Class 10 Science
Chapter 15
आनुवंशिकी : जनकों से संतानों तक
अभ्यास के प्रश्न:-
प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए –
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(i) मेण्डल की सफलता का क्या कारण है-
(अ) तर्कों या प्रयोगों के आधार पर स्पष्ट योजना एवं विधिवत अभिलेख
(ब) केवल कुछ ही लक्षणों पर अपना ध्यान केन्द्रित करना
(स) गणित व सांख्यिकी का प्रयोग
(द) उपरोक्त सभी।
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(ii) मेण्डल ने मटर के विपरीत लक्षण वाले गुणों का अध्ययन किया था । निम्न में से कौन-सा उनके अध्ययन में शामिल नहीं था –
(अ) लम्बा और बौना
(ब) पीले और हरे बीज का रंग
(स) अग्रस्थ और कक्षस्थ पुष्प
(द) चिकना एवं खुरदरा तना
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(iii) कुछ लोग अपनी जीभ गोल मोड़ सकते हैं (Roller-RR/Rr) और यह एक ऑटोसोम संबंधी प्रभावी गुण है। जो नहीं मोड़ सकते, वह अप्रभावी कारक वाले है (Non Roller-rr) एक बच्चा अपनी जीभ गोल मोड़ सकता है। उसका एक भाई जीभ नहीं मोड़ सकता और दो बहनें जीभ गोल मोड़ सकती हैं। यदि उनके दोनों जनक जीभ मोड़ सकने वाले हैं तो जनकों के कारक होंगे-
(अ) RR एवं RR (ब) Rr एवं Rr
(स) RR एवं rr (द) rr एवं rr
उत्तर- (i) (द), (ii) (द), (iii) (ब)।
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प्रश्न 2. मनुष्य में 4 रक्त समूह A, B, AB, O, प्रतिजनकारकों को व्यक्त करने वाले पदार्थों की उपस्थिति व अनुपस्थिति के आधार पर पहचाना जाता है। O में A या B में से कोई भी कारक नहीं पाया जाता। I ‘I’ उस पदार्थ के कारक को दर्शा रहा हो तो हम निम्नलिखित तरीके से कारकों के जोड़े को दर्शा सकते हैं। I° का मतलब है कि I कारक की अनुपस्थिति। इस जानकारी के आधार पर निम्नलिखित सवालों का उत्तर दें-
(i) रुधिर समूह A दर्शाने के लिए कितने I^ कारकों की जरूरत होगी ?
(ii) रुधिर समूह O दर्शाने के लिए कितने IO कारकों की जरूरत होगी?
(iii) A,B, O रक्त समूह में से कौन-सा दब्बू या अप्रभावी कारक है?
(iv) अप्रभावी कारक हमेशा शुद्ध जनक पीढ़ी को दर्शाता है। इस कथन की पुष्टि करें।
(v) रक्त समूह A वाले माता-पिता के दो बच्चों में से एक O रक्त समूह वाला है तो माता-पिता के रुधिर समूह दर्शाने वाले कारक क्या होंगे? दूसरे बच्चे का रक्त समूह क्या हो सकता है ?
उत्तर- (i) रुधिर समूह A दर्शाने के लिए 2 या 1 I^ कारक की जरूरत होगी I
(ii) 2(IO IO) IO कारको की जरूरत होगी I
(iii) रक्त समूह O अप्रभावी कारक होगा I
(iv) अप्रभावी कारक – ऐसे लक्षण जो संकरण के बाद प्रथम पीढ़ी में दिखाई नहीं देते हैं, उसे अप्रभावी लक्षण कहते हैं, और यह अप्रभावी लक्षण अप्रभावी कारक पर निर्भर करते है। जब प्रभावी कारक उपस्थित होता है वह अप्रभावी कारक के गुण को प्रकट होने नहीं देता है । अप्रभावी कारक तभी प्रकट होगा जब कारक शुद्ध या युग्मविकल्पी एक समान हो ।
यही कारण है कि अप्रभावी कारक हमेशा शुद्ध जनक को दर्शाता है ।
Ex. – प्रभावी कारक (TT), अप्रभावी कारक(tt) → शुद्ध माता के रक्त समूह कारक पिता के रक्त समूह कारक (v) माता- पिता के रक्त समूह दर्शाने वाले कारक → I^ IO कारक, IO IO, I^ IO और IB IO कारक होगा दूसरे बच्चे का रक्त समूह A,B,AB होगा ।
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प्रश्न 3. जनकों में पर-परागण करवाने पर : नीले पुष्प वाले x सफेद पुष्प वाले जनक Bb जनक bb
F1 पीढ़ी के संतान के कारकों के जोड़े होंगे-
क ख ग घ
उत्तर-
(क) Bb (ख) Bb (ग) bb (घ) bb
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प्रश्न 4. गाय की एक प्रजाति “जेबा” गर्मी में रहने के लिए अनुकूलित है। एक और प्रजाति साहिवाल साल भर में लगभग 20,000 लीटर दूध देती है। अंगुस नामक एक अन्य प्रजाति का शरीर सुदृढ़ है। छत्तीसगढ़ में किसी गाय से ज्यादा से ज्यादा दूध प्राप्त करना हो तो इनमें से किन गायों में संकरण करना होगा और क्यों ? उत्तर- गाय की साहिवाल प्रजाति अधिक दूध देती है और अंगुस प्रजाति शरीर से सुदृढ़ है। अगर छत्तीसगढ़ में किसी गाय से ज्यादा दूध प्राप्त करना हो तो दोनों प्रजाति का संकरण कराना होगा ताकि अधिक दूध देने के साथ-साथ गाय शरीर से प्रबल हो ।
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प्रश्न 5. आनुवंशिकी का अध्ययन हमें फसल उत्पादन को बढ़ाने के लिये कैसे मदद कर सकता है ?
उत्तर- आनुवंशिकी के आधार पर हम अच्छे गुणों वाले पौधे का चयन आसानी से कर सकते हैं। क्योकि अगर फसल उत्पादन को बढ़ाना है तो सबसे पहले अच्छे गुण वाले पौधे का चयन करेंगे, फिर दोनो का संकरण कराने से हमे मनचाहा गुण वाले पौधे प्राप्त हो जाते हैं।
जैसे:- (1) पौधे के genes में परिवर्तन करके कसल उत्पादन बढ़ा सकते है।
(2) पौधे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास
(3) उच्च गुणवत्ता वाली फसलों का विकास
उदा० – पहले के चावल में 20% Vit A. की मात्रा होती थी लेकिन अब संकरण द्वारा golden rice का उत्पादन किया जाता है जिसमें 20 गुना ज्यादा Vit. A की मात्रा होती है।
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प्रश्न 6. लक्षणों के चुनाव से हम पौधों की नई किस्म कैसे प्राप्त करेंगे ?(संकेत – अध्याय 1 में आपने सरसों फूल के पौधे का अध्ययन किया था I उस स्थान पर किसी दूसरे पौधे को रखकर सोचें I उत्तर- मनचाहा लक्षणों के चुनाव में हम पौधे की नई किस्म प्राप्त करने के लिये पौधे के आधार पर सबसे पहले मनचाहा विपरीत गुण वाले पौधे का चयन करेंगे फिर दोनों का आपस में संकरण करायेंगे, जिससे हमें मनचाहा नई किस्म प्राप्त हो जायेगी I जैसे- धान, कपास, गन्ना, आम, टमाटर आदि में नई – नई किस्म बनाया गया है।
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प्रश्न 7. एक कृषक ने बैंगनी फूल वाले मटर के पौधे के बीज लगाए और दावा किया कि अगली पीढ़ी में बैंगनी फूल के पौधे ही मिलेंगे। क्या वे सही थे ? स्पष्ट कीजिए I
उत्तर- किसान ने अगर बैंगनी फूल वाले मटर के बीज लगाये ‘तो उससे अगली पिढ़ी में कौन से फूल वाले मटर के पौधे मिलेंगे वह निर्भर करेगा पौधे के प्रभावी और अप्रभावी कारक पर ।
अगर किसान ने जनक को प्रभावी लिये होगे तो सभी पौधे बैंगनी फूल के पौधे मिलेंगे, लेकिन अगर अप्रभावी कारक लिये होंगे (Vv) तो बैंगनी के साथ सफेद पौधे भी मिलेंगे।अतः किसान सही नहीं थे।
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प्रश्न 8. आजकल सफेद और लाल गुलाब के फूल वाले पौधों से गुलाबी रंग के फूल वाले पौधे से गुलाबी रंग के फूल वाले पौधे प्राप्त करना संभव हो गया है। क्या कुछ कारक घुलते-मिलते भी हैं? कृषि से जुड़े कुछ और ऐसे उदाहरण लिखिए।
उत्तर – कृषि से जुड़े उदाहरण-
(1) पौधों की लम्बाई को आवश्यकतानुसार बढ़ाना या घटाना I
(2) धान की बाली का लम्बाई में परिवर्तन
(3) उन्नत किस्म के बीज का निर्माण |
(4) आज कल गेहूँ के संकरण द्वारा विभिन्न किस्मों का निर्माण किया गया है।
(5) संकरण द्वारा Golden rice का निर्माण I
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प्रश्न 9. (अ) क्रियाकलाप-3 को अगर आप एक ही सिक्के से खेलते तो चित या पट होने की संभावना कितनी होती ?
(ब) क्या हर बार की परिस्थिति 25 प्रतिशत मिल रही है ?
उत्तर- (अ) अगर हम एक ही सिक्के से खेलते तो चित या पट होने की संभावना 50% होगी |
(ब) नही हर बार की परिस्थिति 25% नही मिल रही है।
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प्रश्न 10. कारकों की जानकारी के आधार पर क्या हम खुद भी उन्नत बीज तैयार कर सकते हैं ? इसके लिए हमें क्या करना होगा ? उत्तर- कारको की जानकारी के आधार पर हम भी उन्नत बीज तैयार कर सकते हैं, इसके लिए सबसे पहले उन्नत बीज लेंने होंगे फिर इसका जिस पौधे में चाहिए उसके साथ इस बीज का संकरण कराना होगा, जिससे पौधे में उन्नत किस्म के जींस के कारण उन्नत बीज प्राप्त होगा I → संकरण हम संवर्धन माध्यम से कर सकते हैं।
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प्रश्न 11. दूध की मिठास मुख्य रूप से उसमें उपस्थित लैक्टोज शर्करा के कारण है। आपने कई लोगों के बारे में सुना होगा कि वे दूध या दूध संबंधी उत्पादों को पचा नहीं सकते हैं। इस शर्करा को पचाने वाले एन्जाइम का बनना एक मेण्डलीय कारक के रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। एन्जाइम बनने के लिए एक भी कारक हो तो एन्जाइम बनता है और दूध पच सकता है। इस जानकारी के आधार पर बताएँ-
(i) माता-पिता दूध पचा पाते हैं मगर उनका एक बच्चा दूध नहीं पचा पाता तो ऐसे बच्चे के माता पिता के कारक कैसे होंगे (Lactose को पचाने वाले कारक L हो तो)?
(ii) बच्चे के कारक किस प्रकार के होंगे? ऐसे कारकों के जोड़े को क्या कहा जाता है ?
(iii) इन्हीं माता-पिता के कितने प्रतिशत बच्चे दूध पचा सकेंगे ?
उत्तर- (i) माता पिता दूध पचा पाते है मगर उनका एक बच्चा दूध नहीं पचा पाता ,तो ऐसे बच्चे के माता पिता के कारक निम्न होंगे-
माता के कारक – Ll
पिता के कारक – Ll
(ii) → बच्चे के कारक → l l (अप्रभावी कारक या समयुग्मजी कहा जाता है I)
(iii) → माता का कारक पिता का कारक
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प्रश्न 12. चने के पौधे में कक्ष से एक या दो पुष्प निकलते हैं। स्वाभाविक रूप से एक पुष्प से एक बीज बनना यह प्रभावी गुण (dominant character) है। जबकि दो पुष्प से दो बीज बनते हैं यह अप्रभावी गुण (recessive character) है। यदि प्रभावी कारक को SS और अप्रभावी कारक को ss से प्रदर्शित किया जाए तो उक्त जानकारी के आधार पर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 1. शुद्ध प्रभावी एकल पुष्पीय पौधे SS एवं शुद्ध अप्रभावी द्विपुष्पीय पौधे ss का पर परागण करने पर उत्पन्न प्रथम संतति का स्वपरागण करने पर द्वितीय पीढ़ी में एक पुष्पीय एवं द्विपुष्पीय पौधों का प्रतिशत बताइए एवं दर्शाइए।
2. विषमरूप एक पुष्पीय पौधे Ss तथा शुद्ध अप्रभावी पुष्पीय पौधे ss के कारकों से उत्पन्न एकल पुष्पीय और द्विपुष्पीय पौधों का प्रतिशत बताइए।
3. शुद्ध प्रभावी एकल पुष्पीय पौधे SS तथा विषम रूप Ss एकल पुष्पीय पौधे को यदि पर परागित किया जाए तो एकल पुष्पीय पौधों का प्रतिशत बताइए एवं दर्शाइए ।
उत्तर – 1. शुद्ध प्रभावी पौधे शुद्ध अप्रभावी पौधे
जब संकरण पौधे का स्वपरागण किया गया ,तो द्वितीय पीढ़ी में दो प्रकार के पौधे मिलते है I
→ स्वपरागण कराने पर द्वितीय पीढ़ी में 75% एक पुष्पीय पौधे मिलेंगे I (SS, Ss,Ss) → स्वपरागण कराने पर द्वितीय पीढ़ी में 25% एक द्विपुष्पीय पौधे मिलेंगे I(ss)
उत्तर -2
विषमस्प एक पुष्पीय पौधे शुद्ध अप्रभावी पौधे
Ss x ss
→ Ss, Ss → 50% एकल पुष्पीय पौधे → ss, ss → 50% द्विपुष्पीय पौधे ।
उत्तर – 3.
शुद्ध प्रभावी एकल पुष्पीय पौधे विषमस्पी एकल पुष्पीय पौधे
SS x Ss
पर परागण
एक पुष्पीय पौधे का % 100 होगा (SS, SS , Ss,Ss)