Class 10 Science
Chapter 13
प्रकाश : परावर्तन एवं अपवर्तन गोलीय सतह से
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प्रश्न 1. बताइए कि आप समतल, अवतल तथा उत्तल दर्पणों की पहचान स्पर्श करके व प्रतिबिंब देखकर किस प्रकार कर सकते हैं? उत्तर- स्पर्श पर- समतल दर्पण- छूने पर समतल (a) अवतल दर्पण – छूने पर दबा हुआ कल (b) उत्तल दर्पण – छूने पर उभरा हुआ तल प्रतिबिम्ब -समतल दर्पण – सीधा, आभासी व बराबर (a) अवतल दर्पण – बड़ा, वास्तविक व उल्टा (b) उत्तल दर्पण – सीधा, छोटा व आभासी |
अभ्यास :-
प्रश्न 1. सही विकल्प चुनिए-
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(i) अवतल लेंस होता है-
(अ) सदा अपसारी (स) न अभिसारी, न अपसारी
(ब) सदा अभिसारी (द) कभी अपसारी, कभी अभिसारी ।
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(ii) यदि किसी वस्तु को दर्पण के ध्रुव और फोकस बिंदु के बीच रखने पर सीधा प्रतिबिंब बने तथा फोकस और अनंत के बीच किसी भी स्थान में रखने पर वास्तविक और उल्टा प्रतिबिंब बने तो, वह दर्पण होगा-
(अ) अवतल (स) समतल
(ब) उत्तल (द) उत्तल अथवा समतल
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(iii) उत्तल दर्पण से बना प्रतिबिंब होता है सदैव-
(अ) वस्तु से छोटा (स) समान आकार का
(ब) वस्तु से बड़ा (द) वास्तविक
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(iv) अवतल लेंस से बना प्रतिबिंब सदैव होता है-
(अ) छोटा तथा आभासी (स) छोटा तथा उल्टा
(ब) बड़ा तथा सीधा (द) छोटा तथा वास्तविक
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(v) एक अवतल लेंस की फोकस दूरी 40 सेमी. है। एक वस्तु को लेंस से 40 सेमी. रखने पर, वस्तु का प्रतिबिंब बनेगा –
(अ) अनंत दूरी पर (स) वस्तु के पीछे
(ब) लेंस के दूसरी ओर 40 सेमी. पर (द) लेंस तथा वस्तु के बीच में।
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(vi) एक लेंस को पुस्तक के पृष्ठ पर रखकर 3 सेमी. ऊपर उठाने से अक्षर कुछ बड़े तथा सीधे दिखाई देते हैं। लेंस की फोकस दूरी होगी-
(अ) 3 सेमी. (स) 3 सेमी. से अधिक
(ब) 3 सेमी. से कम (द) 1/3 सेमी. I
उत्तर– (i) (अ), (ii) (अ), (iii) (अ), (iv) (अ), (v) (अ), (vi) (स)।
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प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
1. उत्तल दर्पण में प्रत्येक स्थिति में बना हुआ प्रतिबिंब वस्तु से………. एवं…….. होता है।
2. उत्तल लेंस से वास्तविक तथा समान आकार का प्रतिबिंब प्राप्त करने हेतु वस्तु को रखना होगा……………………..I
3. एक लेंस की क्षमता +5D है तब लेंस की फोकस दूरी……… सेमी. होगी।
4. उत्तल लेंस की फोकस दूरी 25 सेमी है, तो उसकी क्षमता ……….. होगी।
उत्तर – 1. छोटा एवं आभासी, 2. वक्रता केन्द्र, 3. 2.0 सेमी, 4. 4D.
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प्रश्न 3. गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या तथा फोकस दूरी में संबंध लिखिए। उत्तर- वक्रता त्रिज्या – गोलीय दर्पण जिस गोले से बना हो, उस गोले की त्रिज्या दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है। इसे R से दर्शाया जाता है। यह ध्रुव तथा वक्रता केंद्र की बीच की दूरी होती है I
फोकस दूरी – गोलीय दर्पण के ध्रुव P व F(मुख्य फोकस) के बीच की दूरी फोकस दूरी कहलाती है।
इन दोनो में संबंध-
दर्पण की फोकस दूरी वक्रता त्रिज्या की आधी होती है
f = R2
R = वक्रता त्रिज्या , f = फोकस दूरी I
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प्रश्न 4. किस-किस प्रकार के दर्पण में रेखीय आवर्धन 1 से छोटा, 1 के बराबर तथा 1 से अधिक होता है? उत्तर- गोलीय दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन वह आपेक्षिक विस्तार है ,जिससे ज्ञात होता है कि कोई प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा कितना गुना आवर्धित है। इसे प्रतिबिंब की ऊँचाई तथा वस्तु की ऊँचाई के अनुपात के रूप में व्यक्त करते हैं।
यदि h वस्तु की ऊंचाई हो तथा I प्रतिबिंब की ऊँचाई हो तो गोलीय दर्पण द्वारा प्राप्त आवर्धन (m) प्राप्त होगा :-
m = प्रतिबिंब की ऊँचाई (I)वस्तु की ऊँचाई (h)
यदि I = O तब IO = 1 समतल दर्पण के लिए
यदि I > O तब IO > 1 अवतल दर्पण के लिए
यदि I < O तब IO > 1 उत्तल दर्पण के लिए
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प्रश्न 5. वाहनों के साइड दर्पण में उत्तल दर्पण का ही प्रयोग किया जाता है,क्यों ? उत्तर- क्योंकि ये सदैव सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं यद्यपि वह छोटा होता है । इनका दृष्ट- क्षेत्र भी अधिक होता है। क्योंकि यह बाहर की ओर वक्रित होते हैं। अतः समतल दर्पण की तुलना में उत्तल दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ बनाते हैं।
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प्रश्न 6. प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त करने के लिये कौन से दर्पण का प्रयोग करना उचित होगा? उत्तर- अवतल दर्पण में वास्तविक प्रतिबिंब बनता है इसलिए प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त करने के लिए अवतल दर्पण का प्रयोग उचित होता है।
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प्रश्न 7. समांतर आपतित किरणों के परावर्तन के आरेख बनाकर स्पष्ट कीजिए कि किस प्रकार का दर्पण अभिसारी होता है तथा किस प्रकार का दर्पण अपसारी । उत्तर- अवतल दर्पण:- अवतल दर्पण में परावर्तित किरणें वास्तविक रूप में मिलती है अतः यह अभिसारी होगा I उत्तल दर्पण- इसमें केवल आभास होता है कि किरण एक बिंदु पर मिल रहे हैं, जबकि वास्तविक रूप में किरणें फैलती है इसलिए यह अपसारी होगा।
अवतल दर्पण के किरण आरेख
उत्तल दर्पण किरण आरेख –
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प्रश्न 8. गोलीय दर्पण के लिये निम्न को परिभाषित कीजिए- (i) वक्रता केन्द्र, (ii) वक्रता त्रिज्या, (iii) ध्रुव, (iv) द्वारक । उत्तर-
(i) वक्रता केन्द्र- गोलीय दर्पण की परावर्तक सतह एक गोले का भाग है इसलिए गोलीय दर्पण का केंद्र वक्रीय दर्पण का वक्रता केन्द्र कहलाता है। इसे C द्वारा प्रदर्शित करते हैं I
(ii) वक्रता त्रिज्या – गोलीय दर्पण जिस गोले से बना हो, उस गोले की त्रिज्या दर्पण की वक्रता त्रिज्या होती है। इसे R से दर्शाया जाता है |
(iii) ध्रुव- गोलीय दर्पण के परावर्तक सतह का केंद्र (ध्रुव) कहलाता है। इसे P से प्रदर्शित किया जाता है।
(iv) द्वारक – गोलीय दर्पण के वक्रीय पृष्ठ की एक सीमा रेखा होती है। यह सीमा एक समतल वृत्त होती है इसी वृत्त व्यास को दर्पण का द्वारक कहते हैं।
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प्रश्न 9. लेंस की अभिसारी एवं अपसारी प्रकृति की व्याख्या कीजिए। उत्तर- अभिसारी लेंस- मुख्य अक्ष के समांतर आपतित किरणों को एक बिन्दु पर केन्द्रित करने वाले लेंस को अभिसारी लेंस कहा जाता है I
अपसारी लेंस – वह लेंस जिसमें केवल आभास होता है कि मुख्य अक्ष के समांतर आने वाली किरणें बिन्दु पर केन्द्रित हो रही है। यह आपतित किरणों को फैला देती हैं I
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प्रश्न 10. लेंस की क्षमता क्या है? इसकी इकाई लिखिए। उत्तर- लेंस की क्षमता उसकी फोकस दूरी का व्युत्क्रम होती है। अब f मीटर में हो तो इसे P द्वारा व्यक्त करते है I अतः f फोकस दूरी वाले लेंस की
लेंस क्षमता (P) = 1फोकस दूरी (f)
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प्रश्न 11. लेंस से संबंधित चिन्ह परिपाटी लिखिए।
उत्तर- लेंसो के लिए हम गोलीय दर्पणों जैसे ही चिन्ह परपाटी अपनाएंगे। दूरियों के चिन्हों के निर्धारण के लिए, हम यहाँ भी उन्ही चिन्हों को अपनाएंगे। केवल, जहाँ दर्पणों में सभी दूरिया उनके ध्रुवों से नापी जाती है वहाँ लेंसों में सभी माप उनके प्रकाशिक केन्द्र से लिए जाते हैं। परिपाटी के अनुसार उत्तल लेंस की फोकस दूरी धनात्मक होती है। जबकि अवतल लेंस की फोकस दूरी ऋणात्मक होती है I आपको v तथा f, वस्तु ऊँचाई h तथा प्रतिबिंब ऊँचाई h’ के मान में उचित चिन्हों का चयन करने में सावधानी बरतनी चाहिए।
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प्रश्न 12. 50 सेमी. फोकस दूरी वाले उत्तल लेंस तथा अवतल लेंस की क्षमता कितनी होगी। हल- उत्तल लेंस के लिए:-
दिया गया है f = + 50 सेमी
या + 0.5 मीटर
सूत्र P = 1f
P = 10.5 = 2D
अवतल लेंस के लिए:-
f = – 50 सेमी
या -0.5 मीटर
P = 1f
P = 1-0.5 = -2D उत्तर
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प्रश्न 13. 10 सेमी फोकस वाले गोलीय अवतल दर्पण के ध्रुव से 15 सेमी दूरी पर स्थित है। दर्पण द्वारा बनने वाले प्रतिबिम्ब की प्रकृति, स्थिति तथा आवर्धन ज्ञात कीजिए।(v = 6 सेमी., i = 3 सेमी.) हल- अवतल दर्पण के लिए :-
फोकस दूरी (f) = -10 सेमी.
वस्तु की दूरी (u) = 15 सेमी
ज्ञात है 1f = 1u+1v ………..(1)
u व f का मान समी (1) में रखने पर
1(-10) = 1v+ 1(-15)
1(-10) + 1(-15) = 1v
1v = -3 + 230 = – 130
अतः v = -30cm
v के ऋणात्मक मान के कारण प्रतिबिंब वस्तु की ओर बनेगा I
रेखीय आवर्धन =
m = -vu ………..(2)
v और u का मान समी (2) में रखने पर
m = 30-15
m = -2 प्रतिबिंब वास्तविक होगा I उत्तर
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प्रश्न 14. एक गोलीय उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या 30 सेमी है। 5 सेमी. लंबाई वाली एक वस्तु दर्पण के ध्रुव से 10 सेमी. दूरी पर रखी हुई है। दर्पण द्वारा बनाने वाले प्रतिबिंब की प्रकृति स्थिति तथा लंबाई ज्ञात कीजिए। (v = 6 सेमी., i = 3 सेमी.) हल :- प्रश्नानुसार, वक्रता त्रिज्या = 30 सेमी
तब f = वक्रता त्रिज्या2 = 302 = 15 सेमी.
दिया गया है, वस्तु की लम्बाई (O) = 5 सेमी.
वस्तु से दूरी (u) = -10 सेमी.
ज्ञात है:- 1f = 1u+1v ………..(1)
समी. (1) में सभी मान रखने पर
115 = 1-10+1v
1v = 115 + 110
1v = 530 = 16
अतः v = 6 सेमी.
आवर्धन = m = -vu तथा IO = m
IO = -vu
IS = -6-10
IS = 610
IS = 25
I = 155
I = 3 सेमी
अब हम जानते हैं कि I = 3 सेमी. अर्थात वस्तु प्रतिबिंब के आकार से बड़ा होगा I v का मान धनात्मक होने के कारण प्रतिबिंब आभासी बनेगा I तथा यह ध्रुव से 6 cm की दूरी पर बनेगा I
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प्रश्न 15. एक गोलीय अवतल दर्पण की फोकस दूरी 10 सेमी है। किसी वस्तु का 5 गुना बड़ा प्रतिबिंब के लिये वस्तु को दर्पण से कितनी दूरी पर रखी जाए कि प्रतिबिंब (i) वास्तविक हो, (ii) आभासी हो ?(i) u = -12cm (ii) u = -8cm हल – (i) वास्तविक हो –
(O) माना वस्तु की लम्बाई = x सेमी है I
(I) अतः प्रतिबिंब की लम्बाई = 5 गुना
= 5x होगा
तथा फोकस दूरी (f) = -15 सेमी.
हम जानते हैं कि
m = -vu
अतः IO = -vu
5xx = -vu
या -v = 5xux
v = -5u
अब 1f = 1u + 1v से
1-15 = 1u + 1(-5u)
1-15 = 1u + u5
1-15 = u5u
5u = -60
u = -12 cm
वस्तु की दूरी = u = -12 cm
ऋणात्मक चिन्ह अर्थात प्रतिबिम्ब वास्तविक होगा I
(II) आभासी प्रतिबिम्ब हेतु :-
I = -vu
चूँकि प्रतिबिंब वस्तु की ओर बनेगा I
I = -(-v)u = vu
I का मान (5) गुना
∴ 5 = vu
v = 5u
अतः सूत्र 1f = 1u + 1v से
1f = 1-u + 15u
1-10 = – 1u( 11 – 15 )
1-10 = – 1u( 5 – 15 )
1-10 = – 1u x 45
1-10 = – 45u
-5u = -40
u = 8 cm उत्तर
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प्रश्न 16. एक गोलीय उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या 30 सेमी है दर्पण से 12 सेमी. दूरी पर रखी वस्तु का प्रतिबिंब कहाँ और कैसा बनेगा ? यदि दर्पण अवतल होता तो प्रतिबिंब कहाँ बनेगा ? (उत्तल v = 6.66 सेमी., अवतल v = 60 सेमी. ) हल – दिया गया है
गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = 30
अतः फोकस दूरी f = R2 = 302 = 15 सेमी
तथा वस्तु की दूरी u = -12 सेमी
हम जानते हैं कि
1f = 1u + 1v
मान रखने पर
115 = 1-12 + 1v
पक्षांतर करने पर
1v = 115 + 112
1v = 4 + 560 = 960
1v = 960
v = 609 = 6.6 सेमी.
उत्तल दर्पण पर सीधा बनेगा I
यदि दर्पण अवतल हो :-
तो f = -15
u = -12
अतः 1-15 = 1-12 + 1v
1v = 112 – 115
1v = 5 – 460
-v = 60 सेमी.
v = -60 सेमी.
उल्टा प्रतिबिंब बनेगा I
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प्रश्न 17. उत्तल दर्पण से 30 सेमी दूर रखी वस्तु का प्रतिबिंब 10 सेमी दूर बनता है। उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। हल- दिया गया है
उत्तल दर्पण पर वस्तु की दूरी = u = -30 सेमी
तथा प्रतिबिंब की दूरी v = + 10 सेमी
अतः 1f = 1u + 1v
1f = 1-30 + 1+10 = -1 + 3 30 = 230 = 115
1f = 115
∴ f = 15 सेमी
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प्रश्न 18. एक अवतल लेंस की फोकस दूरी 12 सेमी. है यदि किसी वस्तु को लेंस के फोकस पर रखा जाये तो, प्रतिबिंब की स्थिति ज्ञात कीजिए?(अनन्त पर) हल— अवतल लेंस की फोकस दूरी f = 12 cm
वस्तु लेंस के फोकस पर ही रखा गया है अतः u = -12 cm.
अतः 1f = 1v – 1u
– 112 = 1v – 1-12
1v = -1-12 – 112 = -212
v = -6 सेमी. उत्तर
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प्रश्न 19. एक उत्तल लेंस की फोकस दूरी 15 सेमी है। किसी वस्तु का वास्तविक एवं तीन गुना बड़ा प्रतिबिंब बनने के लिये वस्तु को लेंस के सामने कहाँ रखना पड़ेगा ? (-12 से.मी.) हल – दिया गया है
उत्तल लेंस की फोकस दूरी
f = 15 सेमी.
हम जानते हैं
m = IO
या vu
प्रश्नानुसार वस्तु की लम्बाई यदि x होगा, तो प्रतिबिंब की लम्बाई = 3x होगा I
अतः IO = vu से
3xx = -vu
xv = -3xu
v = -3u
अतः 1f = 1v – 1u
115 = 1-34 – 1u
115 = -1 – 3 3u = -43u
115 = -43u = 3u = -60
u = -20 सेमी. उत्तर
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प्रश्न 20. एक अवतल लेंस की फोकस दूरी 30 सेमी है। लेंस के फोकस पर 30 सेमी लंबी वस्तु रखने पर प्रतिबिंब की स्थिति तथा आकार की गणना कीजिए। (V = -15, h’ = 15cm.) हल – दिया गया है
अवतल लेंस की फोकस दूरी f = 30 सेमी वस्तु की दूरी = u = -30 सेमी
तथा वस्तु की लम्बाई h = 30 सेमी.
सूत्र 1f = 1v – 1u
1-30 = 1v – 1-30
1v = 1-30 + 1-30
1v = -230
1v = -115, v = -15 सेमी
तथा हम जानते है कि
m = h’h = vu
तो h’30 = -15-30 = 12
2h’ = 30
h’ = 15 सेमी.
जहाँ h’ = ऊँचाई
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प्रश्न 21. एक अवतल लेंस से 30 सेमी. दूरी पर वस्तु रखने से बनने वाले प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार का 2/3 बनता है। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। (-60 से.मी.) हल – दिया गया है
अवतल लेंस की वस्तु से दूरी u = -30 सेमी
हम जानते हैं कि
m = vu = IO
{ IO = 23 }
= 23 = vu
23 = v-30 = v = -20
अब सूत्र
1f = 1v – 1u से
1f = -120 – 1-30
= -3 + 260
1f = -160
f = – 60 सेमी = 60 सेमी.
[∵ अवतल लेंस से फोकस दूरी +ve होती है I]
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प्रश्न 22. 50 सेमी फोकस दूरी वाले उत्तल लेंस द्वारा किसी वस्तु के बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति बताइये यदि वस्तु को लेंस से (i) 25 सेमी. (ii)75 सेमी. की दूरी पर रखा जाये ?(-50 सेमी., 150 सेमी.) हल – (i) f = 50 सेमी.
u = -25 सेमी.
अतः 1f = 1v – 1u
150 = 1v + 125
1v = 150 – 125
1v = 1 – 250 = -150
1v = 150
v = -50 सेमी.
= 50 सेमी.
{ उत्तल लेंस में प्रतिबिंब की दूरी हमेशा (+ve) होती है I}
(ii) f = 50 सेमी., u = -75 सेमी.
1f = 1v – 1u
150 = 1v – 1-15
1v = 150 – 175
= 3 – 2150
1v = 1150
v = 150 सेमी. उत्तर
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प्रश्न 23. 1.5 D क्षमता वाले लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। (50 सेमी.) हल – दिया गया है- लेंस की क्षमता (P) = 1.5 D
लेंस की फोकस दूरी (f) = 1P
f = 1001.5
= 66.6 सेमी. I उत्तर
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प्रश्न 24. 20 सेमी फोकस दूरी वाले अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए।( -5D) हल – फोकस दूरी f = 20 सेमी
या 0.2 मीटर
∴ लेंस की क्षमता P = 1 f
P = 10.2
P = 5D. उत्तर