CG Board Class 10 Science Solutions Chapter 9 धातु एवं धातुकर्म
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प्रश्न 1. हवा में खुला छोड़ने पर धातुओं की चमक कम क्यों हो जाती है ?
उत्तर – हवा में खुला छोड़ने पर धातुओं की चमक इसलिए कम हो जाती है, क्योंकि अधिक सक्रिय धातुएँ जैसे, सेडियम, पोटेशियम तथा लिथियम आक्सीजन के साथ शीघ्रता से क्रिया करती हैं। खुले में रखने पर ये हवा की ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर ऑक्साइड बनाती है, भिन्न धातुएँ भिन्न भिन्न रंग के ऑक्साइड बनाती है जैसे लोहा लाल- भूरा रंग के ऑक्साइड बनाता है, इस कारण चमक कम हो जाती है।
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प्रश्न 2. सोना और प्लेटिनम का उपयोग गहने बनाने में क्यों किया जाता है ?
उत्तर – सोना और प्लेटिनम का उपयोग गहने बनाने में इसलिए किया जाता है, क्योंकि ये धातुएं उच्च ताप पर भी ऑक्सीजन से अभिक्रिया नहीं करते ।
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प्रश्न 3. लेड, मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम धातुओं की ऑक्सीजन से अभिक्रिया का समीकरण लिखिए I
उत्तर – लेड, मैग्नीशियम, एलुमिनियम धातुओं का ऑक्सीजन से अभिक्रिया का समीकरण –
(1) Pb(s) + O2(g) PbO2 (s)
(2) 2Mg(s) + O2(g) 2MgO
(3) 4Al(s) + 3O2(g) 2Al2O3
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प्रश्न 1. इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए –
(क) कैल्शियम की जल के साथ अभिक्रिया
(ख) लोहे की जल वाष्प के साथ अभिक्रिया
उत्तर – (क) Ca(s)+ 2H2O(l) Ca(OH)2(l) + H2(g)
(ख) 2Fe(s)+ 3H2O(g) Fe2O3(s) + 3H2(g)
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प्रश्न 2. एलुमिनियम धातु की तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया के पश्चात कौन सी गैस बनती है ? अभिक्रिया का समीकरण लिखिए I
उत्तर – हाइड्रोजन (H2) गैस बनती है I
2Al(s)+ 6 HCl(aq) 2AlCl3(aq)+ 3H2(g)
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प्रश्न 3. अम्लराज किसे कहते हैं ?
उत्तर- अम्लराज 3 भाग सांद्र HCl तथा 1 भाग HNO3 का समांगी मिश्रण है I
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प्रश्न 1. आयरन के ऑक्साइड अयस्कों के नाम तथा सूत्र लिखिए I
उत्तर – हेमेटाइट – Fe2O3
मैग्नेटाइट – Fe3O4
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प्रश्न 2. सल्फाइड अयस्कों को किस विधि द्वारा सांद्रित किया जाता है?
उत्तर – झाग उत्प्लावन विधि द्वारा सांद्रित किया जाता है I
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प्रश्न 3. Na, K तथा Ca धातुओं को उनके यौगिकों से विद्युत अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है क्यों ?
उत्तर – अधिक शुद्ध धातु प्राप्त करने के लिए विद्युत अपघटन विधि का प्रयोग किया जाता है, इसलिए Na, K, Ca धातुओं को उनके यौगिकों से इस विधि द्वारा किया जाता है।
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प्रश्न 1. वात्या भट्टी में तापक्रम उच्च बनाए रखने हेतु कौन सी अभिक्रियाएँ सहायक होती हैं ? उत्तर – C + O2 CO2
CO2 + C 2CO
2C + O2 2CO
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प्रश्न 2. लोहे के निष्कर्षण हेतु वात्या भट्टी में गालक के रूप में कौन से पदार्थ का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर – अनबुझा चूना गालक के रूप में प्रयोग किया जाता है I [(CaO) – अनबुझा चूना ]
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प्रश्न 1. अधिक लवण युक्त जल में संक्षारण की दर किस प्रकार प्रभावित होगी ?
उत्तर – अधिक लवण युक्त जल में संक्षारण की दर तीव्र होगी इसलिए समुद्र के पास के इलाको में लोहे पर जंग जल्दी लगता है I
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प्रश्न 2. मिश्र धातुएँ क्यों बनाई जाती हैं ?
उत्तर – धातु के गुणधर्म को बेहतर बनाने के लिए मिश्र धातु बनाई जाती है जैसे
A) धातु की गुणवत्ता बढ़ाना
B) कठोर बनाना
C) धातु के गलनांक को कम करना ।
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प्रश्न 3. गैल्वेनाइजेशन किसे कहते हैं ?
उत्तर- गैल्वनीकरण या यशद लेपन एक धातु कर्मिक प्रकम है जिसमें इस्पात या लोहे के ऊपर जस्ते की परत चढ़ा दी जाती है I इससे इन धातुओं का क्षरण रुक जाता है I
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प्रश्न 1. सही विकल्प चुनिए-
(i) निम्नलिखित धातुओं में से सबसे सक्रिय धातु है-
(अ) Mg (ब) AI (स) Na (द) Zn
Page No.154 (ii) बॉक्साइट अयस्क का सूत्र है –
(अ) MgCO3 (ब) AI2O3.2H2O (स) Fe2O3 (द) SnO2
Page No.154 (iii) आयरन पाइराइट के सांद्रण के लिए निम्नलिखित में से कौन सी विधि प्रयुक्त की जाती है-
(अ) चुम्बकीय पृथक्करण (ब) गुरुत्व पृथक्करण
(स) झाग उत्प्लावन (द) विद्युत अपघटन
Page No.154 (iv) कैल्शियम सिलिकेट है –
(अ) मिश्र धातु (ब) गैंग (स) धातुमल (द) गालक
Page No.154 (v)स्टेनलेस स्टील की अवयवी धातुएँ हैं –
(अ) कॉपर, जिंक तथा टिन (स) कॉपर, आयरन तथा जिंक
(ब) आयरन, क्रोमियम तथा निकेल (द) आयरन, टिन तथा ऐलुमिनियम
उत्तर – (i) स , (ii) ब, (iii) स, (iv) स, (v) ब
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प्रश्न 2. रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-
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(i) अधिक सक्रिय धातु द्वारा कम सक्रिय धातु को उसके लवण के विलयन से हटाने की क्रिया ………. कहलाती है। (विस्थापन / अवक्षेपण)
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(ii) छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाला लोहे का प्रमुख अयस्क ……है। (हैमेटाइट / मैग्नाटाइट)
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(iii) मिश्र धातु दो या दो से अधिक धातु अथवा धातु एवं अधातु का ……. मिश्रण होता है (समांगी / विषमांगी)
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(iv) अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में उसके गलनांक से कम ताप तक गर्म करने की प्रक्रिया ………. कहलाती है। (भर्जन / निस्तापन)
उत्तर – (i) विस्थापन , (ii) हैमेटाइट, (iii) समांगी, (iv) निस्तापन
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प्रश्न 3. निम्नलिखित को समझाइए –
(i) अयस्क (ii) खनिज (iii) धातुमल (iv) गालक
उत्तर – (i) अयस्क – ऐसे खनिज जिसमें धातु की मात्रा अधिक और अशुद्धियाँ कम होती है तथा जिनसे धातुओं का निष्कर्षण कम खर्च में और सुविधाजनक तरीके से किया जाता है अयस्क, कहलाते है । (ii) खनिज – भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ठोस अकार्बनिक पदार्थ जिनका रासायनिक संघटन निश्चित होता है और इनके भौतिक गुणों का अनुमान लगाया जा सकता है खनिज कहलाता है।
(iii) धातुमल – गालक, अयस्क में उपस्थित अशुद्धियों के साथ क्रिया कर धातुमल (slag ) बनाते है ।
(iv) गालक – अयस्क में उपस्थित अशुद्धियों को पिघले रूप में हटाने के लिए मिलाए गए पदार्थ को गालक (Flux) कहते है ।
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प्रश्न 4. निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण दीजिए – (i) एलुमिनियम धातु की जल वाष्प से अभिक्रिया
(ii) जिंक ऑक्साइड की सोडियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया।
(iii) कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर अभिक्रिया।
(iv) सोडियम की ऑक्सीजन से अभिक्रिया I उत्तर – (i) एलुमिनियम धातु की जल वाष्प से अभिक्रिया ।
2Al + 3H2OAl2O3 + 3H2
(ii) ZnO की NaOH से अभिक्रिया
ZnO + 2 NaOH ZnNa2O3 +H2
(iii) CaCO3को गर्म करने पर अभिक्रिया
CaCO3 CaO +CO2
(iv) Na की ऑक्सीजन (oxygen) से अभिक्रिया
4Na +O2 2 Na2O
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प्रश्न 5. धात्विक ऑक्साइड से धातु के अपचयन की रासायनिक प्रक्रिया समझाइए। उत्तर – धात्विक ऑक्साइड से धातु के अपचयन की रासायनिक प्रक्रिया इस प्रकार है – धातु ऑक्साइड का धातु में अपचयन, मुख्यतः कोयला अथवा कोक से करते है।- कोक ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनाता है। चूँकि कोक अधिक मात्रा में डाला जाता है अतः बचा हुआ कोक बनी हुई CO2 से पुन: क्रिया कर कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनाता है।
C+ O2 CO2
CO2+O 2CO
और फिर CO, ऑक्साइड अयस्क से क्रिया कर ऑक्साइड अयस्क को अपचयित करता है I
ex. – Fe2O3+ 3C 2Fe + 3CO
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प्रश्न 6. संक्षारण से बचने के विभिन्न उपायों को लिखिए।
उत्तर- हवा और पानी की उपस्थिति में लोहे पर जंग लगता है इसलिए अधिकांश जंगरोधी विधियों में धातु का हवा और पानी से संपर्क रोका जाता है I लोहे तथा वायुमंडल के मध्य जंगरोधी परत लगाने की क्रिया रोधिक रक्षण (Barrier protection) कहलाती है।
(i) लोहे पर पेंट या ग्रीस लगाकर किया जाता है।
(ii) विद्युत लेपन द्वारा भी लोहे के ऊपर टिन, निकैल, क्रोमियम जैसी धातु की पर्त चढ़ाकर किया जा(iii) कभी कभी लोहे को अन्य धातुओं के साथ मिला कर मिश्र धातु बना कर किया जाता है | (iv) अधिक सक्रिय धातुओं का उपयोग करके भी धातु को संक्षारण से बचाया जाता है। यह प्रक्रिया उत्सर्ग रक्षण (sacrificial protection) कहलाती है।
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प्रश्न 7. किसी धातु (M) के विद्युत अपघटनी शुद्धीकरण के लिए ऐनोड, कैथोड तथा विद्युत अपघट्य क्या होंगे उदाहरण द्वारा समझाइए। उत्तर – अधिक शुद्ध धातु प्राप्त करने के लिए विद्युत अपघटन विधि का प्रयोग किया जाता है। अशुद्ध धातु की मोटी छड़ धन इलेक्ट्रोड तथा शुद्ध धातु की पतली छड़ ऋण इलेक्ट्रोड के रूप में प्रयुक्त की जाती है। इसी धातु की लवण के घोल को विद्युत अपघट्य के रूप में प्रयुक्त किया जाता है I
उदा.- (i) एनोड – अशुद्ध धातु (अशुद्ध कॉपर धातु)
(ii) कैथोड – शुद्ध धातु (शुद्ध कॉपर धातु)
(iii) विद्युत अपघट्य -CuSO4 विलयन
Page No.155 प्रश्न 8. अयस्कों के सांद्रण की निम्नलिखित विधियों को समझाइए।
(i) गुरुत्व पृथक्करण विधि (ii) झाग उत्प्लावन विधि
(iii) चुंबकीय पृथक्करण विधि
उत्तर – (i) गुरुत्व पृथक्करण विधि – जब अयस्क तथा आधात्री के आपेक्षित घनत्वों में अंतर होता है तब अयस्क के सांद्रण के लिए इस विधि का उपयोग किया जाता है I इस विधि में अयस्क को बारीक पीसकर पानी की धारा प्रवाहित कर लिया जाता है। जिससे अयस्क के भारी कण नीचे बैठ जाते हैं। एवं अशुद्धिया ऊपर तैरने लगती है अथवा ये पानी की धारा के साथ बहकर अलग हो जाती है। प्राय: कार्बोनेट तथा ऑक्साइड अयस्कों के सांद्रण के लिए इस विधि का उपयोग किया जाता है । Ex.- हेमेटाइट
(ii) झाग उत्प्लावन विधि- सल्फाइड अयस्क का सांद्रण के लिए इस विधि का उपयोग किया जाता है । इस विधि में बारीक पिसे सल्फाइड अयस्क में पाइन तेल तथा जल मिलाकर उसमें अधिक दाब पर वायु प्रवाहित की जाती है। जिस कारण झाग उत्पन्न होती है। सल्फाइड अयस्क के कणों पर तेल की एक परत बन जाती है जिसके कारण हवा के बुलबुले इससे चिपक जाते है I इस प्रकार यह कण हल्के होकर झाग के साथ ऊपर आते है जबकि मिट्टी पत्थर जैसे अशुद्धियाँ तली में बैठ जाती है।
(iii) चुंबकीय पृथक्करण विधि- अयस्क में चुम्बकीय पदार्थ उपस्थित होने पर इस विधि का उपयोग किया जाता है इस विधि में अयस्क को बारीक पीस कर चुम्बक पर चलने वाले वाले रबर के पटटे (कन्वेयर बेल्ट) पर डाला जाता है I अचुम्बकीय प्रदार्थ पट्टे के ऊर्ध्वाधर होते ही गिर जाते है परन्तु चुम्बकीय पदार्थ पटटे पर तब तक चिपके रहते हैं जब तक कि वह चुम्बक के प्रभाव से बाहर नहीं हो जाते ।इस विधि से टिन के अयस्क (SnO2) में उपस्थित अचुम्बकीय अशुद्धियों को पृथक किया जाता है।
Page No.155 प्रश्न 9. हेमेटाइट से लोहे के निष्कर्षण को निम्नलिखित पदों के आधार पर समझाइए-
(i) अयस्क का सांद्रण
(ii) ऑक्साइड का धातु में अपचयन (रासायनिक समीकरण सहित)
(iii) वात्या भट्टी का चित्र उत्तर – (i) अयस्क का सांद्रण- हेमेटाइट (Fe2O3) यह एक लोहे का अयस्क है। इसका सान्द्रण गुरुत्व पृथक्करण विधि द्वारा किया जाता है | इस विधि में अयस्क (हैमेटाइट) का बारीक पीसकर पानी की धारा प्रवाहित कर हिलाया जाता है। जिससे अयस्क के भारी कण नीचे बैठ जाते हैं एवं अशुद्धियाँ ऊपर तैरने लगती हैं जिन्हें अलग कर लिया जाता है | अथवा यें पानी की धारा के साथ बहकर अलग हो जाती है ।
(ii) आक्साइड का धातु में अपचयन (chemical Reaction)- हेमेटाइट (Fe2O3) का अपचयन कोक अथवा कोयला से किया जाता है मुख्यत: ।
(i) Fe2O3 + 3CO 2Fe + 3CO2
(ii) Fe2O3 + 3C 2Fe + 3CO
Fe2O3 का अपचयन क्रमशः CO और C के द्वारा हुआ है जो कि लौह अयस्क से मुक्त Fe बन गया है ।
(iii) वात्या भट्टी का चित्र –
Page No.155 प्रश्न 10. जंग लगने के विद्युत रासायनिक सिद्धांत को समझाइए I उत्तर – संक्षारण की क्रिया विद्युत रासायनिक अभिक्रियाओं के द्वारा सम्पन्न होती है। जब धातु जैसे लोहे को वायु और नमी युक्त वातावरण में रखा जाता है तब धातु की सतह पर धनात्मक और ऋणात्मक क्षेत्र निर्मित हो जाने के कारण सतह विद्युत रासायनिक सेल की भांति व्यवहार करने लगती है।
चित्र – लोहे में जंग लगने की रासायनिक अभिक्रिया
एनोड पर Fe, Fe2+ के रूप में विलयन में चला जाता है I
Fe Fe2+ + 2e-
कैथोड पर – ऑक्सीजन की उपस्थिति में ये इलेक्ट्रॉन जल के अणुओं द्वारा ले लिए जाते है तथा OH– आयन बनाते है ।
2H2O+ O2 + 4e- 4OH-
एनोड पर बने Fe2+ आयन OH– आयनों से क्रिया करके 2Fe(OH)2बनाते है यह आयरन हाइड्रोक्साइड वायुमंडल की ऑक्सीजन द्वारा नमी की उपस्थिति में हाइड्रेटेड आयरन ऑक्साइड बनाता है I
2Fe(OH)2 + ½ O2(g) + H2O(l) Fe2O3.xH2O(s)
हाइड्रेटेड आयरन ऑक्साइड जंग (Rust) कहलाता है I
Page No.155 प्रश्न 11. कारण बताइए-
(i) आभूषण बनाने के लिए सोना, चाँदी तथा प्लेटिनम धातुओं का उपयोग किया जाता है। (ii) सोडियम, पोटैशियम तथा लिथियम धातु को केरोसिन में डुबाकर रखा जाता है। (iii) ऐलुमिनियम एक सक्रिय धातु है फिर भी इसका उपयोग बर्तन बनाने में किया जाता है। (iv) कार्बोनेट तथा सल्फाइड अयस्क से धातु के निष्कर्षण के लिए उसे ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है। उत्तर – (i) आभूषण बनाने के लिए सोना, चाँदी तथा प्लेटिनम धातुओं का उपयोग किया जाता है क्योंकि ये सभी बहुत अक्रिय धातु है ये हवा में उपस्थित विभिन्न गैसों के साथ भी क्रिया नहीं करते हैं । साथ ही साथ इनमे तन्यता (ductility) बहुत होती है जिसके कारण इन्हें किसी भी रूप में आसानी से ढाला जा सकता है इस कारण इसका उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है । (ii) सोडियम, पोटैशियम तथा लिथियम धातु को केरोसिन में डुबाकर रखा जाता है क्योंकि ये सभी धातु बहुत ही सक्रिय धातु है यें हवा में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ क्रिया कर जलने लगते है इस कारण इन्हें केरोसिन में रखा जाता है। (iii) उच्च गलनांक और उच्च चालकता (ऊष्मा का) के कारण इसका उपयोग बर्तन बनाने के लिए किया जाता है क्योंकि उच्च चालकता के कारण यह आसानी से गर्म हो जाता और इस कारण इस धातु का उपयोग प्रेशर कुकर बर्तन बनाने के लिए भी किया जाता है I (iv) कार्बोनेट, तथा सल्फाइड अयस्क से धातु के निष्कर्षण के लिए उसे ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है क्योंकि ऑक्साइड के अयस्क से धातु को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। क्योंकि ऑक्साइड अयस्क बेड ही आसानी से कोक या कार्बन की मदद से अपचयित किया जा सकता है, और बहुत सारे अयस्क कार्बोनेट तथा सल्फाइड के रूप में होते है जिन्हें पहले ऑक्साइड अयस्क में परिवर्तित कर उनका निष्कर्षण किया जाता है।