CG Board Class 10 Science Solutions Chapter 14 जैविक प्रक्रियाएँ : प्रजनन , वृद्धि और परिवर्धन

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 Class 10 Science 

 Chapter 14 

जैविक प्रक्रियाएँ : प्रजनन , वृद्धि और परिवर्धन


अभ्यासार्थ प्रश्न :- 

प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए-

Page No.251                         1. हमारे शरीर की लगभग सभी कोशिकाओं में निम्नलिखित प्रकार से कोशिका विभाजन होता है I

 (अ) अर्द्धसूत्री (ब) एकलिंगी (स) समलिंगी (द) समसूत्री।

Page No.251                                 2. निम्न में से कौन सा मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है?

 (अ) अंडाशय (ब) गर्भाशय (स) शुक्रवाहिका (द) अंडवाहिका

Page No.251                                 3. लैंगिक प्रजनन से – 

 (अ) विभिन्नताएँ बढ़ती है

 (ब) नर और मादा जनन कोशिकाओं के निषेचन द्वारा युग्मनज बनता है

 (स) इनमें से कोई नहीं

 (द) दोनो ‘अ’ व ‘ब’ ।

उत्तर –1.(द), 2. (स), 3. (द)

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प्रश्न 2. क्या आँवल गर्भ में पल रहे बच्चे के लिये अनिवार्य है ? क्यों ?             उत्तर- अपरा (Placenta) एक गर्भवती मां में उपस्थित होता है, और इन्हीं के द्वारा ही गर्भ में पल रहे बच्चे का मां से सम्बन्ध बना रहता है।

Placenta के द्वारा ही भ्रूण को आवश्यक भोजन, जल एवं वायु आदि पदार्थ उपलब्ध होते है तथा भूण की अपशिष्ट पदार्थ इसी के द्वारा मां के शरीर के द्वारा उत्सर्जित किया जाता है। अतः भ्रूण के पूर्णतः विकास के लिये अपरा बहुत महत्वपूर्ण होता है।

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प्रश्न 3. निषेचन की प्रक्रिया में नर और मादा की क्या भूमिका होती है ? 

उत्तर- निषेचन की प्रक्रिया में नर और मादा की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि दोनों ही Gametes का निर्माण करते हैं, उसके बाद ही निषेचन की प्रक्रिया होती है और zygote का निर्माण होता है, और इसी zygote से आगे विकसित होकर एक शिशु का निर्माण होता है। 

 नर मादा 

 नर शुक्राणु मादा अंडाणु 

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प्रश्न 4. पुष्प का चित्र बनाकर उसमें नर और मादा जनन अंगों को दर्शाइए I 

उत्तर- 

                              चित्र- पुष्प में नर और मादा जननांग 

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प्रश्न 5. लैंगिक व अलैंगिक प्रजनन में कम से कम पाँच अंतर लिखिए।             उत्तर – लैंगिक व अलैंगिक प्रजनन में अंतर :-

क्र.लैंगिक प्रजननअलैंगिक प्रजनन
1. 

 2.

 3.


 4. 

 5. 
लैंगिक प्रजनन में दो जनक भाग लेते हैं I
इसमें अर्धसूत्री विभाजन द्वारा अगुणित युग्मक बनते है।
इसमे निषेचन की क्रिया से युग्मनज का निर्माण होता है, जिससे एक नया जीव बनता है I 
नया जीव अनुवांशिक रूप से पूरी तरह पैतृक जीवों के समान नहीं होता है।नए जीवों में विभिन्नताएं पायी जाती है I उदा.- उच्च वर्ग जीवमनुष्य, पौधे etc. 
अलैंगिक प्रजनन में केवल एक ही जनक भाग लेता है I यह जनन केवल असूत्री या समसूत्री विभाजन द्वारा होता है इसमें अगुणित युग्मक नहीं बनते है Iइसमें निषेचन की क्रिया नहीं होती है, पैतृक कोशिका से नया जीव बनता है I

नया जीव पैतृक जीव के समान होता है। 

इसमें विभिन्नताएं नहीं पायी जाती है Iउदा.- निम्न वर्ग जीव Bacteria, Fungi etc. 

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प्रश्न 6. माहवारी क्या है ? इसका मादा मनुष्य के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?       उत्तर- माहवारी:- माहवारी सभी महिलाओं में होने वाली मासिक चक्र का वह भाग हैं, जिसमें योनी मार्ग से कुछ दिनों के लिये रक्त स्त्राव होता है।

यह प्रक्रिया 12 से 50 वर्ष तक एक चक्र के रूप में 26 से 30 दिनों तक चलती है, इससे लड़की के शरीर में गर्भाधान की तैयारी होती है।

यदि इस अवस्था में अंडाणु व शुक्राणु सम्पर्क में आते हैं तो नई संतति बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, अन्यथा इस सम्पर्क के अभाव में माहवारी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। साथ ही साथ माहवारी की शुरुआत होने पर लड़कियों में द्वितीयक लैगिक लक्षण का विकास होता है।

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प्रश्न 7. गर्भरोधन की दो विधियों का विवरण लिखिए।

उत्तर – गर्भरोधन की विधियां– (1) रासायनिक विधि:- अनेक प्रकार के रासायनिक पदार्थ मादा निषेचन को रोक सकते है। स्त्रियों के द्वारा गर्भ निरोधक गोलियां प्रयोग की जाती है।

(2) नसबंदी– स्त्रियों और पुरुषों में नसबंदी द्वारा निषेचन को रोका जाता है ।

पुरुषों की शल्य चिकित्सा द्वारा शुक्र वाहिनियों को काटकर बांध दिया जाता, जिससे वृषण में बनने वाले शुक्राणु बाहर नहीं आ पाते । 

स्त्रियों में अंडवाहिनी को काटकर बांध देते हैं जिससे अंडाशय में बने अण्डे गर्भाशय में नहीं आ पाते ।

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प्रश्न 8. एक कोशिकीय एवं बहुकोशिकीय जीवों के जनन पद्धतियों में क्या अंतर है ?   उत्तर- एक कोशिकीय जीवों में जनन अलैंगिक जनन होता है। अर्थात इसमें 2 जीवों के युग्मक की आवश्यकता नहीं होती है।                   इसमें सीधे कोशिका का विभाजन होता है। ज्यादातर अलैंगिक जनन तेजी से एवं सरल प्रकार का होता है । 

ex.- जीवाणु, अमीबा, पैरामीशियम

बहुकोशिकीय जीवों में लैंगिक जनन पाया जाता है जिसमें 2 जीवों के युग्मक का संयुग्मन होता है।

इसमें जनन की प्रक्रिया जटिल और ज्यादा समय तक चलती है।

ex.- मानव, मेढ़क, पक्षी, उच्च वर्गीय पौधे आदि

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प्रश्न 9. प्रजनन किसी प्रजाति की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है ?

उत्तर – समस्त जीव जंतुओं में सभी जैविक प्रक्रियाओं के समान ही प्रजनन भी एक आवश्यक जैविक प्रक्रिया है जिससे विभिन्नताएं उत्पन्न होती है, अगर जीवो में प्रजनन की प्रक्रिया नही होगी तो धीरे – धीरे जीवों का अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा, क्योकि किसी जीव की जन्म होती है तो एक समय के बाद उसकी मृत्यु निश्चित है, और किसी प्रजाति को आगे बनाए रखना है तो उसके लिए प्रजनन का होना आवश्यक है। अत: किसी प्रजाति की समष्टि को पीढ़ी दर पीढ़ी उसकी निरन्तरता को बनाये रखने के लिये प्रजनन की क्रिया होना आवश्यक है।

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प्रश्न 10. क्या सभी पौधों में बीज होते हैं ? ऐसे पौधे जिनमें बीज नहीं बनते उनके नई संतति कैसे बनती होगी ?

उत्तर- सभी पौधे में बीज नहीं होते हैं, तथा सभी पौधे बीज से नहीं उगते हैं। ऐसे पौ धे जिनमें बीज नही बनते है उनमें बिना बीज के ही कई प्रकार की विधियों से जनक से नई संतति उत्पन्न हो जाती है।उदाहरण- वर्धी प्रजनन जनन कोशिकाओं के अलावा अन्य किसी अंग से नये संतति का बनना ‘वर्धी प्रजनन’ कहलाता है। वर्धी प्रजनन में जड़, तना और पत्ती से नये पौधे उत्पन्न कर सकते हैं, जो अपने जनक के समान ही होता है।

जैसे- (1) कलम लगाना → गुलाब, अंगूर

(2) दाब लगाना → नींबू, संतरा

(3) रोपण → आम, सेब 

(4) कलिकायन → सेब, नाशपती

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प्रश्न 11. वृद्धि और परिवर्धन से आप क्या समझते हैं ? संक्षिप्त विवरण लिखिए।

उत्तर- वृद्धि एवं विकास एक दूसरे से संबंध रखते है, क्योंकि वृद्धि विकास का एक चरण है, और विकास में वृद्धि भी सम्मिलित होती है।

वृद्धि – किसी जीव के शरीर, आकार, आयतन आदि में होने वाले अनुत्क्रमणीय परिवर्तन को वृद्धि कहते हैं।

जैसे- जीवी के शरीर की लम्बाई का बढ़ना।

इस प्रकार की वृद्धि में व्यक्ति की मांसपेशियों में वृद्धि होती है।                   परिवर्धन :- निषेचित अंड से परिपक्व जीव बनने की क्रमिक प्रक्रिया को परिवर्धन कहा जाता है। →इसमें व्यक्ति परिपक्वता की ओर गति करता है । परिवर्धन जन्म से मृत्यु तक निरंतर होती ही रहती है।

→अधिकांश शारीरिक विकास, शारीरिक वृद्धि पर निर्भर करता है I

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प्रश्न 12. गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए?

उत्तर- गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिये हमें निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए-

(1) गर्भवती महिलाओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए |         (2) ऐसी महिलाओं को पौष्टिक भोजन देना चाहिए I ताकि पेट में पल रहे भ्रूण को पर्याप्त पोषण मिल सके ।

(3) एनीमिया से बचाव लिये आयरन की गोली तथा भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां देनी चाहिए I

(4) अत्यधिक शारीरिक श्रम से बचना चाहिए |

(5) गर्भवती महिलाओं को ज्यादा तनाव नहीं लेना चाहिए, इसका विशेष ध्यान देना चाहिए |

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