CG Board Class 10 Science Solutions Chapter 6 विद्युत धारा एवं परिपथ

 

Class 10 Science 

 Chapter 6 

विद्युत धारा एवं परिपथ


Page No.78                

प्रश्न 1. किसी विद्युत परिपथ में 0.4 A की विद्युत धारा 10 मिनट तक प्रवाहित होती है I विद्युत परिपथ से प्रवाहित विद्युत आवेश का परिमाण ज्ञात कीजिए I

उत्तर- I = Qt given I = 0.4 A, t = 10 minutes = 600 second

0.4 = Q60 X 10

Q = 0.4 x 60 x 10

Q = 240 C

Page No.78

प्रश्न 2. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए I

उत्तर – विद्युत धारा का S.I. मात्रक है एंपियर (A) और एक एंपियर विद्युत धारा की रचना प्रति से किंड एक कूलॉम आवेश के प्रवाह से होती है अर्थात् IA = 1 C/1 sec

Page No.78 

प्रश्न 3. क्या होगा विद्युत परिपथ में यदि अमीटर को समांतर क्रम में जोड़ा जाएगा ?

उत्तर – यदि अमीटर को किसी परिपथ में समान्तर क्रम में जोड़ दिया जाये तो प्रतिरोध कम होने के कारण उसमें अत्यधिक धारा बहेगी जिससे उसका संकेतक अत्यधिक विक्षेप के कारण टूट सकता है या कुण्डली जल सकती है।

Page No.79

प्रश्न 1. क्या आप केवल विद्युत परिपथ में लगे तार को देखकर बता सकते है कि उस तार से विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है या नहीं ? यदि नहीं तो आप किस तरह विद्युत धारा के प्रवाह को ज्ञात कर सकते है ? 

उत्तर- बल्ब व अमीटर द्वारा भी बता सकते हैं की तार में धारा प्रवाहित हो रही हैं की नहीं | 

Page No.79

प्रश्न 2. जब किसी व्यक्ति को विद्युत के संपर्क में आने पर बिजली के झटके लगते है तो उसे हटाने के लिए हम लकड़ी अथवा रबर की किसी वस्तु को उपयोग में क्यों लेते है ?

उत्तर- क्योंकि लकड़ी अथवा रबर विद्युत के कुचालक होते हैं |

Page No.81 

प्रश्न 1. 10 V विभवान्तर के दो बिन्दुओं के बीच 2 कूलाम्ब आवेश को ले जाने में कितना कार्य किया जाएगा I 

उत्तर- :- दिया गया है –

Q = 2 कुलोम

V=10 वोल्ट

कार्य (W) = ?

सूत्र – विभव (V) = WQ = कार्य x आवेश 

कार्य (W ) = विभव (V) × आवेश (Q)

=10 × 2

=20 जूल | 

Page No.82 

प्रश्न 1. प्रतिरोधक P, Q, R, के लिए विभव और धारा के बीच खींचा गया ग्राफ, ग्राफ- 2 में प्रदर्शित है I इनके प्रतिरोधों को ज्ञात कीजिए I इनमें क्या अनुपात है, अर्थात् P: Q: R क्या होगा ? 

उत्तर- 

R = VI (R)P = 360 = 120

 (R)Q = 550 = 120

 (R)R = 630 = 15

P: Q: R = 120 : 110 :15

 = 14 : 12 :1

 = 1: 2: 4

Page No.87 

प्रश्न 1. समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो और उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया गया हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी और क्यों? 

उत्तर- समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो और उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया गया हो तो इनमें से मोटे तार में विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी क्योंकि समान लंबाई के मोटे तार का प्रतिरोध पतले तार की अपेक्षा कम होता है।

Page No.87 

प्रश्न 2. श्रेणी क्रम में जुड़े हुए दो प्रतिरोधकों A और B के प्रतिरोधों का अनुपात 1:4 है परिपथ में 10 एम्पीयर की धारा प्रवाहित हो रही है। यदि इन दोनों प्रतिरोधकों को समानांतर क्रम में जोड़ा जाए तो इन दोनों प्रतिरोधकों से बहने वाली धारा का अनुपात ज्ञात कीजिए ।

उत्तर- A से प्रवाहित होने वाली धारा

= 10 × कुल प्रतिरोधA का प्रतिरोध 

= 10 × (x + 4x)x = 50

B से प्रवाहित होने वाली धारा = 10 × (x + 4x)4x

= 10 × 5x4x = 504

अतः प्रवाहित धारा का अनुपात = 50 × 450 = 41 = 4: 1

अभ्यास :- 

प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखें –

Page No.94                     (i) बताएँ कि निम्न में से कौन सा उदाहरण विद्युत का सुचालक है I

 (अ) लकड़ी का टुकड़ा (ब) कागज का पेपर (स) तांबे का तार (द) काँच की छड़ 

Page No.94                 (ii) किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा की मात्रा को मापने वाला यंत्र है I 

 (अ) वोल्टमीटर (ब) अमीटर (स) ओडोमीटर (द) इनमें से कोई नहीं।

Page No.94                 (iii) ओम के नियम के अनुसार किसी चालक तार के लिए V तथा I के बीच संबंध 

 (अ) एक अनियत अनुपात है। (ब) एक नियत अनुपात है

 (स) कमी अनियत कमी अनियम (द) इनमें से कोई नहीं।

Page No.94                       (iv) एक विद्युत उपकरण का प्रतिरोध 22 ओम है, विभव 220 वोल्ट है। उपकरण को विद्युत स्रोत से जोड़ने पर बहने वाली धारा का मान ज्ञात कीजिए-

 (अ) 5 A (ब) 20 A (स) 25 A (द) 10 A

Page No.94                 (v) निम्नलिखित चित्र में दिखाए परिपथ का तुल्य प्रतिरोध होगा – 

 (अ) 25 (ब) 20 (स) 30 (द) 35

उत्तर- (i) (स). (ii) (ब), (iii) (ब).(iv) (द) (v) (ब)।

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –

Page No.:95 , Chapter- 6 1. श्रेणी क्रम में संयोजित प्रतिरोधों का विभवांतर…………………होगा।

Page No.95                 2. समानांतर क्रम में संयोजित प्रत्येक प्रतिरोधों में प्रवाहित विद्युत धारा ……… होगी।

Page No.95                 3. विद्युत की खपत को हम kWh में या ………………. में दर्शाते हैं।

Page No.95                                   4. विद्युत लैंप में तंतु ……………………. धातु का उपयोग में लिया जाता है I 

Page No.95                         5. चालक का ताप बढ़ने से उसकी ……………. बढ़ जाती है।

उत्तर – 1. असमान, 2. असमान, 3. यूनिट, 4. टंगस्टन, 5. प्रतिरोधकता।

Page No.95                 प्रश्न 3. परिपथ का प्रभावी तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए। (8.33

उत्तर- समान्तर क्रम में तुल्य प्रतिरोध = 1R = 15 + 110 

 1R = 2 + 110 = 310 

 ஃ R = 10/3 

श्रेणी क्रम में तुल्य प्रतिरोध R’ = 5 + 103 

 = 15 + 103 253 = 8.33 उत्तर 

Page No.95

प्रश्न 4. फ्यूज क्या है? यह किस पदार्थ का बना होता है ? उत्तर- विद्युत परिपथ में लाइव तार के साथ श्रेणी क्रम में लगाया जाने वाला एक ऐसा पतला तार जिसे अल्प गलनांक एवं कम प्रतिरोध वाले मिश्र धातु (टिन, सीसा, तांबा) द्वारा बनाया जाता है, फ्यूज कहलाता है I 

वोल्टेज में अनियमितता के कारण सीमा से अधिक धारा बहने पर यह स्वयं पिघलकर टूट जाता है, जिससे परिपथ के उपकरणों को हानि नहीं पहुंचती।

Page No.95

प्रश्न 5. ओम के नियम को अपने शब्दों में लिखिए, और V तथा I के बीच ग्राफ खींचकर दोनों के संबंध को स्थापित करें। उत्तर- सन् 1827 में भौतिक वैज्ञानिक “जॉर्ज साइमन ओम” ने किसी विद्युत परिपथ में विभवांतर, विद्युत प्रतिरोध एवं विद्युत धारा के मध्य संबंध स्थापित किया था, उसे ही ओम का नियम कहा जाता है।

 इस नियम के अनुसार यदि किसी चालक की भौतिक अवस्था (लम्बाई, ताप व दाब) उन परिवर्तित रहे तो उसके सिरों में लगे विभवांतर उसमें प्रवाहित होने वाली धारा के अनुक्रमानुपाती होती है।

अथवा V I

 ( जहाँ V = चालक के सिरों में लगा विभवांतर उसकी इकाई Volt (V) है। 

  i = प्रवाहित होने वाली धारा इकाई Ampere (A) है I )

V = RI ……………(i)

यहाँ R एक नियतांक है उसे चालक का प्रतिरोध कहा जाता है।

अब, समी. (i) से

R = VI 

अथवा

 प्रतिरोध = विभवांतर धारा 

इकाइयों के अनुसार 1 ओम = 1 वोल्ट1 एम्पीयर 

ग्राफ:- V तथा I के मध्य 

यदि किसी चालक के दोनों सिरों के बीच का विभवांतर 1V हैं, तथा उसमें 1A विद्युत धारा प्रवाहित होती है तब उस चालक का प्रतिरोध R, 1 होता है।

Page No.95

प्रश्न 6. एक विद्युत बल्ब एक मिनट में 2400 J ऊर्जा खपत करता है, तो उस बल्ब की शक्ति ज्ञात कीजिए। (40 वॉट) उत्तर- प्रश्नानुसार 

समय (T) = 1 मिनट या 60 सेकंड

 W = 2400 जूल

शक्ति (P) = ?

विद्युत शक्ति = खपत ऊर्जासमय

या P = WT = 240060

P = 40 वॉट उत्तर 

Page No.95

प्रश्न 7. एक विद्युत् हीटर जिस पर 3kW, 220V अंकित है। नीचे दिए गए प्रश्नों को ज्ञात कीजिए- (अ) विद्युत् धारा (13.6 A) (ब) हीटर का प्रतिरोध (16.12 )

(स) खर्च क्या होगा यदि 1kWh के लिए 1.50 रु. लगते हों, और हीटर को 10 घंटे चलाया जाए। (45 रु.) हल- (अ) दिया गया है – P = 3 kW 

 V = 220 V

ज्ञात है कि निवेश शक्ति P = VI

 तो विद्युत धारा I = PV …………..(i)

समी. (I) में P एवं V का मान रखने पर 

 I = 3 Kw220 V या 3000 वॉट 220 वोल्ट

 I = 13.64 एम्पीयर

(ब) दिया गया है 

 P = 3Kw या 3000 वॉट

 V = 220V, I = 13.6 A

ज्ञात है V = IR …………..(i)

या R = VI 

समी. (i) में V एवं I का मान रखने पर 

R = 22013.6 = 16.17 [प्रतिरोध का मात्रक ओम होता है ]

(स) हल- 3 kW के एक विद्युत हीटर को 10 घंटे तक जलाने पर एक दिन में खर्च ऊर्जा = 

विद्युत उपकरण की संख्या X विद्युत उपकरण की शक्ति X समय X दिनों की संख्या1000 …………..(i)

यहाँ विद्युत उपकरण की संख्या = 1 

 विद्युत उपकरण की शक्ति = 30 kW या 3000 वॉट

 समय = 10 घंटे

 दिनों की संख्या = 1

समी. (i) में मान रखने पर 

 = 1 X 3000 X 10 X 11000

= 3000 1000 = 30 यूनिट

प्रश्नानुसार 1 यूनिट का मूल्य = 1.50 रु. 

तो 30 यूनिट का मूल्य = 30 x 1.50 = 45 रु. उत्तर

Page No.95

प्रश्न 8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-  

(i) घरेलु विद्युत् परिपथों में श्रेणी क्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ? (ii) विद्युत लैंपो के तन्तुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर- (i) जब किसी विद्युत परिपथ में पहले प्रतिरोध का दूसरा सिरा, दूसरे प्रतिरोध के पहले सिरे से जोड़ देते हैं, और दूसरे प्रतिरोध का दूसरा सिरा तीसरे प्रतिरोध के पहले सिरे से जोड़ देते हैं। तो ऐसे संयोजन को श्रेणीक्रम संयोजन कहा जाता है I श्रेणी क्रम में जैसे-जैसे प्रतिरोध को जोड़ा जाता है, तुल्य धारा कम हो जाती है कारणवश बल्बों की रोशनी कम हो जाती है। इसलिए श्रेणी क्रम संयोजन उपयोग नहीं किया जाता है।

(ii) टंगस्टन उच्च प्रतिरोधकता एवं उच्च गलनांक की एक प्रबल धातु है। जो विद्युत आवेश के कारण कम गर्म हुए प्रकाश उत्पन्न कर सकता है एवं पिघलता भी नहीं इसलिए इसका उपयोग विद्युत लैंपो के तंतुओं के निर्माण में किया जाता है।

Page No.95

प्रश्न 9. किसी विद्युत बल्ब के तन्तु में से 0.5 A विद्युत् धारा 20 मिनट तक प्रवाहित होती है। विद्युत परिपथ से प्रवाहित विद्युत आवेश का परिमाण क्या होगा ज्ञात कीजिए? (600 कूलाम)

हल- हमें ज्ञात है कि 

विद्युत धारा I = विद्युत आवेश (Q)समय (t)

अथवा I = Qt

या Q = I x t ……………..(i)

प्रश्नानुसार I = 0.5 A, t = 20 मिनट या 20 x 60 = 1200 से.

समी. (i) में I एवं t का मान रखने पर 

Q = 0.5 x 1200

Q = 600 कूलाम

 [ विद्युत आवेश (Q) का मात्रक कूलाम होता है I ]

Page No.95

प्रश्न 10. एक घर में प्रतिदिन 40 वॉट की चार बल्ब 5 घंटे, 60 वॉट के 2 बल्ब 6 घंटे, 80 वॉट के 3 पंखे 6 घंटे चलते हैं, तो इस घर में एक महीने में कितना खर्च आएगा ? यदि एक यूनिट का मूल्य 50 पैसे हो तो ? (44:4 Rs)

हल – ज्ञात है कि 

खर्च ऊर्जा = विद्युत् उपकरण की संख्या X विद्युत् उपकरण की शक्ति X समय X दिनों की संख्या1000 ……(1) 

प्रश्नानुसार 40 वॉट के 4 बल्ब 5 घंटे तक जलाने पर खर्च ऊर्जा = 4 X 40 X 5 X 301000

= 240001000 = 24kW घंटा या 24 यूनिट 

60 वॉट के 2 बल्ब 6 घंटे तक चलने पर 1 माह अथवा 30 दिनों में 

खर्च ऊर्जा = 4 X 60 X 6 X 301000

 = 216001000

 = 21610 = 21.6 kW या 21.6 यूनिट

80 वॉट के 3 पंखे 6 घंटे तक चलने पर 1 माह अथवा 30 दिनों में 

खर्च ऊर्जा = 3 X 80 X 6 X 301000

 = 432001000

 = 4321 = 43.2 kW या 43.2 यूनिट 

अतः पूरे 1 माह में खर्च ऊर्जा = 24 + 21.6 + 43.2 

 = 88.8 kW या यूनिट

प्रश्नानुसार 1 kW या 1 यूनिट का मूल्य = 50 पैसा 

तो 88.8 यूनिट का मूल्य = 88.8 x .50 = ₹44.4 उत्तर

Page No.95

प्रश्न 11. निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार कीजिए-

(i) अगर श्रेणीक्रम में संयोजित तीन बल्बों में से अगर एक बल्ब खराब हो जाए तो अन्य बल्बों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? चर्चा करें।

(ii) समान्तर क्रम में संयोजित तीन बल्बों में से एक खराब हो जाए तो क्या प्रभाव पड़ेगा ? चर्चा करें।

उत्तर- (i) श्रेणी क्रम परिपथ से एक प्रमुख हानि यह होती है कि जब परिपथ का एक अवयव कार्य करना बंद कर दे तो परिपथ टूट जाता है और परिपथ का अन्य कोई अवयव भी कार्य नहीं कर पाता । अर्थात श्रेणीक्रम में संयोजित तीन बल्बों में से अगर एक खराब हो जाए तो अन्य दोनों बल्ब भी बुझ जाएंगे।

(ii) समान्तर क्रम में संयोजित तीन बल्बों में से अगर एक बल्ब खराब हो जाए तो भी अन्य दो बल्ब जलते ही रहेंगे या रोशनी थोड़ी बढ़ जाएगी क्योंकि क्रम संयोजन में तुल्य प्रतिरोध संयोजन के न्युनतम प्रतिरोध से भी कम होता है। अर्थात तुल्य प्रतिरोध कम होने के कारण तुल्य धारा बढ़ जाती है। इसमें धारा प्रवाह के लिए अधिक पथ बनते हैं क्योकि समान्तर क्रम में अधिक उपकरण जुड़ते जाते हैं।

Page No.95

प्रश्न 12. A व B के बीच तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।(8.66)

हल- समांतर क्रम में तुल्य प्रतिरोध 1R = 1R1 + 1R2 …………(i)

प्रश्नानुसार R1 = 4, R2 = 8

समी. (1) में R1 एवं R2का मान रखने पर 

 1R = 14 + 18 

 R = 83 ………..(ii)

श्रेणी क्रम में तुल्य प्रतिरोध R = R1+ R2 + R3

 {समी. (ii) की सहायता से}

 = 2 + 4 + 83

 = 263 = 8.66उत्तर 

Page No.95

प्रश्न 13. अगर किसी श्रेणी क्रम परिपथ में विद्युत बैटरी द्वारा 6 वोल्ट विभवान्तर है। अगर पहले बल्ब के पास 2 वोल्ट का विभवान्तर है तो दूसरे बल्ब के पास विभवान्तर ज्ञात कीजिए।

उत्तर- कुल विभवान्तर = पहले बल्ब के पास विभवान्तर + दूसरे बल्ब के पास विभवान्तर …………..(i)

प्रश्नानुसार कुल विभवान्तर = 6V

पहले बल्ब के पास विभवान्तर = 2V

इस मान को समी. (1) में रखने पर 

 6V = 2V + दूसरे बल्ब के पास विभवान्तर 

अतः दूसरे बल्ब के पास विभवान्तर = 6V – 2V

 = 4V उत्तर 

Page No.95

प्रश्न 14. दो चालक तार जिनके पदार्थ, लंबाई तथा व्यास समान हैं किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणी क्रम में और फिर समांतर क्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणी क्रम तथा समान्तर क्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा ? (1:4) उत्तर- माना दो चालक तार का प्रतिरोध R है I

श्रेणी क्रम में ज्ञात करने पर R1 = R + R

 R1 = 2R 

समांतर क्रम में ज्ञात करने पर 

1R2 = 1R + 1R

 1R2 = 2R 

तो R2 = R2

जूल के तापन नियम से ज्ञात है कि उत्पन्न ऊष्मा H = I2Rt ………(i)

 { जहाँ I = विद्युत धारा 

 R = प्रतिरोध, t = समय}

∴ समी. (i) की सहायता से 

प्रथम तार में ऊष्मा H1 = I2 R1t ………(ii)

दूसरे तार में ऊष्मा H2 = I2 R2t ………(iii)

अतः उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात 

H1H2 = I2 R1tI2 R2t

 = R1R2

R1 एवं R2 का मान रखने पर 

 = 2RR2

या 2R1 x 2R

 = 41 या 14 अतः उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात 14 या 41 होगा I उत्तर 

Page No.95  

प्रश्न 15. 9V की किसी बैटरी को 234, 5 तथा 12 के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। 2 के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी। (0.34 एम्पियर) हल:- दिया है, विद्युत बैटरी द्वारा परिपथ में कुल विभवान्तर 

 V = 9V

श्रेणीक्रम में संयोजित कुल प्रतिरोध 

 R = R1 + R2 + R3 + R4 + R5

 R = 2 + 3 + 4 + 5 + 12

R = 26

अब ओम के नियमानुसार 

V = RI

या I = VR

V एवं R का मान रखने पर 

I = 926

I = 0.34 A

 अतः 0.34 एम्पीयर धारा प्रवाहित होगी I

Page No.95

प्रश्न 16. अपने घरों में विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर कार्य करने वाले उपकरणों की सूची बनाकर चर्चा करें कि किस प्रकार कार्य करते हैं ? उत्तर- जब चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो चालक का प्रतिरोध उसमें रुकावट डालता है। जिससे चालक के परमाणुओं को कुछ ऊर्जा प्राप्त होती है। इसके कारण चालक का ताप बढ़ जाता है। चालक के ताप बढ़ने की इस घटना को विद्युत धारा का उष्मीय या तापीय प्रभाव कहा जाता है।विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव का उपयोग उपकरणों में जैसे विद्युत हीटर, विद्युत बल्ब, ट्यूब लाइट, गीजर, ओवन आदि में किया जाता है | विद्युत हीटर – इसमें प्लास्टर ऑफ पेरिस का बना एक खांचेदार प्लेट होता है। जिसमें मिश्र धातु नाइक्रोम (निकल एवं क्रोमियम ) का एलिमेंट लगा होता है। प्रतिरोध अधिक होने के कारण इससे विद्युत धारा गुजारने पर तप्त हो जाता है। जिसके कारण अत्यधिक ऊष्मा देता है। विद्युत प्रेस:- इसमें अभ्रक के ऊपर नाइक्रोम का तार लिपटा रहता है। अभ्रक उपयोग करने का कारण यह है कि ये उच्च ताप पर भी नहीं पिघलता । इस प्लेट को लोहे के एक अच्छे आकार में रखा जाता है I जब तार में, धारा प्रवाहित की जाती है तो लोहे का आवरण गर्म हो जाता है I विद्युत बल्ब :- इसमें टंगस्टन धातु का तन्तु उपयोग में लाया जाता हैं। टंगस्टन धातु का प्रयोग बल्ब में उसके गलनांक उच्च होने के कारण किया जाता है। धारा प्रवाहित किए जाने पर तंतु का ताप बढ़ जाता है। इस प्रकार विद्युत ऊर्जा प्रकाश में परिवर्तित हो जाती है।

Page No.95

प्रश्न 17. किसी बल्ब पर 200V-100W अंकित हैं। इस बल्ब का प्रतिरोध कितना होगा ? यदि ऐसे 5 बल्ब , 4 घंटे के लिए कार्य करें तो कितनी विद्युत ऊर्जा की खपत होगी ? 50 पैसे प्रति यूनिट की दर से लगने वाले खर्च की गणना करें। (400 , 2 kwh, 1 रु.)

उत्तर- दिया गया है विद्युत शक्ति = P = 100W विभव V = 200V

ज्ञात है P = VI

या I = PV

 I = 100200 = 12 एम्पीयर

ज्ञात है V = IR

R = VI

R = 2001/2

 = 400

विद्युत ऊर्जा की खपत = उपकरण की संख्या X उपकरण की शक्ति X समय 100 

= 5 X 100 X 4 1000

= 2kWh

प्रश्नानुसार एक यूनिट में 50 पैसे या 12 रुपये खर्च आता है 

तो 2kWh में खर्च = 2kWh x 12

 = 1 रुपये

अतः बल्ब का प्रतिरोध 400 होगा एवं खपत 2kWh, खर्च 1 रुपये होगा I 

Page No.95

प्रश्न 18. 2 , 3 व 5 के तीन प्रतिरोधकों को आप किस प्रकार संयोजित करेंगे कि तुल्य प्रतिरोध 2.5 हो । चित्र बनाकर दिखाएं।

उत्तर- 2 एवं 3 के प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में संयोजित करने पर 

माना तुल्य प्रतिरोध R’ है,

तब R’ = 2 + 3

R’ = 5

R’ = 5 एवं 5 को समान्तर क्रम में संयोजित करने पर 

तुल्य प्रतिरोध = 

 1R = 15 + 15

 = 25

 R = 5/2

 = 2.5

चित्र :- 


Post a Comment

© CGBSC CLASS 10. The Best Codder All rights reserved. Distributed by