Class 10 Science
Chapter 10
प्रकाश : परावर्तन एवं अपवर्तन समतल सतह से
अभ्यास:-
प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए –
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1. समतल दर्पण को 2 कोण से घुमाने पर परावर्तित किरण कितने कोण से घूम जाती है I-
(अ) 2 (ब) 3 (स) 4 (द) .
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2. समतल दर्पण में किसी वस्तु का पूर्ण प्रतिबिम्ब देखने के लिए दर्पण की न्यूनतम लम्बाई होगी- (अ) वस्तु की लम्बाई की एक चौथाई
(ब) वस्तु की लम्बाई की एक तिहाई
(स) वस्तु की लम्बाई के बराबर
(द) वस्तु की लम्बाई की आधी।
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3. कोई वस्तु दो समतल दर्पणों के बीच रखी है यदि दोनों दर्पणों के बीच का कोण 45° हो तो उस वस्तु के बनने वाले प्रतिबिंब होंगे I
(अ) 5 (स) 7
(ब) 6 (द) 8.
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4. यदि वस्तु समतल दर्पण से 3 सेमी की दूरी पर हो तो प्रतिबिंब की वस्तु से दूरी होगी-
(अ) 4 सेमी (स) 3 सेमी
(ब) 6 सेमी (द) 12 सेमी।
उत्तर – 1. (स), 2. (द), 3. (स), 4. (स) ।
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
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(i) समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब सीधा, आभासी और ………… होता है।
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(ii) अपवर्तन के दूसरे नियम को ………………. नियम के नाम से जाना जाता है।
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(iii) प्रकाश किरण समतल दर्पण पर अभिलंबवत आपतित होती है, उसके परावर्तन कोण का माप……………… होगा।
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(iv) ………….. की घटना हेतु प्रकाश को सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाना आवश्यक होता है।
उत्तर- (i) वस्तु के आकार का, (ii) स्नेल का, (iii) शून्य, (iv) पूर्ण आंतरिक परावर्तन।
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प्रश्न 3. परावर्तन के नियम लिखिए? उत्तर- जब प्रकाश किसी सतह से टकराकर वापस लौट आती है तो यह प्रकाश का परावर्तन कहलाता है I इसके दो नियम है-
1) आपतन कोण एवं परावर्तन कोण सदैव बराबर होते हैं।
2) आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा अभिलंब तीनों एक ही तल में होते हैं।
ON = पूर्व अभिलंब
ON’ = नया अभिलंब
RO = आपतित किरण
OS = पूर्व परावर्तित किरण
OS’ = नई परावर्तित किरण
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प्रश्न 4. अपवर्तन के नियम लिखिए I
उत्तर- 1. आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा दोनों माध्यमों को पृथक करने वाले पृष्ठ के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब सभी एक ही तल पर होते हैं।
2. प्रकाश के किसी निश्चित रंग तथा निश्चित माध्यमों के युग्म के लिए आपतन कोण की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sine) का अनुपात स्थिर होता है।इस नियम को स्नेल का अपवर्तन नियम भी कहते हैं। यदि i आपतन कोण हो तथा r अपवर्तन कोण हो तो,
sin isin r = स्थिरांक या = sin isin r
इस स्थिरांक के मान को दूसरे माध्यम का पहले माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं।
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प्रश्न 5. दो माध्यमों A और B के अपवर्तनांक क्रमशः nA तथा nB हैं। इनमें से किस माध्यम से किस माध्यम में जाने पर प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन संभव है, यदि nA>nB ?
उत्तर- जब प्रकाश किसी सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तब यह अभिलंब से दूर जाती है। यदि A सघन माध्यम तथा B विरल माध्यम हो तो, माध्यम A से माध्यम B में जाने पर प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन संभव है।
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प्रश्न 6. पूर्ण आंतरिक परावर्तन क्या है, इसके लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर- जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करें तथा उसका आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक हो जाए तो प्रकाश उसी माध्यम में आंतरिक रूप से परावर्तित हो जाता है। इसे पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं।
पूर्ण आंतरिक परावर्तन के लिए जरूरी है कि
1) प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करें
2) आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक हो ।
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प्रश्न 7. अपवर्तन की घटना के दैनिक जीवन में कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर- (1) पानी से भरे गिलास में पेंसिल या चम्मच डालने से वस्तु मुड़ी हुई नजर आती है।
(2) अपवर्तन की घटना के कारण ही इंद्रधनुष बनता है।
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प्रश्न 8. क्रांतिक कोण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- जब कोई प्रकाश किरण सघन माध्यम से गुजर कर विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो वह अभिलंब से दूर हटती है। इस स्थिति में अपवर्तन कोण का मान आपतन कोण के मान से अधिक होता है। यदि आपतन कोण के मान को बढ़ाया जाए तो अपवर्तन कोण के मान में वृद्धि होती है।
जब अपवर्तन कोण का मान 90० हो जाए तो इस स्थिति को क्रांतिक कोण कहा जाता है।
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प्रश्न 9. प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की चाल कितनी है ? निर्वात् में प्रकाश की चाल 3 x 108 m/s है। (उत्तर – 2 x 108 m/s)
हल:- दिया गया है
निर्वात में प्रकाश की चाल = 3 x 108 m/s
ज्ञात है
काँच का अपवर्तनांक = 1.5
तथा काँच में प्रकाश की चाल = v
अत: सूत्र = cv
या अपवर्तनांक = निर्वात में प्रकाश की चालमाध्यम में प्रकाश की चाल
1.5 = 3 X 108m/sv
v = 3 X 108m/s1.5
अतः v = 2 x 108 m/s. उत्तर
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प्रश्न 10. हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है, इस कथन का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- पदार्थ के अपवर्तनांक से हमें ज्ञात होता है कि किसी माध्यम में प्रकाश की चाल अधिक या धीमी है। जिस पदार्थ का अपवर्तनांक अधिक हो उसमें प्रकाश की चाल धीमी होती है। यदि हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है तो इसके माध्यम से हम हीरे में प्रकाश की चाल ज्ञात कर सकते हैं।
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प्रश्न 11. वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण बर्फ में प्रवेश करती है। क्या प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी अथवा अभिलंब से दूर हटेगी ? बताइए क्यों?
उत्तर- चूंकि वायु विरल एवं बर्फ सघन माध्यम है इसलिए प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी। अर्थात प्रकाश किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में जब प्रवेश करती है तब यह अभिलंब की ओर झुकती है।
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प्रश्न 12. जब हम दर्पण से वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं, तब प्रतिबिंब की वस्तु से दूरी पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर- जितनी दूरी पर दर्पण के सामने वस्तु रखी जाती है, उतनी ही दूरी पर दर्पण के पीछे वस्तु की प्रतिबिम्ब प्राप्त होती है। अर्थात दर्पण से वस्तु की दूरी बढ़ाने पर प्रतिबिम्ब की वस्तु से दूरी भी बढ़ जाती है।
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प्रश्न 13. किसी माध्यम के निरपेक्ष अपवर्तनांक तथा दो माध्यमों के सापेक्ष अपवर्तनांक में अंतर स्पष्ट कीजिए। इनमें क्या संबंध होता है ?
उत्तर-
क्र. | निरपेक्ष अपवर्तनांक | सापेक्ष अपवर्तनांक |
1. 2. | जब प्रकाश की किरण निर्वात् या वायु से चलकर किसी माध्यम में प्रवेश करती हैं, तो निर्वात् के सापेक्ष उस माध्यम के अपवर्तनांक को निरपेक्ष अपवर्तनांक कहते है I इसे से दर्शाते हैं। | 1. जब प्रकाश की किरण किसी माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है, तो पहले माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम के अपवर्तनांक को सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं। 2. इसे 12 से दर्शाते हैं। |
संबंध – पहले माध्यम में प्रकाश की चाल एवं दूसरे माध्यम में प्रकाश की चाल के अनुपात को सापेक्षिक अपवर्तनांक कहते हैं। इसे प्राय: संकेत 12 अथवा 21 से व्यक्त करते हैं।
21 = प्रथम माध्यम में प्रकाश की चालद्वितीय माध्यम में प्रकाश की चाल ………..(1)
21 = v1v2 …….(2)
जहाँ v1 = प्रथम माध्यम में प्रकाश की चाल तथा v2 = दूसरे माध्यम में प्रकाश की चाल
यदि हम समी. (2) को ऊपर – नीचे c से भाग करें तो
21 = v1/ cv2/ c = v1c x cv2 = 11 x 2
21 = 21
अर्थात, सापेक्षिक अपवर्तनांक (21) = द्वितीय माध्यम का आपेक्षिक अपवर्तनांक (2)प्रथम माध्यम का आपेक्षिक अपवर्तनांक (1)
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प्रश्न 14. उत्क्रमणीयता का सिद्धांत क्या है ?
उत्तर – प्रकाश के विभिन्न माध्यमों में गमन के मार्ग में यदि किसी बिन्दु पर उसकी दिशा पलट दी जाए उसके चलने के मार्ग में उत्क्रमणीय व्यवहार दिखाई देता है। जब OA प्रकाश की किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है तब यह अभिलंब की ओर मुड़कर OB मार्ग से गमन करती है। यदि यही किरण सघन माध्यम BO से, विरल माध्यम OA में प्रवेश करती है तो OA मार्ग में वापस लौट आती है।
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प्रश्न 15. निम्न का कारण बताइये:-
(i) तालाब में स्थित मछली वही नहीं होती, जहाँ दिखाई देती है क्यों ?
(ii) पानी में वायु का बुलबुला चमकता दिखता है क्यों ?
(iii) मरीचिका एक भ्रम है क्यों ?
उत्तर- (i) प्रकाश किरण का अपवर्तन ही वह कारण, हैं, जिससे तालाब में स्थित मछली वहाँ नहीं होने पर भी वहाँ दिखाई देती है! अर्थात उसे देखने वाला प्रेक्षक विरल माध्यम (वायु) में उपस्थित होता है, तथा मछली से चलने वाली किरण एक बिन्दु पर आपतित होती है तथा अपवर्तन के पश्चात अभिलम्ब से दूर हटकर दूसरी दिशा में चली जाती है। अतः अपवर्तित किरण को आगे बढ़ाने पर मछली का आभासी प्रतिबिंब नजर आता है।
(ii) जब वायु के बुलबुले जल के भीतर बनते हैं तो वह चमकने लगते हैं क्योंकि जब प्रकाश किरणें सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करते हैं तब इनमें से कुछ किरणें ऐसी होती है जो जिनका आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक होता है, ऐसी किरणें वायु के धरातल पर आपतित होती है, तत्पश्चात ये सभी परावर्तित होकर हमारी आँखों तक पहुंचती है जिससे जल के भीतर वायु के बुलबुले चमकते हुए दिखाई देते हैं।
(iii) रेगिस्तान में गर्मी के दिनों में मनुष्य को कुछ दूरी पर जलाशय या सील दिखाई देता है I उसके आस-पास वृक्षों का प्रतिबिम्ब दिखाई पड़ता है। परन्तु जब प्यासे लोग समीप, जाते हैं तो पता चलता है कि वहां जल नहीं हैं I यह केवल आँख का धोखा होता है जिसे मृगतृष्णा या मृग मरीचिका कहते हैं I
गर्मी के दिनों में ऊपर की वायु ठंडी होने के कारण सघन तथा भूमि को स्पर्श करने वाली वायु गर्म होने के कारण विरल होती है। अतः पृथ्वी के धरातल से जैसे – जैसे हवा ऊपर उठती जाती है वह सघन होते जाती है।
वृक्ष के ऊपरी भाग से चलने वाली प्रकाश किरणों को भूमि तक पहुँचने के लिए सघन से विरल माध्यम में प्रवेश करना पड़ता है| भिन्न-भिन्न घनत्व की हवा की परतें सामांतर रेखाओं द्वारा दिखाई गई है। जैसे – जैसे प्रकाश की किरणें आगे बढ़ती है आपतन कोण का मान बढ़ता जाता है।
एक ऐसी स्थिति आती है जब आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से ज्यादा होता है, और किरण का उसी माध्यम में पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है।अब प्रकाश किरणें विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है, जिससे परावर्तित किरणें अभिलंब की ओर झुक जाती है।जब ये किरणें आँखों में प्रवेश करती हैं तो वृक्ष का उल्टा प्रतिबिंब उसी दिशा में दिखाई देता है। जिस दिशा से किरणें आँख में टकराती है। इसके अतिरिक्त वायु परतों का घनत्व कुछ-न-कुछ परिवर्तित होता रहता है। अतः वृक्ष का प्रतिबिंब स्थिर न रहकर हिलता हुआ प्रतीत होता है।
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प्रश्न 16. सिद्ध कीजिए कि अपना पूर्ण प्रतिबिंब देखने के लिए समतल दर्पण की लंबाई, व्यक्ति की लंबाई की आधी होती है। उत्तर-
चित्र
दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं कि दर्पण MM’ का PQ भाग हमें हमारा पूर्ण प्रतिबिंब दिखाने के लिए पर्याप्त है, यदि दर्पण को M’O ऊँचाई पर रखा गया है I HPE व EQF को ध्यान से देखें हमारे सिर H से आ रही किरण P पर परावर्तित होकर हमारी आँख में प्रवेश करती है, और हमें हमारे सिर का प्रतिबिंब H’ पर दर्पण के पीछे बना हुआ दिखाई देता है। इसी प्रकार हमारे पैर F से आ रही प्रकाश किरण Q से हटकर हमारी आँख E में पहुंचती है तथा F पर पैर का प्रतिबिंब बनता है। इसी प्रकार अन्य बिंदुओं का प्रतिबिंब भी H’F के बीच बनता है। अर्थात पूर्ण प्रतिबिंब बनने के लिए दर्पण का केवल PQ भाग ही उपयोग में आता है।
HPE व EQF में PR व QS को क्रमश HF पर अभिलम्ब कीजिए
चूँकि ∠i1 = ∠r1
∠i2 = ∠r2 (परावर्तन का नियम)
∴ HR = RE HE2 ………(1)
और SF = SE = EF2 …….(2)
और SF = SE = EE 2
अब, PQ = RS,
PQ = RE + ES
PQ = HE2 + EF2
PQ = 12 [ HE + EF ]
PQ = 12 HF
अर्थात दर्पण का उपयोगी भाग उस व्यक्ति की लम्बाई का आधा होगा जो दर्पण में अपना प्रतिबिंब देख रहा है।
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प्रश्न 17. प्रकाश के अपवर्तन से क्या तात्पर्य है? यह प्रकाश के परावर्तन से किस प्रकार भिन्न होता है?
उत्तर – प्रकाश किरणों का एक समांगी माध्यम से दूसरे समांगी माध्यम में प्रवेश करने पर उसका अपने पथ से परिवर्तित हो जाने को प्रकाश का अपवर्तन कहा जाता है।
अपवर्तन में प्रकाश किरणों का पथ परिवर्तित होता है, जबकि प्रकाश के परावर्तन में प्रकाश किरणें जिस माध्यम से आती है उसी में लौट जाती है।
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प्रश्न 18. यदि काँच और जल के निरपेक्ष अपवर्तनांक क्रमशः 3/2 व 4/5 है, तब जल एवं कांच में प्रकाश की चाल का अनुपात ज्ञात कीजिए। (1:2)
हल:- हमें ज्ञात है कि
21 = v1v2 ………..(1)
{ यहाँ v1= जल में प्रकाश की चाल तथा v2= कांच में प्रकाश की चाल }
प्रश्नानुसार, 2 = 3/2
तथा 1 = 4/5
समी. (1) से
v1v2 = 3/24/5 = 32 x 54 = 158
अतः v1: v2 = 15: 8 उत्तर
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प्रश्न 19. एक मछली तालाब की सतह से 75 सेमी गहराई पर प्रतीत होती है तो सतह से उसकी वास्तविक गहराई बताइए। (पानी का अपवर्तनांक 1.33 होता है)(उत्तर – 100 से.मी.)
हल – दिया गया है
पानी का अपवर्तनांक = 1.33 = 43
तथा आभासी गहराई = 75 CM
ज्ञात है कि
aw = वास्तविक गहराईआभासी गहराई
वास्तविक गहराई = aw x आभासी गहराई
= 43 x 75 = 4 x 25
= 100 cm उत्तर