CG Board Class 10 Science Solutions Chapter 3 ऊष्मा और ताप

 

 Class 10 Science

Chapter 3 

ऊष्मा और ताप


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प्रश्न 1. क्या आप बता सकते हैं कि ठोस पदार्थों में ऊष्मा का संचरण संवहन के द्वारा क्यों नहीं हो सकता? 

उत्तर- संवहन में अणु अपने स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर जाने के लिए समर्थ होना चाहिए अर्थात संवहन विधि में अणु स्वयं चलकर ऊपर से नीचे आते हैं। जबकि ठोस में उपस्थित अणु गति करने के लिए स्वतंत्र नहीं होते हैं। उनमें अंतरा अणु के बल का मान अधिक होने के कारण अणु अपनी माध्य स्थिति से दोनों ओर कंपन्न तो कर सकते हैं किन्तु स्थान परिवर्तन नहीं कर सकते। इसलिए ठोस वस्तुओं को संवहन विधि द्वारा गर्म नहीं किया जा सकता है।

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प्रश्न 1. क्या आप बता सकते हैं कि आग की चिंगारी को बुझाने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है I ऐसा क्यों ? 

उत्तर – जल की ऊष्मा धारिता अधिक होती है, जल का छिड़काव करने पर ऊष्मा बाहर निकलती है जिससे आग सरलता से बुझ जाते है, इसलिये आग की चिंगारी को बुझाने के लिये पानी का उपयोग किया जाता है।

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प्रश्न 2. यदि 25 ग्राम कॉपर का तापमान 25°C से 75°C बढ़ाने के लिए 487.5 J ऊष्मा देनी पड़ती है, तो कॉपर की J/g°C में व्यक्त विशिष्ट ऊष्मा क्या होगी ? 

हल– हम जानते हैं –

Q = mS. T

अर्थात्, 487.5 J = (25g.) x S x (75°C – 25°C)

487.5 J = 25g x 50°C x S

S = 487.5 J25g X 50°C = 0.39 J/g°C उत्तर 

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प्रश्न 1. गैसों और द्रवों में केवल आयतन प्रसार ही क्यों संभव है ? 

उत्तर- गैसों में अंतराणु की दूरी बहुत अधिक होने के कारण इन्हें संपीड़ित किया जा सकता है परंतु द्रवों में अंतराणु की दूरी कम होने के कारण इन्हें संपीड़ित नहीं किया जा सकता।

अभ्यास:- 

प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए –

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1. ठोस में रेखीय, क्षेत्रीय व आयतन प्रसार का अनुपात होता है-

 (अ) 1:1:1 (ब) 1:2:3

 (स) 1:2:1 (द) 3:2:1.

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2. वस्तु A व वस्तु B में से वस्तु A की विशिष्ट ऊष्मा वस्तु B की तुलना में कम है, तो-

 (अ) वस्तु A जल्द गर्म होगी

 (ब) वस्तु B जल्द गर्म होगी

 (स) दोनों वस्तुएँ समान रूप से गर्म होंगी 

 (द) इनमें से कोई नहीं।

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3. नीचे दी गई वस्तुओं में से कौन-सी वस्तु सबसे अच्छा ऊष्मा चालक –

(अ) लोहा

(ब) एस्बेस्टस

(स) काँच

(द) लकड़ी।

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4. नीचे दी गई कौन-सी वस्तुओं में ऊष्मा का संचार संवहन द्वारा नहीं हो सकता है-

(अ) चाय

(ब) पानी

(स) हवा

(द) निर्वात् ।

उत्तर- 1. (ब), 2. (अ), 3. (ब), 4. (द) ।

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

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(i) ऊष्मा कोई पदार्थ नहीं बल्कि…………है।

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(ii)………के कारण ऊष्मा का स्थानांतरण होता है।  

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(iii) चालक के द्वारा ऊष्मा का संचरण केवल ………… में संभव है।

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(iv) विकिरण द्वारा ऊष्मा के संचरण हेतु …….. की आवश्यकता नहीं होती है।

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(v) पदार्थ की भौतिक अवस्था में परिवर्तन के लिये ली गई/ दी गई ऊष्मा के कारण तापमान में बदलाव……….होता है।

उत्तर – (i) ऊर्जा, (ii) तापांतर, (iii) ठोस, (iv) माध्यम, (v) नहीं ।

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प्रश्न 3. जब दो वस्तुओं को, जिनका तापमान एक दूसरे से अलग हो को संपर्क में लाया जाता है तब उन दोनों का तापमान समान क्यों हो जाता है ?

उत्तर- जब दो विभिन्न तापमान वाली वस्तुओं को संपर्क में लाया जाता है, तो एक तरल अदृश्य पदार्थ का आदान-प्रदान होता है। गर्म वस्तु में इस पदार्थ की मात्रा ठण्डी वस्तु की तुलना में अधिक होता है। अतः यह पदार्थ गर्म वस्तु से ठंडी वस्तुओं में तब तक प्रवाहित होता है जब तक इसका स्तर दोनों में समान ना हो जाए इस तरल पदार्थ को “कैलोरिक” कहा जाता है।

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प्रश्न 4. गुप्त ऊष्मा किसे कहते हैं ?

उत्तर- किसी पदार्थ को दी गई ऊष्मीय ऊर्जा की वह मात्रा, जो पदार्थ के ताप को स्थिर रखते हुए उसकी भौतिक अवस्था में परिवर्तन लाती है, उसे गुप्त ऊष्मा कहा जाता है I

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प्रश्न 5. गैस से भरा गुब्बारा आग के पास लाने से फूट क्यों जाता है ? उत्तर – गैस से भरा गुब्बारा को आग के समीप ले जाने पर, उसके भीतर की हवा गर्म होकर फैलने लगती है। जिससे गैस का आयतन प्रसार गुणांक बढ़ जाता है। उस बढ़े हुए आयतन प्रसार गुणांक या ऊष्मीय प्रसार के कारण गुब्बारा फूट जाता है I

गैस का आयतन प्रसार गुणांक = आयतन में वृद्धि प्रारंभिक आयतन X ताप में वृद्धि

प्रश्न 6. निम्न तापमानों को अन्य पैमाने में परिवर्तित कीजिए-

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(i) 14°F को सेल्सियस में।

हल:- सूत्र:- सेल्सियस (℃) = ℉ – 321.8000

 ℉ = 14 रखने पर 

 ℃ = 14 – 321.8000

 ℃ = – 181.8000

 ℃ = – 181.8000 x 1010

 ℃ = – 18018.0

 ℃ = -10

 = -10 ℃ उत्तर 

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(ii) 100 ℃ को फैरनहाइट में 

हल:- सूत्र:- सेल्सियस ℃ = ℉ – 321.8000

प्रश्नानुसार ℃ = 100

 100 = ℉ – 321.8000

 100 x 1.8000 = ℉ – 32

 180 = ℉ – 32

पक्षान्तर करने पर = 180 + 32 = ℉

 212 = ℉

 = 212 ℉ उत्तर 

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(iii) 12K को सेल्सियस में।

हल – सूत्र:- k – 273 = C

प्रश्नानुसार k = 12

अतः C = 12 – 273

 C = -261℃

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प्रश्न 7. जल की महत्तम विशिष्ट ऊष्मा के दैनिक जीवन में तीन उपयोग लिखिए। उत्तर- जल का क्वथनांक 100°C एवं इसकी महत्तम विशिष्ट ऊष्मा 41801/Kg°/C होता है I उपयोगिता – (i) वाष्प रेल इंजन में उपयोग ।

(ii) ठण्डे ऋतु में किसानों को पाले से फसल को बचाने में

(iii) चाय व कॉफी का बहुत देर तक गर्म रहना ।

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प्रश्न 8. 1 किग्रा. जल का ताप 60°C है। यदि इसे 40°C वाले 1 किग्रा. जल में मिश्रित कर दें तो मिश्रण का ताप क्या होगा ?

उत्तर- यहाँ पर दोनों स्थितियों में पानी की विशिष्ट ऊष्मा एक ही मानते हैं। अर्थात 

S1 = S2= 5

यदि मिश्रण का ताप t मान लिया जाए तो गर्म वस्तु द्वारा दी गई ऊष्मा

 = m1 x S1x ताप में कमी

= m1 x S1(t1- t)

 { जहाँ m1 = गर्म पानी का द्रव्यमान, t1 = उसका प्रारंभिक ताप }

ठण्डी वस्तु द्वारा ली गई ऊष्मा = m2 x S2(t- t2)

 { जहाँ m2 = ठण्डे पानी का द्रव्यमान, t1 = उसका प्रारंभिक ताप }

ऊर्जा संरक्षण के नियमानुसार,

मिश्रण विधि से ली गई ऊष्मा = दी गई ऊष्मा

m1 x S1 x (t1- t) = m2 x S2 x (t- t2)

m1 x (t1- t) = m2 x (t- t2) [S1 = S2]

अर्थात साम्य ताप = m1t1 + m2t2m1 + m2

 t = 1 X 60 + 1 X 401 + 1

 t = 60 + 402

 t = 1002

 t = 50 ℃ 

अतः पानी के मिश्रण का तापमान 50 ℃ होगा I उत्तर 

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प्रश्न 9. तांबे के एक बर्तन का द्रव्यमान 500 ग्राम है। इसका ताप 40°C तक बढ़ाने के लिये आवश्यक ऊष्मा की गणना कीजिए I तांबे की विशिष्ट ऊष्मा 0.09 जूल/किग्रा. है। (उत्तर- 1.8 J)

हल – ऊष्मा धारिता ( या ऊष्मा ) = द्रव्यमान x विशिष्ट ऊष्मा 

अर्थात Q = mS.T

प्रश्नानुसार m = 500

 S = 0.09

 T = 40

अतः Q = 500 x 0.09 x 40

 = 1800 कैलोरी या 45J/°C 

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प्रश्न 10. ताँबे के एक तार की लंबाई 100 सेमी. है। इसके ताप को 30°C से 50°C तक बढ़ाने में इसकी लंबाई में कितनी वृद्धि होगी ? ताँबे के लिए = 26 x 10-6/ °C होता है। उत्तर – 52 x 10-5m

हल – रेखीय प्रसार गुणांक () = लम्बाई में वृद्धिप्रारंभिक लम्बाई X ताप में वृद्धि

  = LL X T

 L = प्रारंभिक लम्बाई 

 L = लम्बाई में वृद्धि

T = ताप में वृद्धि 

अर्थात L = (L x T) 

प्रश्नानुसार = 26 x 10-6

 L = 100

 T = 50 – 30 = 20

अतः L = 26 x 10-6 x 100 x 20

 = 26 x 10-6 x 2000

 = 26 x 10-6 x 2 x 103

 = 26 x 10-6 x 2 x 103

 = 26 x 2 x 10-3

L = 52 x 10-3cm = 0.052 cm

या 52 x 10-5 m. उत्तर 

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प्रश्न 11. विशिष्ट ऊष्मा धारिता क्या है ?

उत्तर- किसी पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा धारिता, ऊष्मा की वह मात्रा है जो उस पदार्थ के एकांक द्रव्यमान में एकांक ताप की वृद्धि कर सके। जिन पदार्थों की विशिष्ट ऊष्मा अधिक होती हैं, वे देर से गर्म एवं देर से ठण्डे होते हैं ।

यदि m द्रव्यमान के वस्तु की विशिष्ट ऊष्मा s हो तो

ऊष्मा धारिता = द्रव्यमान x विशिष्ट ऊष्मा

Q = m x S

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प्रश्न 12. ऊष्मा के संचरण के प्रकारों के बारे में लिखिए।

उत्तर – तापमान में अंतर के कारण ऊष्मा एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरित हो जाती है। इसे ही ऊष्मा का संचरण कहा जाता है।

इसके तीन प्रकार होते हैं-

(1) चालन (2) संवहन (3) विकिरण,

चालन – इस विधि में ऊष्मा का संचरण पदार्थ के कणों द्वारा संपन्न होता है। इसमें माध्यम के प्रत्येक कण भाग लेते हैं। यह ऊष्मा संचरण की सबसे धीमी विधि है। यह केवल सुचालक ठोंसो में संपन्न होता है। अणुओं में कंपन इस संचरण का कारण है।

उदा. – बर्फ को पिघलने से रोकने के लिए इसे कुचालक पदार्थों में लपेटकर रखा जाता है।

संवहन – इस विधि द्वारा ऊष्मा का संचरण केवल द्रव एवं गैस में संभव है। यह अणुओं की गति के कारण संपन्न होता है। द्रवों एवं गैसों में ऊष्मा का संचरण ताप समान होते तक निरंतर चलते रहता है I इसमें संचरण की गति चालन विधि से अधिक होता है।

उदा.- समुद्री क्षेत्रों में दिन में भूमि का तापमान बढ़ जाता है, जिससे वायु गर्म होकर ऊपर उठने लगती है। इसका स्थान समुद्री तट से निकलने वाली ठण्डी वायु ले लेती है।

विकिरण – विकिरण विधि में ऊष्मा का संचरण एक सरल रेखा के रूप में होता है। यह आवेशित कणों के त्वरित गति के कारण होता है। इसमें किसी भी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती। अर्थात यह ठोस, द्रव, गैस के साथ – साथ निर्यात में भी पूर्णतः संभव है। इस विधि में ऊष्मा का संचरण सर्वाधिक होता है।उदा.- सूर्य से आने वाली ऊष्मा पृथ्वी तक इसी विधि के द्वारा आती है।

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प्रश्न 13. ऊष्मा के प्रभावों के हमारे दैनिक जीवन से जुड़े कुछ उदाहरण बताइए ।  

उत्तर- ऊष्मीय ऊर्जा के संचरण को देखा नहीं जा सकता, किंतु ऊष्मा के प्रभाव को अनुभव किया जा सकता है। वस्तु को जितनी अधिक ऊष्मा दी जाए उसका ताप उतना ही बढ़ता है एवं पदार्थ में प्रसार होने के साथ-साथ उसकी अवस्था में परिवर्तन भी संभव होता है।

1. ताप में वृद्धि – किसी वस्तु को गर्म करने पर वह ऊष्मा अवशोषित करती है। तथा उसका ताप बढ़ता है। ठण्डे होने की प्रक्रिया में वस्तु से ऊष्मा बाहर निकलती है एवं उसका ताप घटता है। भिन्न भिन्न पदार्थो वाली वस्तुओं को सामान ताप पर गर्म करने के लिए भिन्न-भिन्न मात्रा में ऊष्मा देनी पड़ती है। वस्तु द्वारा ली गई ऊष्मा और दी गई ऊष्मा (Q) निम्न बातों पर निर्भर करती है – 

1. वस्तु के द्रव्यमान पर (m) 

2. वस्तु के ताप में हुए परिवर्तन (T) पर 

3. वस्तु के पदार्थ की प्रकृति पर

उदाहरण: – (1) धूप में पड़ी लोहे की बेंच, लकड़ी के बेंच से अधिक गर्म हो जाती है। (2)नदी किनारे की रेत दिन के समय गर्म लगती है, जबकि नदी का पानी गर्म नहीं लगता इत्यादि।

2. ठोस पदार्थों में ऊष्मीय प्रसार – ठोस पदार्थों को गर्म करने पर उसकी लंबाई, क्षेत्रफल, आयतन तीनों में वृद्धि होती है। जबकि द्रव को गर्म करने पर केवल आयतन प्रभावित होता है। उदा.- काँच के बर्तन में उबलता पानी डालने पर वह चटक सकता है I

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