      (2) मच्छरों में DDT के प्रति प्रतिरोध का 

Page No.13 

प्रश्न 5. डार्विन और वैलेस द्वारा प्रतिपादित जीवों का विकास के सिद्धांत से हमें क्या पता चलता है ?

उत्तर- डार्विन और वैलेस द्वारा प्रतिपादित जीवों के विकास के सिद्धांत से हमें जीव जातियों की उत्पत्ति और विकास कैसे हुई है, इसके बारे में पता चलता है।

जैसे- (1) वे जीव जो अपने आपको वातावरण के अनुकूल नहीं बना पाते, प्रकृति उन्हें नष्ट कर देती है। अच्छे अनुकूलन वाले जीव ही अनुकूलित होकर नये जीवों को पैदा करते हैं।

(2) प्रकृति में नई प्रजातियां पूर्ववर्ती प्रजातियों से प्राकृतिक चयन द्वारा उत्पन्न होती रहती है।

(3) सभी जीवों में विविधता और विभिन्नताएं पाई जाती है, जिससे प्रजातियों के आबादी में वृद्धि और बदलाव होने से, जीवों का विकास चलते रहते हैं।

(4) एक प्रजाति में यह विभिन्नताएं एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचती है, जिससे 

धीरे-धीरे संतान पीढ़ी, जनक पीढ़ी से भिन्न होती जाती है।

Page No.13

प्रश्न 6. जीवों के विकास के सिद्धांत का मुख्य बिंदु क्या है ?

उत्तर- जीवों के विकास के सिद्धांत के मुख्य बिंदु निम्न है-

(1) सभी जीवों में बहुत सारे विविधता और विभिन्नताएं का पाया जाना I 

(2) विविध जीवो की उत्पत्ति एक समान जीवों से हुई है।

(3) विश्व में प्रजातियों की उत्पत्ति एक झटके में नहीं बल्कि पहले से मौजूद प्रजातियों से होती है।

(4) किसी भी जगह की जनसंख्या में पाये जाने वाले जीवों में विभिन्नताएं होती है, इनमें से कुछ विभिन्नताएं ही एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाती है। 

(5) प्रत्येक जीव अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिये कुछ खास विभिन्नताएं रखती है।

(6) विभिन्न प्राणियों में लाभदायक विभिन्नताएँ विशेष स्थान रखती है। यदि विभिन्नताएं नहीं पाई जाती तो सभी जीव एक समान दिखाई देते । 

Page No.13 

प्रश्न 7. जीवों के विकास में चयन और अनुकूलन की क्या भूमिका है ?

उत्तर- जीवों के विकास में चयन और अनुकूलन की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि दोनों के द्वारा ही जीवों का विकास हुआ है ।

जैसे वे जीव जो अपने आपको वातावरण के अनुकूल नहीं बना पाते प्रकृति उन्हें नष्ट कर देती है, अच्छे अनुकूलन वाले जीव ही और अनुकूलित होकर नये जीवों को पैदा करते हैं।

जैसे- (1) प्राकृतिक चयन द्वारा ही DDT कीटनाशक प्रतिरोधक मच्छरों का विकास हुआ |

(2) विभिन्न वातावरण में रहने वाले पक्षियों के पंजो और चोंच में भोजन स्वभाव के कारण अनुकूलन I

                  बड़े मैदान में रहने वाली फिंच शाकाहारी फिंच बीज खाने वाले फिंच 

Page No.13

प्रश्न 8. चित्र देखकर बताइए कि यह सजातीय या समवृत्ति लक्षण दर्शा रहा है। अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।

उत्तर- घटपर्णी और मटर प्रतान समवृत्ति लक्षण है, क्योकि दोनो के स्वरूप , बनावट अलग-अलग है, और कार्य समान है। बोगनविला और कैक्टस दोनों में सजातीय लक्षण है, क्योकि दोनो की उत्पत्ति, स्वरूप बनावट एक जैसे है, किन्तु कार्य अलग अलग है।

Page No.13 

प्रश्न 9. (i) स्तनधारियों के इस शाखित पेड़ को देखकर बताइए कि कौन-सा जन्तु मनुष्य के सबसे निकट संबंधी है? (ii) इस चित्र के अनुसार- (अ) कोई दो जन्तुओं के नाम लिखिए जिनमें सम्बन्ध कम-से-कम हों।

(ब) कोई दो जन्तुओं के नाम लिखिए जिनमें सबसे ज्यादा सम्बन्ध हों।  

(iii) इस चित्र से इन जन्तुओं के विकास के बारे में अपनी समझ को विस्तार से लिखिए।

उत्तर – (i) चिम्पांजी।

(ii) (अ) मनुष्य और घोड़ा, (ब) मनुष्य और चिम्पांजी। (iii) जीवों के विकास के सिद्धांत के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-

(i) जीवों में विविधता का पाया जाना।

(ii) विश्व में प्रजातियों की रचना पहले से मौजूद प्रजातियों से होती है।  

(iii) विविध जीवों की उत्पत्ति एक समान पूर्वज से हुई है।  

(iv) जीवों में पायी जाने वाली विभिन्नताएँ पीढ़ी-दर-पीढ़ी में जाती हैं।

(v) प्रत्येक प्राणी अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिये कुछ खास विभिन्नताएँ रखती हैं। (vi) विभिन्न प्राणियों में लाभदायक विभिन्नताएँ विशेष स्थान रखती हैं।

Post a Comment

© CGBSC CLASS 10. The Best Codder All rights reserved. Distributed by